अभी कुछ दिनों पहले प्रकाश झा की 'मट्टो की साइकिल' रिलीज़ हुई थी. अद्भुत फ़िल्म थी. एक दिहाड़ी मजदूर की ज़िंदगी का बेहतरीन फ़िल्मांकन. बताया गया कि ये आर्ट सिनेमा है. अब एक और फ़िल्म आई है संजय मिश्रा की 'वो तीन दिन'. इसे भी आर्ट सिनेमा कहा जा रहा है. देखें वीडियो