जिस शहर में हर चीज एशिया में सबसे बड़ी होती है, वहां बीजेपी की जीत कित्ती बड़ी है?
सबसे खास बात ये कि यहां कांग्रेस दूसरे नंबर पर है.
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उत्तर प्रदेश की कानपुर लोक सभा सीट से भाजपा के सत्यदेव पचौरी और कांग्रेस के श्रीप्रकाश जयसवाल लड़ रहे हैं.
सीट का नाम: कानपुरप्रमुख कैंडिडेट्स:
श्रीप्रकाश जायसवाल, कांग्रेस सत्यदेव पचौरी, बीजेपी रामकुमार निषाद, सपा-बसपा
रुझान - सत्यदेव पचौरी 1,55,033 वोट से जीते.

कानपुर का रिजल्ट.
2014 का रिजल्ट - जोशी ने श्रीप्रकाश जायसवाल को 2,22,946 मतों से करारी मात दी थी.
मुरली मनोहर जोशी, बीजेपी - 4,74,712 वोट श्रीप्रकाश जायसवाल, कांग्रेस - 2,51,766 वोट सलीम अहमद, बसपा - 53,218 वोट सुरेंद्र मोहन अग्रवाल, सपा - 25,723 वोट
हर चीज यहां एशिया में सबसे बड़ी है. तो एशिया में हो रहे सबसे बड़े चुनाव में इस सीट की डिमांड तो रहेगी ही. हालांकि ये शहर अपने मैनचेस्टर मोड में फंसा है रोजगार के नए अवसर चाहता है. खोया हुआ इतिहास वापस पाना चाहता है. इसीलिए इंडस्ट्री और मिलों को शुरू करना यहां बड़ी मांग में रहती है. 3 बार सांसद रहे श्रीप्रकाश जायसवाल यहां एक बार फिर कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी थे. यूपीए सरकार में कोयला मंत्री रहे पर कानपुर को कुछ बड़ा नहीं दिला पाए. पिछली बार जायसवाल को मोदी लहर में मुरली मनोहर जोशी ने हराया. मगर इस बार ओवरएज होने के कारण उनको टिकट नहीं मिला. बीजेपी से टिकट मिला यूपी सरकार में लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी को.
टिकट मिलने का कारण उनका ब्राह्मण होना है. ब्राह्मण यहां निर्णयक हैं. कानपुर वैसे भी शहरी सीट है. इसलिए भी बीजेपी का यहां एज है. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में यहां की 5 सीटों में से बीजेपी के हाथ 2 ही सीटें आईं थीं. 2 सपा और 1 कांग्रेस ने जीती थी. सपा-बसपा के प्रत्याशी राम कुमार निषाद कहीं फाइट में नहीं थे. लोग तो इसे श्रीप्रकाश जायसवाल को वॉकओवर मान रहे थे. मगर सत्यदेव पचौरी या कह लें मोदी लहर ने इस वॉकओवर का फायदा उन्हें होने नहीं दिया. श्रीप्रकाश की उपलब्धि यही है है कि वो कांग्रेस के होते हुए भी इस सीट पर कमसेकम दूसरे नंबर पर रहे.
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