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Lok Sabha Election 2024: पहले चरण की ये 10 सीटें तय करेंगी चुनाव की दशा और दिशा

Lok Sabha Election 2024 First Phase Voting: पहले चरण की वोटिंग में इन 10 सीटों पर किनके बीच मुकाबला है? इन सीटों पर सबकी नजरें क्यों टिकी हैं?

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Nitin Gadkari K Annamalai Jitan Ram Manjhi
19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होनी है. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे/PTI)
18 अप्रैल 2024 (Updated: 19 अप्रैल 2024, 08:39 IST)
Updated: 19 अप्रैल 2024 08:39 IST
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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए पहले चरण की वोटिंग चालू हो चुकी है. 17 अप्रैल को चुनाव प्रचार का अंतिम दिन था. फेज 1 में कुल 21 राज्यों/UTs की 102 सीटों पर वोटिंग होनी है. इस आर्टिकल में उन 10 VIP किस्म की सीटों की बात करेंगे जहां मुकाबला रोचक है. इसमें उत्तर प्रदेश की रामपुर और मुजफ्फरनगर की सीटें शामिल हैं. मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट के अलावा तमिलनाडु की चेन्नई सेंट्रल सीट, चेन्नई साउथ सीट और कोयंबटूर सीट पर भी रोचक मुकाबला है. इसके अलावा महाराष्ट्र की नागपुर, राजस्थान की बीकानेर, जम्मू कश्मीर की उधमपुर और बिहार की गया सीट की भी चर्चा करेंगे.

Rampur में SP बनाम BJP

उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की अच्छी पकड़ मानी जाती है. 2019 में यहां से आजम खान जीते थे. उन्होंने BJP के टिकट पर लड़ रहीं जया प्रदा को हराया था. 2022 में विधायकी लड़ने के लिए आजम ने इस सीट से सांसदी छोड़ दी थी. उपचुनाव में भाजपा के घनश्याम लोधी जीते थे. 2004 और 2009 में यहां से सपा के टिकट पर जया प्रदा जीती थीं. 2014 में BJP से डॉक्टर नेपाल सिंह जीते थे. इस बार आजम जेल में हैं और उनके समर्थक टिकट वितरण से नाराज हैं तो मुकाबला काफी रोचक हो गया है.

BJP से घनश्याम लोधी, सपा से जामा मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी और BSP से जीशान खान चुनाव लड़ रहे हैं. नदवी को टिकट मिलने से सपा के कुछ स्थानीय नेता नाराज बताए जा रहे हैं. उनकी मांग थी कि आजम की खाली सीट पर अखिलेश यादव लड़ें. लेकिन टिकट मिला नदवी को. नदवी ने टिकट मिलते ही जो बयान दिया, उसने आग में घी डालने का काम किया. उन्होंने कहा, 

''देश में डेमोक्रेसी है, यहां विरासत जैसा कुछ नहीं होता. रामपुर किसी की जागीर नहीं है. तमाम नेता आते हैं और चले जाते हैं. आजम खान से पहले भी कुछ लोग थे और उनके बाद भी होंगे.'' 

इस तरह रामपुर आजम खान की राजनीतिक शक्ति का परीक्षण-स्थल बन गया है.

Muzaffarnagar में किनके बीच मुकाबला?

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से BJP के संजीव बालियान दो बार के सांसद हैं. 2019 में बालियान को RLD के पुराने नेता चौधरी अजित सिंह से कड़ी टक्कर मिली थी और हार-जीत में करीब 6 हजार वोटों का ही अंतर रहा था. अजित सिंह अब नहीं रहे और हाल ही में RLD का भाजपा से गठबंधन भी हो चुका है. ऐसे में बालियान के लिए अब फाइट है सपा के टिकट पर लड़ रहे हरेंद्र मलिक से. मुजफ्फरनगर में जाट और मुसलमान वोटर्स अच्छी तादाद में हैं. संजीव बालियान को करीब 18 से 20 फीसदी जाट आबादी के समर्थन की उम्मीद है और हरेंद्र मलिक को मुस्लिम और यादव समीकरण से आस है. लेकिन मुजफ्फरनगर में एक तीसरा एंगल भी है.

BSP ने इस बार मुजफ्फरनगर में दारा सिंह प्रजापति को उम्मीदवार बनाया है. वो OBC वोट में सेंधमारी की कोशिश में हैं. ये वोट्स अगर बसपा को गए तो वे भाजपा के खाते से ही कटे वोट्स कहे जाएंगे.

Chhindwara में Congress बनाम BJP

मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट. ये मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सीट रही है. 9 बार वो यहां से सांसद रहे हैं. 2014 तक तो उनको लगातार 5 बार जीत मिली. 2019 में उन्होंने अपने बेटे नकुलनाथ के लिए ये सीट छोड़ी. नकुलनाथ ने जीत के साथ विरासत संभाली और भाजपा के नथन शाह को हराया. इस बार नकुलनाथ के सामने हैं BJP के विवेक साहू बंटी. साहू ने हालिया मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के सामने जोर लगाया था. कमलनाथ 34 हजार वोट से जीते थे. भाजपा ने फिर से बंटी साहू पर भरोसा जताया है. हाल के मध्य प्रदेश चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद कमलनाथ की राजनीतिक स्थिति कांग्रेस में कमजोर होती गई हैं. इस लिहाज से भी ये चुनाव उनके लिए महत्वपूर्ण है.

Chennai Central सीट पर किनके बीच मुकाबला?

तमिलनाडु की चेन्नई सेंट्रल सीट से DMK के टिकट पर लड़ रहे हैं- दयानिधि मारन. BJP ने विनोज पी सेल्वम को चुनावी मैदान में उतारा है. यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके दयानिधि मारन का इस सीट पर स्ट्रॉन्ग होल्ड है. 2004 और 2009 में वो यहां से जीते थे. 2014 में AIADMK के एसआर विजयकुमार ने दयानिधि मारन को ही हराया था. लेकिन 2019 में बीजेपी नहीं जीत सकी. तब PMK कैंडिडेट यहां से नंबर-2 पर रहे थे लेकिन BJP ने इस बार PMK को NDA गठबंधन में जोड़ लिया है.

Chennai South

तमिलनाडु की चेन्नई साउथ सीट से एक पूर्व राज्यपाल चुनाव लड़ रही हैं. तमिलिसाई सुंदरराजन मार्च तक तेलंगाना की राज्यपाल थीं. 2-3 दिन में बीजेपी में शामिल हुईं और टिकट मिल गया. 2019 में थुथूकोडी सीट से लड़ी थीं लेकिन DMK की कनिमोड़ी से हार गई थीं. सितंबर 2019 में उन्हें राज्यपाल बना दिया गया. 2014 से 2019 तक तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष भी रही हैं. हालांकि, सुंदरराजन के सामने दोनों मजबूत कैंडिडेट हैं. एक तो हैं मौजूदा सांसद DMK से थमिजाची थंगापांडियन. और AIADMK से लड़ रहे हैं, जयवर्धन, जो 2014 में चेन्नई साउथ से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. 2019 में जयवर्धन नंबर-2 पर रहे थे.

Tamilisai Soundararjan
तमिलिसाई सुंदरराजन 20 मार्च को BJP में शामिल हो गई थीं. (तस्वीर साभार: PTI)
Coimbatore में अन्नामलाई

कोयंबटूर सीट तमिलनाडु की सबसे चर्चित सीट में से एक. क्योंकि यहां से लड़ रहे हैं तमिलनाडु में बीजेपी के अध्यक्ष और अपने राजनीतिक तौर तरीकों के लिए मशहूर अन्नामलाई. पिछले चुनाव में यहां से CPM के पी. नटराजन ने जीत हासिल की थी. भाजपा यहां पिछले 2 चुनाव से लगातार नंबर-2 पर आ रही है. दोनों बार भाजपा को 30 फीसदी से ज्यादा वोट मिले. तमिलनाडु की राजनीति में पार्टी की कमजोर स्थिति को देखते हुए ये उनके लिए बड़ा पॉजिटिव है. इसीलिए इस बार अन्नामलाई के चुनाव पर नजरें टिकी हैं.

 Nagpur में BJP बनाम महाविकास अघाड़ी

महाराष्ट्र की नागपुर सीट से सड़क-परिवहन मंत्री नितिन गडकरी चुनाव लड़ रहे हैं. 2014 और 2019 में नितिन गडकरी ने यहां से जीत हासिल की थी. खास बात ये कि 2019 में उनके वोट और जीत का अंतर बढ़ा था. नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हेडऑफिस भी है. ये विदर्भ का सबसे बड़ा शहर भी है. इस बार गडकरी के सामने महाविकास अघाड़ी की तरफ से उम्मीदवार हैं विकास ठाकरे. नागपुर सीट पर हुए 18 चुनाव में से 13 कांग्रेस ने जीते हैं, 3 भाजपा ने. 2014 और 2019 में गडकरी की जीत से पहले 1996 में BJP के बनवारी लाल पुरोहित जीते थे.

Nagpur Sankalp Patra Nitin Gadkari
‘नागपुर संकल्प पत्र’ जारी करते नितिन गडकरी. (तस्वीर साभार: PTI)
Bikaner में BJP या Congress?

राजस्थान की बीकानेर सीट पर मोदी सरकार में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल 2009 से जीत रहे हैं. आरक्षित सीट है. कांग्रेस ने उनके सामने पिछली गहलोत सरकार में मंत्री रहे गोविंदराम मेघवाल को टिकट दिया है.

Udhampur

जम्मू में उधमपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के कैंडिडेट हैं जितेंद्र सिंह. केंद्र में मंत्री हैं और उधमपुर से 2 बार के सांसद हैं. तीसरी बार टिकट मिला है. उन्हीं के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री मोदी  12 अप्रैल को उधमपुर पहुंचे थे. उनका मुकाबल है- कांग्रेस के चौधरी लाल सिंह से. अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए जाने के बाद पहली बार वहां लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. 

Gaya में HAM बनाम RJD

बिहार की गया सीट से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी चुनाव लड़ रहे हैं. जीतन राम मांझी पिछला दो चुनाव इस सीट से हार चुके हैं. इस बार उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम पार्टी, NDA का हिस्सा है. मांझी के सामने हैं- RJD के कुमार सर्वजीत. वो अभी बोध गया विधानसभा सीट से विधायक हैं. नीतीश-तेजस्वी की सरकार में मंत्री भी रहे हैं. इस बार सांसदी लड़ रहे हैं.

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