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पिछले 21 दिनों से धरने पर क्यों बैठें हैं हॉलीवुड राइटर्स, जिसकी वजह से 'हाउस ऑफ द ड्रैगन 2' का काम रुक गया?

अमेरिका में हो रहे राइटर्स स्ट्राइक में Chat GPT इतना बड़ा मुद्दा क्यों और कैसे बन गया? समझिए पूरा मामला विस्तार से.

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प्रतिष्ठित पैरामाउंट स्टूडियोज़ के दफ्तर के सामने प्रदर्शन करते राइटर्स गिल्ड ऑफ अमेरिका के सदस्य.
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23 मई 2023 (Updated: 26 मार्च 2024, 13:58 IST)
Updated: 26 मार्च 2024 13:58 IST
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अमेरिका में हॉलीवुड राइटर्स पिछले 21 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं. जिसकी वजह से हॉलीवुड की कई बड़ी फिल्मों और वेब सीरीज़ के प्रोडक्शन का काम रुक गया है. राइटर्स गिल्ड ऑफ अमेरिका (WGA) हॉलीवुड में काम करने वाले 11,500 राइटर्स का प्रतिनिधित्व करती है. इनकी लड़ाई है अलायंस ऑफ मोशन पिक्चर एंड टेलीविज़न प्रोड्यूसर्स (AMPTP) से. AMPTP जो है वो हॉलीवुड की सभी बड़े स्टूडियोज़ और प्रोडक्शन हाउस की नुमाइंदगी करता है. WGA की कुछ शर्तें और मांगें हैं, जो उन्होंने AMPTP के सामने रखी हैं. जब तक AMPTP उसे स्वीकार नहीं करती, तब तक ये स्ट्राइक चलती रहेगी. इस स्ट्राइक में रॉब लो, टिना फे, निना डोब्रे, निक रॉल, सिंथिया निक्सन और काल पेन समेत कई हॉलीवुड एक्टर्स धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं कई बड़े सुपरस्टार्स ने इसका समर्थन किया है. अब इस बारे में दिग्गज एक्टर शॉन पेन (Sean Penn) ने बात की है.

# WGA Strike से राइटर्स की क्या मांगें हैं?

1) वैसे तो राइटर्स गिल्ड की कई मांगें हैं. मगर हम आपको सबसे ज़रूरी बातें बता रहे हैं. पहली मांग है  Residuals को लेकर. जब किसी फिल्म या शो को दोबारा पैकेज किया जाता है, या उसे किसी और कंपनी को बेचा जाता है, या टीवी पर चलाया जाता है. ऐसे में उस फिल्म-शो पर काम करने वाले सभी लोगों को कुछ पैसे दिए जाते हैं. उसे हॉलीवुड में रेज़िडुअल्स कहा जाता है. बेसिकली उस शो पर काम करने वाला हर शख्स प्रॉफिट शेयर करता है. जब-जब ये चीज़ होगी, उससे जुड़े सभी लोगों को पैसे मिलेंगे. ये टीवी यानी ब्रॉडकास्ट के काम करने का तरीका है.

wga writers strike 2023,
राइटर्स स्ट्राइक के दौरान WGA मेंबर्स.  

मगर पंगा ओटीटी यानी स्ट्रीमिंग सर्विस को लेकर हुआ है. स्ट्रीमिंग सर्विस या प्लैटफॉर्म्स जो हैं, वो शो से जुड़े सभी लोगों को एक बार ही रेज़िडुअल्स देते हैं. वो फिक्स होता है. वो शो कितना देखा गया या नहीं देखा गया, इससे रेज़िडुअल्स पर कुछ फर्क नहीं पड़ता. अगर वो शो या फिल्म किसी और ओटीटी प्लैटफॉर्म पर भी चली गई, तो उससे जुड़े लोगों को रेज़िडुअल्स नहीं दिए जाते हैं. क्योंकि वो वन टाइम डील होती है. और अगर किसी को पैसा मिलता भी है, तो पूरी तरह से स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म की मर्जी पर है कि वो किसको पैसे देती है और कितने पैसे देती है. 

आप संक्षेप में ये समझिए कि आप एक शो टीवी के लिए बना रहे हैं और दूसरा ओटीटी के लिए. टीवी से आपकी जो कमाई होती है, ओटीटी आपको उससे कम पैसे देता है. सारा झगड़ा इसी बात को लेकर है कि टीवी वाले नियम ओटीटी पर भी लागू किए जाएं.

2) दूसरा बड़ा मामला है राइटर्स की फीस को लेकर. 2007 में एक WGA ने एक स्ट्राइक की थी. तब ओटीटी या स्ट्रीमिंग सर्विस जैसी चीज़ें नहीं हुआ करती थीं. इस स्ट्राइक में ये तय हुआ कि जो भी मीडिया या मटीरियल ऑनलाइन शेयर किया जाएगा, वो गिल्ड के मिनिमम बेसिक अग्रीमेंट (MBA) के अंतर्गत आएगा. MBA का मतलब हुआ, किसी टीवी शो या डिजिटल कॉन्टेंट पर काम करने वाले राइटर को मिलने वाली तय रकम. यानी कम से कम इतने पैसे तो मिलेंगे ही. उससे कम नहीं. मगर पिछले 15 सालों में स्ट्रीमिंग के लिए बनने वाले कॉन्टेंट में भारी उछाल आया. यानी राइटर्स का काम तो बढ़ा. मगर उनके पैसे नहीं बढ़े. इस पैसे को बढ़ाने की भी डिमांड की गई है.

WGA writer strike 2023,
नेटफ्लिक्स ऑफिस के बाहर धरना देते WGA के सदस्य.

* इसी मांग का एक और हिस्सा है

पहले ऐसा होता था कि अगर कोई फिल्म या शो बन रहा है, तो उस पर राइटरों का एक ग्रुप काम करता था. वो प्रोजेक्ट के शुरू होने से लेकर खत्म होने तक उसके साथ जुड़ा रहता था. उनका काम सिर्फ राइटर्स रूम तक ही सीमित नहीं था. बल्कि शूटिंग के दौरान वो सेट पर भी मौजूद होते थे. ताकि ज़रूरतानुसार सेट पर स्क्रिप्ट या डायलॉग्स में बदलाव किए जा सकें.

मगर आज 'मिनी रूम' नाम का कॉन्सेप्ट आ गया है. इसमें ये होता है कि किसी शो या फिल्म के लिए राइटर्स लाए जाते हैं. मगर उन्हें एक तय रकम पर, तय समय के लिए नौकरी पर रखा जाता है. अब चाहे उस समय तक शो पूरा हो या न हो, उनकी नौकरी खत्म हो जाएगी. ये पार्ट टाइम या कॉन्ट्रैक्ट जॉब जैसा होगा. ये ज़रूरी नहीं है कि राइटर्स को शूटिंग के दौरान सेट पर जाने की परमिशन होगी. जो बड़े राइटर्स हैं, वो तो खूब पैसे कमा रहे हैं. उनके नाम पर फिल्में और शोज़ बिक रहे हैं. ज़ाहिर तौर पर उन पर ये नियम-कानून लागू नहीं होते. ये नए और कम पहचाने जाने वाले राइटर्स के साथ हो रहा है.

उदाहरण से समझते हैं. कुछ दिनों पहले नेटफ्लिक्स पर Beef नाम की एक सीरीज़ आई है. इस सीरीज़ में भी राइटर्स को उसी तरह काम पर रखा गया था. तय रकम. तय समय. मगर सीरीज़ के आखिरी एपिसोड से पहले ही 'बीफ' के राइटर्स का टाइम पूरा हो गया. वो चले गए. इस शो के क्रिएटर Lee Sung Jin को अकेले ही इस शो का आखिरी एपिसोड पूरा करना पड़ा. 
 
ये चीज़ समय के साथ इंडस्ट्री के लिए नुकसानदेह साबित होगी. क्योंकि जिन राइटर्स ने पुराने तरीके से फिल्मों या सीरीज़ पर काम किया, उनके अनुभव वैसे ही रहे. उन्होंने सेट पर रहने के दौरान बहुत कुछ सीखा. वही चीज़ वो अपने आगे के कामों में लाए. प्रोड्यूसर से लेकर शो-रनर्स बने. अगर नए राइटर्स को उस तरह का अनुभव नहीं होगा, तो वो आगे जाकर ये सारी चीज़ें कैसे कर पाएंगे!

WGA strike 2023,
यूनिवर्सल स्टूडियो के बार पिकेटिंग करते WGA के मेंबर्स.

3) राइटर्स स्ट्राइक के तहत WGA का तीसरा मुद्दा AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़ा हुआ है. जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है, उसकी खपत भी बढ़ रही है. फिल्म इंडस्ट्री में भी कई ऐसे काम हैं, जो पहले इंसान किया करते थे. मगर अब वो कंप्यूटर पर हो जाते हैं. अब राइटिंग के काम में भी AI की दखल बढ़ने लगी है. इसे लेकर WGA ने आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि राइटर्स के काम में AI को रेगुलेट करना चाहिए. AI को राइटर्स की लिखी हुई चीज़ों को बदलने से रोकना चाहिए. Chat GPT या समेत कई और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आ गए हैं, जो लेखन का काम कर सकते हैं. मगर उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए उस काम की सारी जानकारियां देनी पड़ेंगी, जो इंसानों ने किए हैं. इनफॉरमेशन फीडिंग कह सकते हैं इसे. ऐसे में WGA की मांग है कि इस ट्रेनिंग प्रक्रिया में MBA के मटीरियल का इस्तेमाल न किया जाए. इस पर AMPTP का कहना है कि जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास होगा, वो लोग इस सिलसिले में सालाना मीटिंग कर सकते हैं. कहने का मतलब ये कि उन्होंने WGA की ये मांग भी मानने से इन्कार कर दिया. 

इसका सबसे मुख्य बिंदु है मौलिकता. फिल्में या टीवी शोज़ रचनात्मक काम होते हैं. दर्शकों को हर दिन कुछ नया, अलग और फ्रेश कॉन्टेंट चाहिए. अगर AI कोई स्क्रिप्ट लिख भी देता है, तो वो इसलिए क्योंकि उसमें पहले से लिखी हुईं बहुत सारी स्क्रिप्ट फीड की गई हैं. वो उन्हीं को जोड़-मोड़कर कर कुछ नया बना देगा. मगर वो बिल्कुल ओरिजिनल कॉन्टेंट नहीं बना सकता. मौलिकता सिर्फ इंसानी लेखन से ही आ सकती है.

# ऑस्कर विजेता शॉन पेन ने राइटर्स स्ट्राइक पर क्या कहा?

अब इसी बारे में ऑस्कर विजेता और वेटरन हॉलीवुड एक्टर शॉन पेन ने बात की है. उनकी फिल्म 'ब्लैक फ्लाइज़' को कान फिल्म फेस्टिवल 2023 में प्रीमियर किया गया. यहां मीडिया से बात करते शॉन ने राइटर्स स्ट्राइक का समर्थन करते हुए कहा-

''इंडस्ट्री लंबे समय से राइटर्स, एक्टर्स और डायरेक्टर्स का अनादर कर रही है. मेरा पूरा समर्थन राइटर्स गिल्ड के साथ है. कई सारे नए कॉन्सेप्ट लाए जा रहे हैं, जिसमें AI भी शामिल है. मगर जिस तरह से स्टूडियोज़, राइटर्स और इस स्ट्राइक को पीछे हटाने पर तुले हैं, वो मुझे इंसानी अश्लीलता जैसी लगती है. इस स्ट्राइक के तहत हमें सबसे पहले ये चीज़ ये करनी चाहिए कि प्रोड्यूसर्स गिल्ड का नाम बदलकर बैंकर्स गिल्ड कर देना चाहिए. क्योंकि वो लोग वैसा ही बर्ताव करते हैं.''

इस बयान के कुछ समय बाद शॉन पेन ने एक प्रेस रिलीज़ ज़ारी करवाई. इसमें उन्होंने बताया कि उन्हें बोलने में गड़बड़ी हो गई. वो 'प्रोड्यूसर्स गिल्ड' नहीं, बल्कि AMPTP की बात कर रहे थे.

sean penn, writers strike 2023,
अपनी फिल्म ‘ब्लैक फ्लाइज़’ के प्रीमियर के बाद मीडिया से बात करते शॉन पेन.
# आगे क्या होगा? 

WGA ने मांगों की एक लिस्ट बनाई थी. उनका कहना था कि अगर AMPTP उनकी मांगे स्वीकार कर लेती है, तो वो ये स्ट्राइक नहीं करेंगे. WGA ने अपने राइटर्स से भीतरी वोटिंग भी करवाई. वो जानना चाहते थे कि कितने लोग चाहते हैं कि उनकी मांगें पूरी न होने की सूरत में उन्हें स्ट्राइक पर जाना चाहिए. WGA के 97.85 फीसदी सदस्यों ने स्ट्राइक के पक्ष में वोट दिया. इसलिए ये स्ट्राइक न्यू यॉर्क और कैलिफॉर्निया में चल रही है. जब तक ये स्ट्राइक चल रही है, तब WGA के साथ जुड़ा कोई भी राइटर कोई काम नहीं करेगा. अगर वो ऐसा करता है, तो WGA उसे सज़ा देगी. 

AMPTP मांगें मानने को तैयार नहीं है. WGA पीछे हटने को तैयार नहीं है. रोड़ा अटका हुआ है. इस स्ट्राइक को 21 दिन बीत चुके हैं. मगर अब तक बीच का रास्ता नहीं निकल सका है. इस स्ट्राइक की वजह से कई फिल्मों और सीरीज़ का काम रुक चुका है. कॉमेडी सेंट्रल पर आने वाले 'द डेली शो' और NBC के 'सैटरडे नाइट लाइव' (SNL) के पुराने एपिसोड्स दोबारा टीवी पर दिखाए जा रहे हैं. क्योंकि नए एपिसोड बन ही नहीं पा रहे.

मार्वल की फिल्म 'ब्लेड' का प्री-प्रोडक्शन हो चुका था. जून से फिल्म की शूटिंग शुरू होनी थी. मगर स्ट्राइक की वजह से उसे भी रोक दिया गया. इसके अलावा अन्य वेब सीरीज़ की लिस्ट हम नीचे गिना रहे हैं, जिनके नए सीजन को बनाने का काम इस स्ट्राइक की वजह से रोक दिया गया है.

1) 'हाउस ऑफ द ड्रैगन' के दूसरे सीज़न की लिखाई का काम पूरा हो चुका है. स्ट्राइक से ठीक पहले इस सीरीज़ की शूटिंग भी चालू हो गई थी. मगर अब वो रुकी है. 
2) HBO की हिट सीरीज़ 'द लास्ट ऑफ अस' के सीज़न 2 की तैयारी चल रही थी. एक्टर्स के ऑडिशन हो रहे थे. मगर फिलहाल के लिए वो सारे काम रोक दिए गए हैं.

इसके अलावा एप्पल टीवी प्लस के शो 'सेवरेंस', 'स्ट्रेंजर थिंग्स सीज़न 5', 'द हैंडमेड्स टेल सीज़न 6', 'यूफोरिया सीज़न 3', 'कोबरा काई सीज़न 6', 'डेयरडेविल- बॉर्न अगेन', 'द मैंडलोरियन सीज़न 3 और 'द पेंग्विन' जैसे शोज़ का काम इस स्ट्राइक की वजह से बाधित हो रहा है. 

वीडियो: गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स का विरोध क्यों कर रहे हैं टॉम क्रूज, स्कार्लेट जोहानसन जैसे हॉलीवुड स्टार्स?

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