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सलमान के करियर की पहली बायोपिक क्यों नहीं बनी, अब डायरेक्टर ने खुद बता दिया!

Salman Khan अपने जीवन में पहली बार बायोपिक करने जा रहे थे. ये Black Tiger उर्फ Ravindra Kaushik पर आधारित थी.

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खबर थी कि 'किसी का भाई किसी की जान' के बाद सलमान ये फिल्म शुरू करने वाले थे.
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यमन
19 अप्रैल 2025 (Published: 06:17 PM IST) कॉमेंट्स
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जून 2021 में एक खबर आती है. Salman Khan अपने करियर में पहली बार बायोपिक करने वाले हैं. ये फिल्म Black Tiger उर्फ Ravindra Kaushik के जीवन पर आधारित होगी. उस दौरान सलमान ‘किसी का भाई किसी की जान’ के लिए शूट कर रहे थे. वो बात अलग है कि तब इसे ‘कभी ईद कभी दिवाली’ के टाइटल से बनाया जा रहा था. खैर उसके बाद 2022 में रिपोर्ट आती है कि सलमान की फिल्म ‘ब्लैक टाइगर’ नहीं बन रही है. मीडिया रिपोर्ट्स ने कहा कि सलमान पहले से टाइगर नाम का किरदार निभा रहे हैं. वो एक ही तरह के दो किरदार नहीं करना चाहते. ‘ब्लैक टाइगर’ को ‘रेड’ और ‘आमिर’ के डायरेक्टर Raj Kumar Gupta बनाने वाले थे. उनकी नई फिल्म ‘रेड 2’ 01 मई को रिलीज़ हो रही है. उसी के सिलसिले में उन्होंने मीडिया से बात की. बताया कि किस वजह से सलमान वाली फिल्म बंद हो गई थी.

PTI से बात करते हुए राज कुमार गुप्ता ने बताया कि वास्तविकता में फिल्म के राइट्स एक्सपायर हो गए थे. इसलिए वो ये फिल्म नहीं बना सके. उनका कहना था,

सलमान खान के साथ एक फिल्म पर बातचीत चल रही थी. मैं अतुल अग्निहोत्री और अलविरा के साथ ये फिल्म बना रहा था. बात चल रही थी कि रविंद्र कौशिक की बायोपिक बनाई जाएगी. उस फिल्म के राइट्स मेरे पास थे. लेकिन फिर वो राइट्स एक्सपायर हो गए. मैंने उन्हें रीन्यू नहीं करवाया. इसलिए वो फिल्म नहीं बनी.

# कौन थे रविंद्र कौशिक उर्फ ब्लैक टाइगर?

रविंद्र कौशिक को इंडिया का बेस्ट जासूस माना जाता है. खबरों के मुताबिक रविंद्र ने जो इनफॉरमेशन मुहैया करवाई, उसकी मदद से हज़ारों भारतीयों की जान बचाई जा सकी. रविंद्र के भाई राजेश्वरनाथ एक इंटरव्यू में बताते हैं कि लखनऊ के एक कॉलेज में उन्हें रॉ के कुछ अफसरों ने देखा. उस दिन रविंद्र एक इंटर-कॉलेज नाटक में हिस्सा ले रहे थे. उनका रोल एक इंडिया आर्मी ऑफिसर का था, जो चीनी सेना की गिरफ्त में होने के बावजूद भारत से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दे रहा था.

उनके इस एक्ट से इंप्रेस होकर उन अफसरों ने रविंद्र को दिल्ली बुलाया. वहां उन्हें दो साल की कड़ी ट्रेनिंग दी गई. खतना करवाया गया, ताकि उन्हें खुद को मुस्लिम साबित करने में कोई दिक्कत न आए. इसके बाद उन्हें और उर्दू और धार्मिक इस्लामिक तालीम दी गई. 1975 में उन्हें 23 साल की उम्र में बॉर्डर पार करा पाकिस्तान भेज दिया गया. रविंद्र पाकिस्तान में नबी अहमद शाकिर के नाम से रहने लगे. कराची यूनिवर्सिटी से LLB की डिग्री हासिल की और पाकिस्तानी आर्मी में भर्ती हो गए. अगले कुछ सालों में प्रमोशन पाकर वो मेजर के रैंक तक पहुंच गए. इंडिया का एक जासूस, जो पाकिस्तानी सेना में मेजर की रैंकिग तक पहुंच गया. सुनने में ही ये बात कितनी थ्रिलिंग लग रही है.

रविंद्र ने वहां काम करते हुए भारत को कई ज़रूरी इंटेल दिए, जिससे हज़ारों लोगों की जान बचाई जा सकी. मगर 1983 में उनकी सच्चाई सामने आ गई. उन्हें गिरफ्तार कर लंबे अरसे तक टॉर्चर किया गया. 1985 में पाकिस्तानी कोर्ट ने उन्हें सज़ा-ए-मौत दे दी. मगर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इस सज़ा को आजीवन कारावास में बदल दिया. 16 साल पाकिस्तान के अलग-अलग हाई सिक्योरिटी जेल में गुज़ारने के बाद 2001 में रविंद्र की डेथ हो गई.

बता दें कि ‘ब्लैक टाइगर’ के बंद होने के बाद सलमान एक और बायोपिक करने वाले थे. ‘द बुल’ के नाम से बनने वाली इस फिल्म को ‘शेरशाह’ के डायरेक्टर विष्णुवर्धन बनाने वाले थे. फिल्म में सलमान ब्रिगेडियर फारूख बुलसारा का रोल करते. करण जौहर इस फिल्म को प्रोड्यूस कर रहे थे. फिल्म के शूट शुरू होने की खबरें भी मीडिया में आने लगी थीं. लेकिन फिर किसी कारण से इस फिल्म को बंद कर दिया गया.  

 

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