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वेब सीरीज़ रिव्यू- 'द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: बरीड ट्रुथ'

कैसी है Sheena Bora murder case के बारे में बात करती डॉक्यू सीरीज The Indrani Mukerjea Story: Buried Truth?

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Netflix, The Indrani Mukerjea Story Buried Truth
डॉक्यू सीरीज 'द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: बरीड ट्रुथ' नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है.
1 मार्च 2024 (Updated: 1 मार्च 2024, 21:29 IST)
Updated: 1 मार्च 2024 21:29 IST
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डॉक्यू सीरीज- द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: बरीड ट्रुथ
एपिसोड्स: 4
कहां देखें- नेटफ्लिक्स 
डायरेक्टर: उराज बहल और शाना लेवी
रेटिंग: 3 स्टार

The Indrani Mukerjea Story: Buried Truth, Sheena Bora मर्डर केस और उसमें इंद्राणी की कथित भूमिका के बारे में बात करती है. 2012 में शीना बोरा गायब हुईं. 2015 में मामले की जांच शुरू हुई. जिसके बाद ये केस की परतें खुलनी शुरू हुईं. 

'द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: बरीड ट्रुथ' की शुरुआत होती है, राहुल मुखर्जी और उनके पिता पीटर मुखर्जी की फोन कॉल रिकॉर्डिंग से. इसके बाद विधि मुखर्जी (पीटर और इंद्राणी की बेटी) कैमरे पर आती हैं और इस केस के बारे में बताना शुरू करती हैं. फिर एक-एक करके पूरी घटना को एक कहानी की तरह दिखाया जाता है. ये भी दिखाया जाता है कि पुलिस ने कहां चूक की. क्या वो वाकई चूक थी? या फिर किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा था? तमाम कॉन्सपिरेसी थ्योरीज़, आरोपों-प्रत्यारोपों को समेटे ये सीरीज़ एक ठीक व्यूइंग एक्सपीरियंस साबित होती है.

सीरीज में सिर्फ केस ही नहीं, बल्कि इंद्राणी की जिंदगी के बारे में भी बात की गई. ताकि दर्शकों को प्रॉपर कॉन्टेक्स्ट मिल सके. इस हिस्से में इंद्राणी शीना के बायोलॉजिकल पिता के बारे में बताती है. साथ ही वो इस बारे में भी बताती हैं कि उनकी बेटी शीना और उनके तीसरे पति पीटर मुखर्जी के बेटे राहुल का रिलेशनशिप कैसे शुरू हुआ. बताया जाता है कि शीना को इंद्राणी अपनी छोटी बहन बताती थीं. इंद्राणी और पीटर की बिटिया विधि बताती हैं कि उन्हें और पीटर को शीना ने बताया था कि वो इंद्राणी की बहन नहीं, बेटी हैं. मगर इंद्राणी का कहना है कि ऐसा हुआ ही नहीं.  

इस डॉक्यू सीरीज में साहिल जोशी, राजदीप सरदेसाई, विद्या, कावेरी बामजेई और अमृता मधुकल्या जैसे पत्रकारों से भी बातचीत शामिल हैं. जिन्होंने हकीकत में इस केस की रिपोर्टिंग की थी. जो इस केस के डेवलप होने से लेकर आखिर तक जुड़े रहे थे. इस सीरीज़ को देखते वक्त कई बार आपको सिनेमैटिक फीलिंग आती है. मानों आप कोई डॉक्यूमेंट्री नहीं, फिल्म देख रहे हों. मेकर्स ने इतनी कलात्मक आज़ादी ली है.

तकनीकी तौर पर ये सीरीज मजबूत लगती है. कुछ एक शॉट्स बड़े इंट्रेस्टिंग और फ्रेश लगते हैं. खासकर वो शॉट्स, जो अपसाइड-डाउन शूट किए गए हैं. बैकग्राउंड म्यूजिक भी डॉक्यूमेंट्री की वाइब और रिदम को बनाए रखने में मदद करता है. इस डॉक्यू-सीरीज़ में एक और इंट्रेस्टिंग चीज़ दिखती है. इस सीरीज में ज़ाहिर तौर पर असली लोगों तो शामिल हैं, वहीं कई लोगों ने एक्ट भी किया है. वो अपना काम बखूबी कर देते हैं. क्योंकि सीरीज़ को देखते वक्त आपको कोई एक्टर, नहीं बल्कि वो शख्स ही नज़र आता है, जिनके रोल्स वो कर रहे हैं. 

सीरीज की लंबाई भी इसकी एक खासियत है. इसके जबरदस्ती नहीं खींचा गया है. कट टु कट बात होती है और 4 एपिसोड्स में पूरा मामला बता दिया जाता है. वरना पिछले दिनों कई ऐसी सीरीज़ देखने को मिलीं हैं, जिन्हें बेमाने मतलब 6-8 या 10 एपिसोड तक खींचा जाता है. इससे सीरीज़ को अच्छी रफ्तार मिलती है. एक बार शुरू करने के बाद इसे बीच में छोड़ना थोड़ा मुश्किल लगता है क्योंकि आपको डर रहता है कि कहीं आपका कनेक्शन न टूट जाए. या ब्रेक की वजह से आप सीरीज़ की इंटेसिटी महसूस नहीं कर पाएंगे. इसके लिए सीरीज़ के मेकर्स/डायरेक्टर उराज बहल और शाना लेवी को साधुवाद.  

क्या 'द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: बरीड ट्रुथ' आपके जेहन में चल रहे हर सवाल का जवाब देती है? तो इसका जवाब है- नहीं. क्योंकि शीना बोरा मर्डर केस अब भी चल रहा है. इसके चारों आरोपी बेल पर बाहर हैं. शीना जिंदा हैं या नहीं. अगर नहीं, तो उन्हें किसने मारा? अगर उनका मर्डर नहीं हुआ, तो वो पिछले 12 सालों से कहां लापता है? ऐसे कई सवाल सीरीज छोड़ जाती है. क्योंकि इन सवालों के जवाब अब भी किसी के पास नहीं हैं. अगर बतौर दर्शक आपको शीना बोरा केस के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, तो आपको इस सीरीज को समझने में कुछ वक्त लग सकता है. क्योंकि टाइमलाइन कई बार आगे पीछे होती है. इसलिए सीरीज़ को देखने के बाद पोस्ट-रीडिंग एक बेहतर तरीका होगा, इस मामले को पूरी तरह समझने के लिए. 

'द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: बरीड ट्रुथ' को आप नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम कर सकते हैं.

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