क्या होता है हज़मैट सूट, जो कोरोना का इलाज करने वाले डॉक्टर्स को चाहिए?
खबर है कि इंडिया के डॉक्टर्स के पास इस सूट की बेहद कमी है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 24 मार्च को मास्को के एक अस्पताल पहुंचे. कोरोना वायरस के मरीज़ों को देखने. उस दौरान उन्होंने पीले रंग का प्लास्टिक जैसा एक सूट पहन रखा था. मुंह पर मास्क लगा हुआ था. मास्क के पीछे पुतिन हैं, ये बताना मुश्किल था. तब की कुछ तस्वीरें और वीडियो काफी वायरल हो रहे हैं.
पुतिन ने जो पहना है, वो आखिर है क्या?
जवाब है- हज़मैट सूट. पुतिन की तस्वीरों और वीडियो में जो डॉक्टर्स उनके साथ दिख रहे हैं, उन्होंने भी ये सूट पहन रखा है. अंतर केवल इतना है कि उनके सूट सफेद हैं.

रूस में कोरोना वायरस के 658 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. एक की मौत हुई है. अस्पताल में पुतिन. फोटो- रॉयटर्स.
क्या होते हैं हज़मैट सूट?
अंग्रेजी में स्पेलिंग है Hazmat. शुरुआती तीन शब्द Haz, Hazardous शब्द से लिए गए हैं, जिसका मतलब होता है खतरनाक. आखिरी तीन शब्द Mat, Materials शब्द से लिए गए हैं, जिसका मतलब होता है सामान. यानी इस सूट के नाम से ही ज़ाहिर होता है कि खतरनाक चीज़ों से इसका रिलेशन है. ये सूट खतरनाक रसायनों के कॉन्टैक्ट में आने से बचाता है. डॉक्टर्स को मरीजों से कोई इन्फेक्शन न लगे, इसके लिए हज़मैट सूट पहना जाता है.
ये सूट पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण- PPE) का हिस्सा है. PPE, वो उपकरण होते हैं, जिन्हें पहनकर डॉक्टर्स हाई रिस्क वाले मरीज़ों की जांच करते हैं. कोविड-19 के मरीजों के ट्रीटमेंट के दौरान सभी डॉक्टर्स PPE पहन रहे हैं. इसमें हज़मैट सूट, गॉगल्स, मास्क, हेलमेट सब शामिल हैं. हज़मैट सूट को बॉडी कवर-ऑल्स भी कहते हैं.
डॉक्टर संजय चौरे सर्जन हैं. इन्होंने हमें बताया,
'ये सूट इन्फेक्शन से बचने के लिए पहने जाते हैं. डॉक्टर्स के अलावा नर्स, लैब टेक्नीशियन, पैरामेडिकल स्टाफ इसे पहनते हैं. जब भी मरीजों को ICU में डाला जाता है, वेंटिलेटर पर डाला जाता है या कोई हाई-रिस्क मरीज़ को ट्रीट किया जाता है, तब इस सूट को पहनना बहुत ज़रूरी होता है. क्योंकि तब डॉक्टर्स मरीज़ की सांस से सीधे कॉन्टैक्ट में आते हैं. ऐसे में इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है.'

हज़मैट सूट उतारते हुए पुतिन. फोटो- रॉयटर्स.
कैसे बनते हैं ये सूट?
ये सूट प्लास्टिक, फैब्रिक और रबर से बने होते हैं. वॉटर प्रूफ होते हैं. डॉक्टर संजय ने बताया,
'हज़मैट सूट पूरी बॉडी को कवर करता है. पैर से लेकर सिर तक. आंखों के लिए स्पेशल गॉगल्स मिलते हैं, जो आंखों को कवर करते हैं. चश्मा भी अगर पहना हो, तो चश्मे के ऊपर भी उस गॉगल को पहन सकते हैं. मास्क होता है. दस्ताने होते हैं.'
इस सूट का इस्तेमाल एक ही बार हो सकता है. इसे धोकर दोबारा नहीं पहना जा सकता.
कुछ दिन पहले खबर आई थी कि भारत में हज़मैट सूट की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है. कोरोना के मामले बढ़ने की वजह से. वहीं ये भी खबरें आ रही हैं कि डॉक्टर्स, नर्स और हेल्थ वर्कर्स के पास हज़मैट सूट की, PPE की कमी हो रही है. हालांकि सरकार का कहना है कि किसी तरह की कोई कमी नहीं है.
देखिये भारत में कोरोना कहां-कहां और कितना फैल गया है.
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