क्या वैक्सीन लगवाने वाला व्यक्ति कोरोना नहीं फैलाएगा, जवाब चौंकाने वाला है
और ये जवाब आया है उस कंपनी से जिसकी वैक्सीन को हाल ही में मंजूरी मिली है.
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SII के अलावा अमेरिका की Pfizer ने भारत में EUA के लिए अप्लाई किया था. सांकेतिक फोटो: India Today
“अभी हम इस बात पर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं. वैक्सीनेटेड व्यक्ति इंफेक्शन फैला सकता है या नहीं, ये जानने के लिए हमें अभी और भी अध्ययन करने होंगे.”इससे एक बड़ी चिंता उजागर हो गई है. क्योंकि वैक्सीन बना रही अधिकतर कंपनियों ने अभी तक यही दावा किया है कि वैक्सीन लगने के बाद फलां व्यक्ति का शरीर कोरोना वायरस के ख़िलाफ इम्युन हो जाएगा. लेकिन अभी तक किसी ने ऐसा दावा नहीं किया है कि वैक्सीन पाया हुआ व्यक्ति दूसरों को भी इंफेक्शन नहीं फैलाएगा. फाइजर की वैक्सीन लगाने की तैयारी फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी देने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बना था. अमेरिका और यूरोपीय यूनियन अभी इस वैक्सीन को रिव्यू कर रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि वैक्सीन 95 फीसदी तक सुरक्षित है. इससे पहले, रूस ने स्पूतनिक-5 नाम की वैक्सीन को बेचने के लिए मंजूरी दी थी. लेकिन बाकी किसी देश ने इसका इस्तेमाल शुरू नहीं किया, क्योंकि संदेह था कि रूस ने पूरा प्रोसेस फॉलो किया है या नहीं. ब्रिटेन के इस कदम से भारत में भी जल्द वैक्सीन आने की उम्मीद बढ़ गई है. 50 अस्पताल स्टैंड-बाई मोड पर यूके ने इस वैक्सीन की 40 मिलियन यानी चार करोड़ डोज़ के लिए पहले ही ऑर्डर दे दिया है. इतनी डोज़ करीब दो करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने के लिए पर्याप्त होगी. इनमें से लगभग एक करोड़ वैक्सीन जल्द से जल्द उपलब्ध होने की उम्मीद जताई जा रही है. ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री मैट हैन्कॉक ने बताया है कि वैक्सीन की पहली 8 लाख डोज हफ्ते-दस दिन में ही उपलब्ध हो जाएंगी. ब्रिटेन में बड़े लेवल पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू करने के लिए 50 अस्पतालों को तैयार किया गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि वैक्सीन को रखने के लिए माइनस 70 डिग्री तापमान की जरूरत होगी.