'PM मोदी के चुनाव लड़ने पर 6 साल की रोक लगे...', दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर
Delhi High Court में PM Narendra Modi के ख़िलाफ़ याचिका दायर की गई है. मांग की गई है कि 6 साल तक प्रधानमंत्री के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए. याचिका में PM के उस भाषण का ज़िक्र किया गया है, जो उन्होंने Uttar Pradesh के Pilibhit में दिया था.
![Plea before Delhi High Court seeks 6 year poll ban on PM Narendra Modi](https://static.thelallantop.com/images/post/1713256201970_pm_modi_(1).webp?width=540)
भारत की सियासत इन दिनों लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के इर्दगिर्द घूम रही है. नेता धुंआधार रैलियां कर रहे हैं. इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के ख़िलाफ़ याचिका दायर हो गई है. एक वकील ने गुहार लगाई है कि प्रधानमंत्री मोदी को 6 साल तक चुनाव लड़ने के लिए प्रतिबंधित किया जाए. याचिकाकर्ता ने PM Modi पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हिंदू और सिख देवी-देवताओं और पूजा स्थलों के नाम पर BJP के लिए वोट मांगा.
ये याचिका वकील आनंद एस जोंधले ने दायर की है. जोंधले ने हाई कोर्ट से मांग की है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री मोदी को 6 साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने के लिए चुनाव आयोग (ECI) को निर्देश दिये जाएं. जोंधले ने प्रधानमंत्री मोदी के 9 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में दी गई स्पीच का ज़िक्र किया है. याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने न सिर्फ़ हिंदू और सिख देवी-देवताओं और उनके पूजा स्थलों के नाम पर वोट मांगे, बल्कि 'मुसलमानों का पक्ष लेने वाले विरोधी राजनीतिक दलों' के ख़िलाफ़ भी कमेंट किया.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक़, याचिका में कहा गया है कि निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग की तरफ़ से प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ तत्काल कार्रवाई करना चाहिए. क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख़ बहुत तेज़ी से नज़दीक आ रही है. भारत सरकार के विमानों और हेलीकॉप्टरों में यात्रा करते समय प्रधानमंत्री मोदी पूरे भारत में एक ही तरह का अपमानजनक भाषण देने के फ़िराक़ में हैं. प्रधानमंत्री के भाषणों से जाति और धर्म के आधार पर मतदाताओं के बीच नफरत पैदा हो सकती है. इसीलिए आदर्श आचार संहिता के अनुसार प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए.
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इससे पहले वकील आनंद जोंधले ने चुनाव आयोग से भी प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की थी. इस महीने की शुरुआत में उन्होंने IPC की धारा 153 (A) के तहत नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की जाए और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत उन्हें 6 साल के लिए चुनाव से अयोग्य घोषित किया जाए. हालांकि जोंधले का आरोप है कि अभी तक इस मामले में चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
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