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फिल्म रिव्यू- मॉर्बियस

अगर आपने मार्वल की कोई फिल्म नहीं देखी, तब भी 'मॉर्बियस' को देख सकते हैं. क्योंकि इसका मार्वल की पिछली फिल्मो से कोई लेना-देना नहीं है.

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फिल्म 'मॉर्बियस' के एक सीन में जैरेड लेटो.
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श्वेतांक
1 अप्रैल 2022 (Updated: 1 अप्रैल 2022, 04:03 PM IST) कॉमेंट्स
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मार्वल कॉमिक्स के कैरेक्टर पर बनी फिल्म 'मॉर्बियस' सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है. ये फिल्म डॉ. माइकल मॉर्बियस नाम के डॉक्टर के सुपरहीरो बनने की कहानी है. यानी ओरिजिन स्टोरी. कहानी ये है कि ग्रीस के एक अस्पताल में माइकल नाम का एक बच्चा भर्ती है. कुछ समय बाद उसी अस्पताल में एक और बच्चा आता है, जिसे माइकल माइलो नाम से बुलाता है. इन दोनों बच्चों को एक रेयर किस्म की बीमारी है. उनके शरीर में ब्लड नहीं बनता. वो मशीन के सहारे ज़िंदा हैं. एक दिन माइलो की मशीन काम करना बंद कर देती है. ऐसे में माइकल अपनी सूझबूझ से उस मशीन को ठीक करके उसकी जान बचा लेता है.
माइकल की प्रतिभा को देखते हुए उसे अमेरिका के एक कॉलेज में एडमिशन दिला दिया जाता है. माइकल के जीवन का एक ही मक़सद है. ऐसी दवाई बनाना, जिससे उसकी और माइलो की बीमारी ठीक हो जाए. इसी कड़ी में वो कई एक्सपेरिमेंट करता है. आर्टिफिशियल खून इजाद करता है, जिससे कई लोगों की जान बचती है. फाइनली उसका एक इल्लीगल तरीके से किया प्रयोग सफल हो जाता है. वो एक सीरम का निर्माण करता है और उसे अपनी बॉडी में इन्जेक्ट कर लेता है. इससे उसकी बीमारी तो ठीक हो जाती है. मगर वो एक वैंपायर में तब्दील हो जाता है, जो खून पीकर ही ज़िंदा रह सकता है. माइलो जब उससे वही सीरम मांगता है, तो माइकल उसे देने से इन्कार कर देता है. माइलो को वो सीरम मिल पाता है या नहीं? यही फिल्म की कहानी है.
ग्रीस के अस्पताल में भर्ती होने आता माइलो.
ग्रीस के अस्पताल में भर्ती होने आता माइलो.


सबसे पहली बात ये कि अगर आपने मार्वल की कोई फिल्म नहीं देखी, तब भी 'मॉर्बियस' को देख सकते हैं. क्योंकि ये स्टैंड अलोन फिल्म है. इसका पिछली किसी फिल्म से कोई लेना-देना नहीं है. अब आते मुद्दे पर. 'मॉर्बियस' एक ऐसी फिल्म है, जिसमें आपको कुछ भी नया देखने को नहीं मिलता. ऐसा लगता है कि ये 90 के दशक की कोई फिल्म है, जिसे रिहैश करके अभी रिलीज़ किया गया है. ये बात सिर्फ कॉन्टेंट नहीं फिल्म के CGI पर भी लागू होती है. इस फिल्म के शुरुआती 15 मिनट में आपको अंदाज़ा हो जाता है कि ये कहानी कहां जा रही है. कई बार ऐसा होता है कि आप किसी फिल्म को देखते हुए अपने मन में प्रेडिक्ट कर रहे होते हैं कि आगे ये चीज़ होगी. मज़ा तब आता है, जब फिल्म में वो न हो. सरप्राइज़ फैक्टर बना रहे. मगर 'मॉर्बियस' में आपकी प्रेडिक्शन सही साबित हो जाती है. इसलिए निराशा होती है.
अपने बदन में सेरम इंजेक्ट करता डॉक्टर माइकल मॉर्बियस.
अपने बदन में सेरम इंजेक्ट करता डॉक्टर माइकल मॉर्बियस.


फिल्म में डॉक्टर माइकल मॉर्बियस की ओरिजिन स्टोरी है, वो कभी भी बहुत कन्विंसिंग नहीं लगती. क्योंकि जल्दबाज़ी में समेटी गई है. जो हो रहा है, वो क्यों हो रहा है, उसका कुछ जस्टिफिकेशन नहीं है. अब सुपरहीरो फिल्म होने का मतलब ये थोड़ी है कि आप कुछ भी दिखा दें और हम समझ जाएं. आपका हीरो, सुपरह्यूमन है. फिल्म देखने वाली जनता नहीं. माइकल और माइलो दोनों की ही बैकस्टोरी ऐसी है, जिससे आप कनेक्ट नहीं कर पाते. सुपरहीरो फिल्मों के साथ पंगा ये है कि आपको ऑलरेडी पता है कि वो रियल नहीं है. सबकुछ मेक बिलीव है. ऐसे में उन फिल्मों के पास सिर्फ दो चीज़ें बचती हैं, जिससे वो आपको अपने साथ जोड़ सकें. पहली चीज़ है इमोशन और दूसरी चीज़ है थ्रिलिंग और अच्छे VFX वर्क से सुसज्जित विज़ुअल्स.
'मॉर्बियस' इन दोनों मामलों में मात खा जाती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपको किसी किरदार के बारे में इतना पता ही नहीं है या यूं कहें कि बताया ही नहीं जाता कि आप उसके बारे में कुछ फील कर सकें. इसलिए फिल्म के ज़रूरी कैरेक्टर्स मर रहे हों, जी रहे हों आपको फर्क ही नहीं पड़ता. जैसे आयरनमैन को ले लीजिए. 'एवेंजर्स: एंडगेम' में आपको आयरनमैन के मरने पर इतना दुख क्यों हुआ? क्योंकि हम सबने उस किरदार को सुपरहीरो बनते हुए देखा. सुपरहीरो बनने की कहानी की तार्किकता से रिलेट किया. उसका सुख-दुख देखा. स्वैगर देखा. मगर 'मॉर्बियस' आपके भीतर कोई भाव नहीं पैदा कर पाता. फिल्म में उसका एक रोमैंटिक एंगल है. वो अपनी कंपनी होराइज़न में काम करने वाली डॉक्टर मार्टिन बैंक्रॉफ्ट के साथ प्रेम में है. मगर ये लव स्टोरी इतनी प्लास्टिक और थोपी हुई लगती है कि बताया नहीं जा सकता.
सेरम की बदौलत सुपर पावर्स वाला वैंपायर बनने के बाद डॉ. मॉर्बियस.
सेरम की बदौलत सुपर पावर्स वाला वैंपायर बनने के बाद डॉ. मॉर्बियस.


मार्वल यूनिवर्स की फिल्में अपने धांसू विज़ुअल इफेक्ट्स के लिए जानी जाती हैं. इनफैक्ट वो उनकी यूएसपी होती है. मगर जब आप 'मॉर्बियस' देखते हैं, तो फिल्म के एक्शन सीक्वेंसेज़ में एक धुंधलापन महसूस होता है, जिसकी वजह से चीज़ें साफ नहीं दिखलाई पड़तीं. शुरुआत में तो मुझे लगा कि मैं अपने थ्रीडी ग्लासेज़ भूल गया हूं. फिर रियलाइज़ हुआ कि मैं तो ये पिक्चर 2डी में देख रहा हूं. बस वहीं मेरा इस फिल्म से मोह भंग हो गया.
'मॉर्बियस' आपको एक और वजह से याद रहती है. अपनी स्टारकास्ट की वजह से. फिल्म में डॉक्टर माइकल मॉर्बियस का रोल किया है जैरेड लेटो ने. जैरेड को हमने 'रेक्विम फॉर अ ड्रीम', 'डैलस बायर्स क्लब' और 'द लिटल थिंग्स' जैसी फिल्मों में देखा है. उनकी काबिलियत से सभी लोग वाकिफ हैं. मगर वो पिछले कुछ समय से ऐसी फिल्में कर रहे हैं, जो उनके टैलेंट के साथ न्याय नहीं कर पा रहीं. उन्होंने 'सुसाइड स्कॉड' में 'जोकर' का रोल प्ले किया. मगर उस किरदार को दो दिग्गज एक्टर्स इतनी संजीदगी से निभा चुके हैं कि जैरेड का ओवर द टॉप पोट्रेयल सिरदर्दी का सबब बन जाता है. अब वो 'मॉर्बियस' में दिख रहे हैं. इसमें उनकी परफॉरमेंस बुरी नहीं है. बस उन्हें फिल्म के राइटर्स का साथ नहीं मिला. माइलो का रोल किया है मैट स्मिथ ने. मैट स्मिथ वो एक्टर हैं, जो टीवी सीरीज़ क्राउन में प्रिंस फिलिप का रोल करते हैं. बीबीसी सीरीज़ 'डॉक्टर हू' भी उनके टैलेंट का प्रमाणपत्र है. फिर आती है 'मॉर्बियस', जिसमें वो एक टिपिकल विलन से भी कमज़ोर किरदार प्ले करते दिखाई देते हैं. हालांकि इस फिल्म में भी आप उनके काम में खोट नहीं निकाल पाएंगे. मगर वो उनके लेवल के एक्टर के लिए बेहद दोयम दर्जे का किरदार है.
माइलो के रोल में मैट स्मिथ. माइलो पहले मॉर्बियस का दोस्त होता है. मगर बाद में सेरम को लेकर दोनों में दुश्मनी हो जाती है.
माइलो के रोल में मैट स्मिथ. माइलो पहले मॉर्बियस का दोस्त होता है. मगर बाद में सेरम को लेकर दोनों में दुश्मनी हो जाती है.


इन दोनों के अलावा फिल्म में जैरेड हैरिस जैसे वेटरन एक्टर भी नज़र आते हैं. जैरेड को हमने 'शरलॉक' फिल्म सीरीज़ में देखा है. प्लस वो 'मैडमेन' और 'चर्नोबिल' जैसी क्रिटिकली अक्लेम्ड सीरीज़ का भी हिस्सा रह चुके हैं. 'मॉर्बियस' में उन्होंने माइकल और माइलो के मेंटर का रोल किया है. वो फिल्म में बमुश्किल 5 से 7 मिनट के लिए नज़र आते हैं. और उसमें भी उनके करने के लिए कुछ नहीं है. एड्रिया अरजोना ने मार्टिन बैंक्रॉफ्ट नाम की डॉक्टर का रोल किया है, उनकी प्रेज़ेंस फिल्म में कुछ खास नहीं जोड़ती. इन सबके अलावा फिल्म में टाइरीज़ गिब्सन भी डिटेक्टिव के किरदार में दिखाई देते हैं. तगड़े एक्टर्स को फिल्म में कैसे वेस्ट करते हैं, ये फिल्म इस विषय में क्रैश कोर्स करवाती है. क्या नहीं करना है, ये समझने के लिए भावी फिल्ममेकर्स और कास्टिंग डायरेक्टर्स को 'मॉर्बियस' ज़रूर देखनी चाहिए.
फिल्म के एक सीन में मॉर्बियस की गर्लफ्रेंड मार्टिन बैंक्रॉफ्ट का रोल करने वाली एड्रिया अरजोना.
फिल्म के एक सीन में मॉर्बियस की गर्लफ्रेंड मार्टिन बैंक्रॉफ्ट का रोल करने वाली एड्रिया अरजोना.


मार्वल फिल्में पहले ही अपने कॉन्टेंट को लेकर इतनी बदनाम रहती हैं. मार्टिन स्कॉरसेज़ी ने तो उन्हें सिनेमा तक मानने से इन्कार कर दिया था. फिर आती हैं 'मॉर्बियस' जैसी फिल्में, जो सुपरहीरो फिल्मों की इमेज पर बट्टा लगाने का काम करती हैं. अगर आप पक्के मार्वल वाले फैन हैं और उस कॉमिक्स के किरदारों पर बनी हर फिल्में देखने का शौक रखते हैं, तो हमारे कुछ भी कहने से आपको क्या ही फर्क पड़ने वाला है. मगर आप एक ठीक-ठाक एंटरटेनिंग फिल्म देखना चाहते हैं, तो 'मॉर्बियस' आपकी ऑब्वियस चॉइस नहीं होनी चाहिए. वर्डप्ले के लिए सॉरी. ओके बाय.

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