सिनेमाहॉल वालों ने 'लियो' का गाली वाला ट्रेलर दिखाया, सेंसर बोर्ड ने नोटिस भेज डाला
'लियो' के ट्रेलर के बाद से थलपति विजय के फैन्स भी गुस्से में हैं. ये सारा बवाल ट्रेलर के एक शब्द पर कटा है.

बीती 05 अक्टूबर को Thalapathy Vijay की फिल्म Leo का ट्रेलर रिलीज़ हुआ. तमिलनाडु के कुछ सिनेमाघरों ने जोश में आकर फिल्म का ट्रेलर दिखाया. बस उनसे गलती ये हुई कि वो अनसर्टिफाइड ट्रेलर था. बात ऐसी है कि सर्टिफिकेट सिर्फ फिल्मों को ही नहीं मिलता, ट्रेलर के लिए भी सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट लेना होता है. वरना कोई भी ट्रेलर के नाम पर कुछ भी दिखा देगा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने हरकत में आकर ऐसे सभी सिनेमाघरों को नोटिस भेजा है, जिन्होंने बिना सर्टिफाई हुआ ट्रेलर प्रदर्शित किया है.
CBFC के रीजनल ऑफिसर डी बालामुरली ने इन सिनेमाघरों को शो कॉज़ नोटिस भेजा है. सिनेमैटोग्राफी ऐक्ट के मुताबिक अनसेंसर्ड ट्रेलर पब्लिक के लिए स्क्रीन नहीं किया जा सकता. नोटिस के एक हिस्से में लिखा,
आपको ऑफिस को बताना होगा कि ‘लियो’ का अनसर्टिफाइड ट्रेलर आप तक कैसे पहुंचा. अगर आपने वही ट्रेलर प्रदर्शित किया, तो आपको कारण बताना होगा कि क्यों आपके खिलाफ कोई एक्शन ना लिया जाए.

CBFC ने अपने नोटिस में लिखा कि सिनेमाघर वालों को 11 अक्टूबर तक अपना जवाब जमा करना होगा. बता दें कि ‘लियो’ के ट्रेलर पर एक शब्द को लेकर हंगामा हो रखा है. एक सीन में विजय का कैरेक्टर तृषा से कहता है कि तुमने मुझे क्या वैसा समझ रखा है? बस वैसा की जगह तमिल का एक आपत्तिजनक शब्द था. विजय के वो शब्द इस्तेमाल करने पर हो-हल्ला मचा क्योंकि उनकी सिनेमा में इस तरह की रेप्यूटेशन नहीं है. हालांकि इतने हंगामे के बावजूद भी अभी तक वो ‘त’ से शुरू होना वाला शब्द ट्रेलर से नहीं हटाया गया है.
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बाकी CBFC ने ‘लियो’ को U/A सर्टिफिकेट दिया है. यानी इस फिल्म को सभी देख सकते हैं. बस 12 साल और उससे कम उम्र के बच्चों को बड़ों की निगरानी में ये फिल्म देखनी होगी. सेंसर बोर्ड ने मेकर्स से 13 बदलाव करने को भी कहा था. इसमें कुछ हिंसक सीन्स को हटाया गया और गालियों को म्यूट किया गया है. बता दें कि फिल्म की लंबाई 2 घंटे 44 मिनट की है. फिल्म के ट्रेलर से लग रहा है कि विजय का कैरेक्टर किसी समय में एक खूनी किस्म का आदमी था. बाद में वो दुनिया पीछे छोड़कर फैमिली लाइफ बसा ली. अब पुरानी दुनिया से लोग उसकी इस ज़िंदगी में दखल डालने लौट आते हैं. फिल्म की कहानी काफी हद तक साल 2005 में आई हॉलीवुड फिल्म A History of Violence से मिलती-जुलती है. सोशल मीडिया पर लिखा गया कि लोकेश कनगराज ने उसी फिल्म से कहानी ली है. हालांकि मेकर्स की तरफ से इस पर कोई कमेंट नहीं आया है.