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BJP के हिंदुत्व की टक्कर में कांग्रेस जिन ऋचा गोस्वामी को लाई वो महात्मा गांधी पर क्या सोचती हैं?

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ऋचा गोस्वामी कांग्रेस के लिए राज्य भर में बड़े धार्मिक आयोजन करेंगी.

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Who is Richa Goswami, Hindu religious leader helping Congress in Madhya Pradesh
कथावाचक ऋचा गोस्वामी का कहना है कि उनका काम वोट मांगना नहीं है. (YT स्क्रीनशॉट/फाइल फोटो)
2 जून 2023 (Updated: 2 जून 2023, 20:40 IST)
Updated: 2 जून 2023 20:40 IST
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इस साल के अंत में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का ‘वार्मअप’ माना जा रहा है. इसलिए हर पार्टी जनता के बीच अपनी जड़ें और मजूबत करने की तैयारी में जुटी हुई है. ऐसे में चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में 'हिंदुत्व बनाम सॉफ्ट हिंदुत्व' की राजनीति ने जोर पकड़ लिया है. BJP को हिंदुत्व की महारत है. उसे टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने 'सॉफ्ट हिंदुत्व' का एक नया दांव खेला है. नाम है ऋचा गोस्वामी. खबरें हैं कि 32 साल की ये कथावाचक मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लिए कथाएं करेंगी.

आजतक/इंडिया टुडे से जुड़े रवीश पाल सिंह के मुताबिक पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कंप्यूटर बाबा का साथ मिला था. इस बार कथावाचक ऋचा गोस्वामी ने कांग्रेस के लिए अलग-अलग विधानसभाओं में जाकर धार्मिक आयोजन करने का बीड़ा उठाया है. वो मध्यप्रदेश कांग्रेस की धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ की अध्यक्ष भी हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर में पैदा हुई ऋचा गोस्वामी करीब डेढ़ साल से कांग्रेस के साथ हैं. उनके नेतृत्व में  मध्यप्रदेश कांग्रेस का धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ विधानसभा चुनाव के पहले राज्य के सभी 52 जिलों में सुंदरकांड, भगवदगीता और शिवपुराण का पाठ कराने जा रहा है. हाल ही में संगठन ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय सहित सभी जिला कांग्रेस कार्यालयों में सुंदरकांड पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ करवाया था. और अब ऋचा गोस्वामी पूरे कांग्रेस की तरफ से पूरे राज्य में कथाएं आयोजित करने जा रही हैं.

कौन हैं ऋचा गोस्वामी?

इंदौर की रहने वाली ऋचा गोस्वामी की पढ़ाई-लिखाई अमरकंटक के एक आश्रम में हुई. उनका परिवार ही इस आश्रम का संचालन करता है. पिता संस्कृत के टीचर बताए जाते हैं. मां वकील हैं. ऋचा ने बचपन में ही कथावाचन शुरू कर दिया था. कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक महज 5 साल की उम्र में ऋचा ने कथा पाठ सीखना शुरू किया और जल्दी ही इसमें महारत हासिल कर ली. इसके चलते छोटी उम्र में ही उनका परिचय कथावाचकों से हो गया. खुद ऋचा का दावा है कि उन्हें 10 साल की उम्र से पहले ही 100 कथाएं कंठस्थ हो गई थीं.

इंजीनियर बनने का सपना

ऋचा गोस्वामी ने महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. हालांकि उनका सपना कुछ और था. गुड न्यूज़ टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ऋचा गोस्वामी इंजीनियर बनना चाहती थीं. इसके लिए उन्होंने 12वीं में साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई की. लेकिन परिवार का सपना था बेटी कथावाचक बने. इसलिए साथ में कथावाचन भी चलता रहा. रिपोर्ट के मुताबिक परिजनों के आगे ऋचा ने अपना सपना छोड़ दिया और आजीवन कथावाचन करने की ठान ली. इसमें उन्हें सफलता भी मिली. 

ऋचा गोस्वामी का दावा है कि वो 650 से ज्यादा उपदेश दे चुकी हैं. उनके मुताबिक साल 2022 में उन्होंने ‘108’ घंटे 'श्रीमद देवी भागवत महापुराण का मूल पाठ' करने का रिकॉर्ड बनाया था. वो 2014 से ही एक यूट्यूब चैनल भी चला रही हैं. इस चैनल के जरिए वो भक्तों से जुड़ती रहती हैं और भाजपा पर निशाना भी साधती रहती हैं. 

‘वोट मांगना मेरा काम नहीं’

अब उनकी इस सफलता का राजनीतिक इस्तेमाल होने जा रहा है. कांग्रेस ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ऋचा को राज्यभर में धार्मिक आयोजन करने का बीड़ा सौंपा है. हालांकि ऋचा इस काम को अलग तरह से देखने का दावा करती है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा,

‘मेरा काम लोगों से वोट मांगना नहीं है. मेरा काम राज्य के हर एरिया तक रासलीला और भागवत कथा को पहुंचाना है.’

अखबार के मुताबिक ऋचा से उम्र में काफी बड़े कई कांग्रेस नेता उनसे गुहार लगा रहे हैं कि वो उनके इलाके में आकर कथावाचन करें. पार्टी ने मध्यप्रदेश की सभी 230 सीटों पर धार्मिक कार्यक्रम करने का प्लान बनाया है. इस बारे में ऋचा का कहना है,

‘लोग कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी धर्म में नहीं मानती. मैं पार्टी के नेताओं को पर्सनली जानती हूं. वो धर्म में आस्था रखते हैं. पर इसका दिखावा करने में भरोसा नहीं रखते. कांग्रेस में धार्मिक जागरुकता है. मेरा काम है लोगों को इस बारे में समझाना और हिंदुत्व के पैरोकार होने का दावा करने वालों को बेनकाब करना.’

उन्होंने ये भी कहा,

“हिंदू धर्म का मतलब ये नहीं है कि डंडा उठाओ और लोगों को पीटना शुरूकर दो. सिर्फ इसलिए कि वे आपसे सहमत नहीं हैं. हिंदू धर्म से भी पहले वैदिक सनातन धर्म था. हम सभी धर्मों को स्वीकार करते हैं. हम हिंदू और मुसलमानों में भेदभाव नहीं करते. मैं महात्मा गांधी की विचारधारा में विश्वास करती हूं और लोगों को बताना चाहता हूं कि यही कांग्रेस की विचारधारा है.”

इधर कांग्रेस के नेताओं ने भी पुष्टि की है कि ऋचा को धार्मिक आयोजन का काम दिया गया है. प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया ने आजतक से बात करते हुए बताया,

'जब कमलनाथ जी ने समाज के सभी वर्गों को जोड़ने के लिए प्रकोष्ठों की स्थापना की योजना बनाई थी, तो उस समय धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ भी बनाया गया था. ऋचा गोस्वामी ने उस समय कांग्रेस से संपर्क किया और बताया कि वो पार्टी से जुड़ना चाहती हैं. क्योंकि ऋचा गोस्वामी लंबे समय से कथावाचन भी कर रही हैं और कांग्रेस के कई नेताओं ने उनकी कथाओं का आयोजन भी करवाया था, लिहाजा उन्हें धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया गया.'

हालांकि जेपी धनोपिया ने ये भी कहा कि ऋचा अपने प्रकोष्ठ के जरिए धार्मिक आयोजन तो करेंगी, लेकिन कहीं पर भी कांग्रेस के लिए वोट नहीं मांगेंगी.

वीडियो: धर्म परिवर्तन मध्यप्रदेश की कहानी ने मचाया बवाल, जाकिर नाइक से क्या कनेक्शन

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