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जेल भेजने की धमकी देने वाले बीजेपी विधायक का चुनाव में क्या हाल हुआ?

ग्रामीण ने सवाल पूछा, विधायकजी ने कहा, "दलाल"

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(दाएं से बाएं) बीजेपी के कुंवर माधवेंद्र सिंह और समाजवादी पार्टी के पदमार्ग सिंह यादव (साभार-फेसबुक)
10 मार्च 2022 (Updated: 10 मार्च 2022, 17:52 IST)
Updated: 10 मार्च 2022 17:52 IST
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हरदोई जिले की सवायजपुर सीट पर बीजेपी व‍िधायक कुंवर माधवेंद्र सिंह की जीत हुई है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पदमार्ग सिंह यादव को 26 हज़ार 60 वोटों के अंतर से हराया. माधवेंद्र सिंह को यहां 1 लाख 14 हज़ार 89 वोट मिले, जो कुल वोटों का 46.11 प्रतिशत है. जबकि पदमार्ग सिंह को यहां से 88 हज़ार 29 वोट मिले, जो कुल वोटों का 35.58 प्रतिशत है. सवायजपुर विधानसभा सीट पर चौथे चरण में 27 फरवरी को वोटिंग हुई थी. यहां 61.41 प्रतिशत वोट पड़े थे.


Sawaijpur Result
स्क्रीनशॉट: भारत निर्वाचन आयोग वेबसाइट

सवायजपुर में बसपा तीसरे नंबर पर रही. बसपा ने यहां से डॉ. राहुल तिवारी और कांग्रेस ने राजवर्धन सिंह को प्रत्याशी बनाया था. इस चुनाव में बीजेपी विधायक का एक जनसभा में दिया बयान काफी चर्चा में रहा. दरअसल सभा के दौरान एक ग्रामीण ने सवाल पूछ दिया, इस पर विधायक जी इतना गुस्साए कि उन्होंने उसे दलाल ठहरा दिया और जेल भेजने की धमकी दे डाली.

सवायजपुर सीट का इतिहास 

हरदोई जिले में आने वाली सवायजपुर विधानसभा का गठन 2012 में हुए नए परिसीमन की वजह से हुआ था. यह विधानसभा पहले बिलग्राम और शाहाबाद विधानसभा का हिस्सा थी, जो नए परिसीमन में हरपालपुर विकासखंड , भरखनी विकासखंड ,सांडी विकासखंड की 39 और बावन विकासखंड की 10 ग्राम सभा को मिलाकर अस्तित्व में आयी थी. यहां 2017 के पिछले चुनावों की बात करें तो बीजेपी के कुंवर माधवेंद्र सिंह ने 39.94 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 92 हज़ार 601 वोट लाकर सपा के पदमराग सिंह यादव को 26 हज़ार 970 वोटों के अंतर से हराया था. वहीं बसपा के डॉ. अनुपम दुबे एडवोकेट तीसरे स्थान पर रहे थे. इससे पहले साल 2012 में बसपा की रजनी तिवारी ने पदमराग सिंह यादव को 4 हजार 519 वोट के मार्जिन से हराया था. तब बीजेपी के माधवेंद्र सिंह तीसरे नंबर पर थे. 2007 से बसपा और 2002 में यह सीट सपा ने जीती थी.

सवायजपुर विधानसभा की यह सीट 1952 में हरदोई ईस्ट के नाम से जानी जाती थी. इस सीट पर अब तक 18 चुनाव में दस बार ब्राह्मण 6 बार क्षत्रिय और दो बार पिछड़ी जाति से के नेता विधायक बने हैं. जबकि पिछड़ी जाति की आबादी इस सीट पर ज्यादा है. 2019 के आंकड़ों के अनुसार सवायजपुर विधानसभा सीट पर कुल 3 लाख 90 हज़ार 390 मतदाता हैं. जिनमें 2 लाख 14 हज़ार 811 पुरुष और 1लाख 75 हज़ार 571 महिला मतदाता हैं. जातीय समीकरण के हिसाब से देखें तो यहां पिछड़े वर्ग के मतदाता करीब 40 प्रतिशत हैं जिनमें यादव सर्वाधिक हैं, फिर लोध बिरादरी ,कहार, काछी, कुर्मी और पाल बिरादरी के मतदाता हैं. कुल यहां करीब 1.80 लाख पिछड़े वर्ग के मतदाता हैं. वहीं करीब 70 हजार ब्राह्मण और 50 हजार ठाकुर मतदाता हैं. मुस्लिमों की आबादी लगभग 30 हजार है.

सवायजपुर विधानसभा फर्रुखाबाद, कन्नौज और शाहजहांपुर जिलों की सीमा को छूती हुई हरदोई जिले के एक कोने में स्थित है. सड़क मार्ग से जुड़ी यह विधानसभा पांच नदियों से घिरी हुई है. यह क्षेत्र हमेशा बाढ़ ग्रस्‍त रहा है और बाढ़ की समस्‍याओं से जूझना इस जनता की बड़ी चुनौती रहा है. अर्जुनपुर पुल जो बड़ेगांव से अर्जुनपुर के रास्ते फर्रुखाबाद को जोड़ता है, ये यहां की सियासत का मुख्य चुनावी मुद्दा है.



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