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वो 44 महिलाएं जो चुनाव जीतकर उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पहुंची हैं

403 सीटों की विधानसभा में केवल 10.9 प्रतिशत महिलाएं.

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तस्वीर में चुनाव जीत चुकीं महिला उम्मीदवार अदिति सिंह , नीलिमा कटियार , अनुराधा मिश्रा मोना , पल्लवी पटेल और अनुपमा जायसवाल हैं.
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संध्या चौरसिया
11 मार्च 2022 (Updated: 11 मार्च 2022, 03:25 PM IST) कॉमेंट्स
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उत्तर प्रदेश में बीजेपी एक बार फिर से सरकार बना रही है. 403 में से 273 सीटों पर बीजेपी गठबंधन ने जीत दर्ज की है. इस बार के यूपी चुनाव में कांग्रेस ने महिलाओं से जुड़े मुद्दों को हाईलाइट किया था. 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' कैम्पेन चलाया था, 40 प्रतिशत सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया था. हालांकि, इनमें से केवल एक महिला चुनाव जीत सकीं. ये तो हुई कांग्रेस की बात, पर दूसरी पार्टियों ने भी महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, उनका क्या हुआ? उनमें से कितनी जीत पाईं? 403 सीटों वाली यूपी विधानसभा में इस बार 44 महिलाएं विधायक बनकर पहुंचेंगी. माने 10.9 प्रतिशत महिलाएं. अलग-अलग पार्टियों की बात करें तो जीतने वाली उम्मीदवारों में से 25 बीजेपी से, 14 सपा से, दो अपना दल से और जैसा कि हमने पहले बताया कि एक कांग्रेस पार्टी से हैं. 2017 के चुनाव की बात करें तो तब 41 महिलाएं चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थीं. अब थोड़ी बात यूपी की चर्चित महिला प्रत्याशियों के बारे में भी कर लेते हैं.

अदिति सिंह

mla aditi singh रायबरेली  की सदर सीट से बीजेपी की प्रत्याशी अदिति सिंह ने चुनाव जीत लिया है. उन्हें कुल एक लाख दो हज़ार 429 वोट मिले हैं. अदिति ने समाजवादी पार्टी के आरपी यादव  को 7175 वोटों के अंतर से हराया. अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह रायबरेली सीट से पांच बार कांग्रेस के विधायक रहे हैं. साल 2017 में अदिति ने कांग्रेस से ये सीट जीती थी. अदिति सिंह 2021 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थीं.

पल्लवी पटेल

Pallavi समाजवादी पार्टी की पल्लवी पटेल ने सिराथू से चुनाव जीता है. उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को 7337 वोटों से हराया है. उन्हें कुल एक लाख छह हज़ार 278 वोट मिले हैं. वहीं, केशव प्रसाद मौर्य को 98 हज़ार से ज्यादा वोट मिले. पल्लवी अपना दल की मुखिया और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन हैं. अपना दल भाजपा की सहयोगी पार्टी है, हालांकि पल्लवी समाजवादी पार्टी की सदस्य हैं.

अनुपमा जायसवाल

अनुपम बीजेपी की अनुपमा जायसवाल ने बहराइच विधानसभा सीट पर जीत हासिल की है. उन्हें एक लाख सात हजार  628 वोट मिले हैं. उन्होंने सपा के यासर शाह को 4078 वोटों से हराया. 2017 में भी अनुपमा इसी सीट से चुनाव जीती थीं. वो योगी सरकार में मंत्री भी रहीं, उन्हें बेसिक शिक्षा राज्य का स्वतंत्र प्रभार दिया गया था. हालांकि, बाद में उनसे ये जिम्मेदारी वापस ले ली गई थी.

आराधना मिश्रा , मोना

Araadhanaa Maisara Sixteen Nine आराधना मिश्रा, मोना कांग्रेस से जीतने वाली इकलौती महिला उम्मीदवार हैं. वो प्रतापगढ़ जिले के रामपुर खास से चुनाव जीती हैं. उन्हें 84 हजार 334 वोट मिले हैं. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी नागेश सिंह उर्फ़ छोटे सरकार को 14 हजार 741 वोटों के अंतर से हराया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की बेटी हैं. वह पहले उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से लगातार तीन बार ब्लॉक प्रमुख के रूप में चुनी गई थीं.

नीलिमा कटियार

नीलिमा नीलिमा कटियार ने कल्याणपुर सीट से दोबारा चुनाव जीता है. उन्होंने सपा के सतीश निगम को 21 हजार 535 वोटों से हराया है. उन्हें कुल 98 हजार 997 वोट मिले हैं. उन्होंने इसी सीट पर 2017 का विधानसभा चुनाव भी जीता था. 2019 में योगी आदित्यनाथ के पहले कैबिनेट विस्तार में उन्हें उत्तर प्रदेश राज्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. इस बार विधानसभा में महिलाओं की संख्या 2017 की तुलना में भले ही बहुत ज्यादा न बढ़ी हो, लेकिन इस चुनाव में महिलाओं के मुद्दों पर बात हुई. पर केवल बात होना काफी नहीं है. महिलाओं का रिप्रेजेंटेशन बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाने की ज़रूरत है. कदम जो उठा तो सही, पर अब तक रखा नहीं जा सका है. विधानसभाओं और संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल सालों से पेंडिंग है, सरकारें बदली, संसद में हमारे प्रतिनिधि बदले लेकिन बिल अटका रहा. मालूम नहीं हम कब तक औरतों को मिलने वाले 9,10 या 11 प्रतिशत के आरक्षण पर छाती पीटते रहेंगे?

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