गोवा: उत्पल के निर्दलीय लड़ने पर शिवसेना ने पणजी से उम्मीदवार ना उतारने का ऐलान कर दिया
पणजी से टिकट ना मिलने पर मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल ने लगाए BJP पर आरोप.
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पणजी (Panji) से टिकट ना मिलने से नाराज चल रहे गोवा के पूर्व CM मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर (Utpal Parrikar) ने बीजेपी का दामन छोड़ दिया है. शुक्रवार, 21 जनवरी को उत्पल ने गोवा बीजेपी के अध्यक्ष सदानंद तनावड़े को इस्तीफा सौंप दिया. अब वे निर्दलीय होकर चुनाव लड़ेंगे. इधर शिवसेना ने उत्पल का साथ देने की बात कही है. पार्टी के दिग्गज नेता संजय राउत ने कहा कि शिवसेना पणजी से उम्मीदवार नहीं खड़ा करेगी. इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने भी उत्पल को 'आप' में शामिल होने के लिए न्योता दिया था.
संजय राऊत ने क्या कहा?
दरअसल, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एक साथ मिलकर गोवा विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. बीती 21 जनवरी को शिवसेना ने अपने 9 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की. इसमें पणजी से शैलेन्द्र वेलिंगकर को चुनाव में खड़ा किया गया है. लेकिन जैसे ही उत्पल के बीजेपी छोड़ने की खबर आई, शिवसेना ने उनका समर्थन करने का ऐलान कर दिया. संजय राऊत ने कहा,
"पणजी से मनोहर पर्रिकर चुनाव लड़ते आए हैं. अगर उत्पल निर्दलीय होकर वहाँ से चुनाव लड़ेंगे तो हम अपने उम्मीदवार को वहां से खड़ा नहीं करेंगे."
उत्पल ने क्या कहा? इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उत्पल ने पार्टी छोड़ने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्पल ने कहा कि उन्होंने अपने पिता के निधन के बाद हुए 2019 के उपचुनावों में बीजेपी से कई बार पणजी से टिकट मांगी. लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी. उन्होंने कहा कि दो साल पहले, जो व्यक्ति पार्टी में आया है, उसको प्रथमिकता दी जा रही है. लेकिन उन्होंने जो अपने तीस साल पार्टी को दिए उसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया. उत्पल ने आगे कहा,Now the fight in Panaji will be between dishonesty and character as Utpal Parrikar (son of late former Goa CM Manohar Parrikar) has announced that he will contest as an independent candidate from Panaji constituency: Shiv Sena leader Sanjay Raut pic.twitter.com/Ih4KxCLobW
— ANI (@ANI) January 22, 2022
"मेरे पिता ने पांच बार पणजी से चुनाव जीता और यहां की जनता के विकास के लिए काम किया. उनका पणजी के लोगों से एक आत्मीय संबंध बन गया था. मैं भी उनके साथ ग्राउन्ड पर काम करता था, और मेरा भी पणजी के लोगों से वही संबंध बन गया है. लोगों ने मेरे पिता को इसलिए वोट दिया क्योंकि वो ईमानदार थे और सच्चाई के साथ खड़े थे. अब मेरा भी ईमानदारी और सच्चाई के साथ खड़ा होने का समय आ गया है." "लेकिन मेरी पार्टी को इन गुणों की और चरित्र की कोई कद्र नहीं है. इसलिए मुझे मजबूरन पार्टी को छोड़ना पड़ा, ताकि मैं भी अपने पिता के बनाए रास्ते पर चल सकूँ."उत्पल ने कहा कि एक पार्टी के तौर पर उन्हें सिर्फ भाजपा पर ही विश्वास है, इसलिए वे किसी और पार्टी में शामिल नहीं हुए. यही कारण है वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले गुरुवार, 20 जनवरी को BJP ने गोवा विधानसभा चुनाव लिए 34 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में उत्पल पर्रिकर का नाम नहीं था. पार्टी ने पणजी से बाबुश मोनसेराटे को टिकट दिया है, जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. वो मनोहर पर्रिकर के विरोधी भी रहे हैं.