ISKCON के नाम पर रूस-यूक्रेन संकट के बीच खाना बांटने की तस्वीरें कहां की हैं?
सोशल मीडिया पर यूक्रेन के इस्कॉन मंदिरों द्वारा जरूरतमंदों को खाना बांटने की तस्वीर वायरल हो रही है.
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सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें.
दावा
रूस-यूक्रेन के बीच चलते विवाद के कारण मानवीय संकट बढ़ता जा रहा है. युद्ध के कारण यूक्रेन के निवासी देश छोड़ के भाग रहे हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर एक कुछ लोगों के खाना बांटने की तस्वीर वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है ये तस्वीर यूक्रेन की है, जहां 54 ISKCON मंदिर ज़रूरतमंदों को खाना खिला रहे हैं.वेरिफाइड सोशल मीडिया यूज़र नवीन कुमार जिंदल
ने तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा - (आर्काइव
)
54 इस्कॉन मंदिर यूक्रेन में जरूरतमंद लोगो को खाना खिला रहे है।
सनातन कभी मानवता की सेवा से पीछे नही हटता।
जय श्री कृष्णा 🚩
DNA54 इस्कॉन मंदिर यूक्रेन में जरूरतमंद लोगो को खाना खिला रहे है।
सनातन कभी मानवता की सेवा से पीछे नही हटता।
जय श्री कृष्णा 🚩 pic.twitter.com/ljNrj0WWnV
— Naveen Kumar Jindal 🇮🇳 (@naveenjindalbjp) February 27, 2022
ने भी अपनी ऑफीशियल वेबसाइट पर यूक्रेन के इस्कॉन मंदिरों से जुड़ी न्यूज़ रिपोर्ट में इसी तस्वीर का प्रयोग किया है. (आर्काइव
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DNA की वेबसाइट पर मिली तस्वीर का स्क्रीनशॉट.
कई और सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस तस्वीर के साथ एक और तस्वीर को शेयर
किया. (आर्काइव
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पड़ताल 'दी लल्लनटॉप' की पड़ताल में वायरल दावे के साथ शेयर की जा रही तस्वीर भ्रामक निकली. ये तस्वीर ISKCON द्वारा अभी चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में खाना बांटने की नहीं है.54 ISKCON temples in Ukraine are providing meals to needy people. pic.twitter.com/qRVbCSXLF1
— News Arena (@NewsArenaIndia) February 26, 2022
पहली तस्वीर की पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने शेयर हो रही तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजा तो हमें Alachua ISKCON
की वेबसाइट पर यही तस्वीर मिली. (आर्काइव
)

Alachua Iskcon की वेबसाइट पर मिली तस्वीर का स्क्रीनशॉट.
साथ ही रिवर्स इमेज की मदद से ही खोजने पर हमें ISKCON Desire Tree
की वेबसाइट पर भी यह तस्वीर मिली. (आर्काइव
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ISKCON Desire Tree
की वेबसाइट पर वायरल तस्वीर को जिस आर्टिकल में यूज़ किया गया है, उसे 3 जून 2019 को पब्लिश किया गया था.
यानी एक बात तो साफ है कि खाना खिलाते हुए लोगों की वायरल तस्वीर का मौजूदा रूस-यूक्रेन विवाद से कोई संबंध नहीं है.
दूसरी तस्वीर की पड़ताल
दूसरी वायरल तस्वीर रिवर्स इमेज की मदद से सर्च से हमें ISKCON की ऑफीशियल वेबसाइट पर चेचन्या राहत कार्य
के नाम से मिली. चेचन्या रूस के दक्षिणी हिस्से से जुड़ा एक गणराज्य है. हालांकि वेबसाइट पर इस तस्वीर की तारीख की कोई जानकारी मौजूद नहीं है. (आर्काइव
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ISKCON की ऑफीशियल वेबसाइट पर चेचन्या राहत कार्य के नाम से मिली तस्वीर का स्क्रीनशॉट.
और खोजने पर ये तस्वीर हमें ISKCON Food for life
के नाम से Wikipedia की वेबसाइट पर भी मिली, जिसके मुताबिक इस तस्वीर को 21 फरवरी 2009 को खींचा गया था. (आर्काइव
)
हमारी पड़ताल से साफ है कि दोनों वायरल तस्वीरें अभी चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध की नहीं हैं.
क्या कर रहे हैं यूक्रेन के इस्कॉन मंदिर ?
The Economic Times
की वेबसाइट पर 22 फरवरी, 2022 को पब्लिश किये गए एक आर्टिकल के मुताबिक - (आर्काइव
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यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) ने पूर्वी जरूरतमंद लोगों के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए हैं. ANI से बात करते हुए, ISKCON, कोलकाता के उपाध्यक्ष, राधारमण दास ने कहा, "पूरे यूक्रेन में ISKCON मंदिर जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए तैयार हैं. हमारे भक्त और मंदिर संकट में लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारे मंदिर के दरवाजे सेवा के लिए खुले हैं. ISKCON के यूक्रेन में 54 से अधिक मंदिर हैं और हमारे भक्त और मंदिर किसी भी तरह से दूसरों की सेवा करने की कोशिश कर रहे हैं. आज सुबह हमें कीव में अपने भक्तों से एक अपडेट मिला और भगवान कृष्ण की कृपा से, वे सभी सुरक्षित हैं और हमारे 54 मंदिर भी सुरक्षित हैं."साथ ही सर्च करने पर हमें पत्रकार आदित्य राज कौल द्वारा 27 फरवरी, 2022 को किया गया एक ट्वीट
मिला. (आर्काइव
)
इस ट्वीट में आदित्य ने यूक्रेन से हंगरी आये भारतीय स्टूडेंट्स को ISKCON द्वारा बांटे गए खाने की तस्वीरें शेयर की हैं. साथ ही एक दूसरे ट्वीट में आदित्य ने इससे जुड़ा वीडियोPhotographs of @ISKCON
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) February 27, 2022
members distributing fresh food and water for stranded Indian Nationals who crossed over from Ukraine to Hungary. This is a wonderful gesture in the time of such war and crisis. ISKCON has a huge network across the globe and Ukraine as well. 🙏 pic.twitter.com/PBbIlBSbeD
भी शेयर किया है. कहा जा रहा है कि इस्कॉन ने ऐसा भारतीय एम्बेसी के कहने पर किया है. (आर्काइव
) नतीजा ‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक साबित हुआ. रूस-यूक्रेन युद्ध के नाम पर ISKCON मंदिर के लोगों द्वारा खाना बांटने की तस्वीरें पुरानी हैं. ये तस्वीरें ISKCON की ऑफीशियल वेबसाइट के अलावा और भी कई वेबसाइट्स पर मौजूद हैं. ISKCON, कोलकाता के उपाध्यक्ष, राधारमण दास के मुताबिक - यूक्रेन में मौजूद 54 ISKCON मंदिर सेवा के लिए खुले हैं. उनके बयान में खाना बांटने से जुड़ा कोई जिक्र नहीं था, लेकिन यूक्रेन से हंगरी पहुंचे भारतीय विद्यार्थियों को ISKCON की तरफ से भोजन और पानी बांटा गया था.
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