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गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतेंद्रभाई वघानी अपनी सीट बचा पाए?

पिछले दो चुनावों से भावनगर पश्चिम से बीजेपी जीत रही है.

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कौन जीत रहा है भावनगर पश्चिम?
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अनुभव बाजपेयी
8 दिसंबर 2022 (Updated: 8 दिसंबर 2022, 04:36 PM IST) कॉमेंट्स
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गुजरात (Gujarat) की भावनगर पश्चिम सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा शिक्षा मंत्री जीतेंद्रभाई वघानी (Jitendrabhai Vaghani) चुनाव जीत गए हैं. उन्हें 84 हजार 713 वोट मिले. दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के केके गोहिल. उन्हें 42 हजार 791 मतदाताओं ने वोट दिया. जीत का मार्जिन करीब 42 हजार रहा. इसी सीट पर आम आदमी पार्टी के राजू सोलंकी 26 हजार से ज्यादा वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे.

इस ट्रेंड के अनुसार वघानी बड़े अंतर से जीतते दिख रहे हैं

भावनगर पश्चिम सीट से जीतेंद्रभाई वघानी इससे पहले तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं. 2007 में पहली बार चुनाव लड़े थे. तब हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन 2012 से वघानी लगातार इस सीट से जीतते आ रहे हैं. 2012 में उन्हें 92 हजार 584 वोट मिले थे. 2017 में 83 हजार 701 वोट मिले. दोनों चुनावों में उन्हें मिले कुल वोटों का अंतर करीब 10 प्रतिशत था. दोनों बार उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशियों को बड़े मार्जिन से हराया था.

चर्चा में क्यों है?

भावनगर जिला गुजरात की राजधानी गांधीनगर से 190 किमी दूर है. ये हमेशा से व्यापार के लिए एक अहम जगह रही है. ये लार्ज और स्माल स्केल इंडस्ट्री का गढ़ रहा है. यहां विश्व का सबसे बड़ा शिप ब्रेकिंग यार्ड है. भावनगर गुजराती नाश्ते जलेबी और गाठिया के लिए भी फेमस है. 

राजनीति की नजर से देखें तो ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण सीट नहीं रही है. लेकिन इस सीट पर चुनाव लड़ रहे जीतेंद्रभाई वघानी बेशक महत्वपूर्ण हैं. वो इस वक़्त गुजरात के शिक्षा मंत्री हैं. उन्हें भूपेन्द्र पटेल के सीएम बनने के बाद कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया था. सीआर पाटील से पहले जीतूभाई ही गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष थे. चूंकि वो दो बार से चुनाव जीत रहे हैं और इस बार कैबिनेट मंत्री भी हैं, इसलिए ये सीट उनके लिए साख का सवाल भी है.

सीट के समीकरण

जातिगत समीकरण के लिहाज से देखा जाए तो भागनगर वेस्ट विधानसभा क्षेत्र में कोली समुदाय, पटेल समुदाय और क्षत्रिय समुदाय का प्रभाव है. कोली और पटेल समुदाय के वोटर्स का समर्थन बीजेपी को मिलता रहा है. बताया जाता है कि इस बार जीतूभाई ने कोली समुदाय के वोट पाने के लिए कड़ी मेहनत की है. चुनाव के दौरान सुनने में आया कि टिकट बंटवारे में इग्नोर किए जाने के चलते कोली समाज नाखुश था. हालांकि इसका चुनाव के नतीजों पर असर नहीं पड़ा है.

वीडियो देखें: गुजरात चुनाव 2022-'बीजेपी' ने चुनरी दी, कांग्रेस से भी लेंगे' वोट किसे?

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