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केजरीवाल ने इस नेता के जीतने का दावा किया था, 18 हजार वोट से हार गया!

BJP के अयार मुलुभाई बेरा ने गढ़वी को 18 हजार 745 वोटों से हरा दिया है.

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Khambhalia Assembly Election Isudan Gadhvi arvind kejriwal
अरविंद केजरीवाल और ईशुदान गढ़वी. (फाइल फोटो)
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धीरज मिश्रा
8 दिसंबर 2022 (Updated: 8 दिसंबर 2022, 06:22 PM IST)
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गुजरात की खंभालिया (Khambhalia) सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) नेता ईशुदान गढ़वी (Isudan Gadhvi) हार गए हैं. वह AAP के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी थे. BJP के अयार मुलुभाई बेरा ने गढ़वी को 18 हजार 745 वोटों से हरा दिया है.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, अयार मुलुभाई बेरा को 77 हजार 834 वोट मिले हैं. वहीं, AAP नेता ईशुदान गढ़वी को कुल 59 हजार 89 वोट हासिल हुए. कांग्रेस प्रत्याशी अहीर विक्रमभाई मादम तीसरे नंबर पर हैं. उन्हें 44 हजार 715 वोट मिले.

खास बात ये है कि AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने लिखकर दिया था कि इस सीट से ईशुदान गढ़वी नहीं हारेंगे. केजरीवाल ने दो और सीटों को लेकर दावा किया था, लेकिन AAP के ये तीनों प्रत्याशी भी हार गए हैं.

इस सीट से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मसलिमीन (AIMIM) के नेता बुखारी याकूब मोहम्मद हुशेन ने भी चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें महज 737 वोट मिले हैं. यह NOTA से भी कम है, जो कि 2582 वोट है.

खंभालिया विधानसभा क्षेत्र जामनगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार पूनमबेन हेमतभाई मादम ने कांग्रेस के कंदोरिया मुलुभाई रणमलभाई को हराया था. जीत का अंतर 2 लाख 36 हजार 804 वोट का था.

खंभालिया सीट का रिजल्ट घोषित.
कौन हैं ईशुदान गढ़वी

राजनीति में आने से पहले ईशुदान गढ़वी पत्रकार थे. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन से की. वहां 2007 से 2011 तक रहे. बाद में ईटीवी गुजराती में आए. 

15 साल पत्रकारिता करने के बाद ईशुदान गढ़वी का इस पेशे से मन ऊब गया. अब उन्हें राजनीति करनी थी. पार्टी चुनी अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी.

आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद की रेस में कई नाम थे. लेकिन सबसे ज़्यादा चर्चा ईशुदान गढ़वी की रही और उन्हें केजरीवाल ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया. हालांकि वे चुनाव हारने की कगार पर हैं.

पिछले चुनाव में क्या हुआ था?

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में खंभालिया विधानसभा सीट पर कुल 20 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, जिसमें से कांग्रेस उम्मीदवार की जीत हुई थी. कांग्रेस के विक्रम अर्जन भाई ने बीजेपी के कालूभाई चावड़ा को 11 हजार 46 वोटों से हराया था.

विक्रम अर्जन भाई को कुल 79 हजार 779 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी उम्मीदवार कालूभाई चावड़ा को कुल 68 हजार 733 वोट मिले थे. दोनों नेताओं को मिलाकर कुल 93.6 फीसदी वोट मिले थे. 

इससे पहले साल 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी उम्मीदवार पूनमबेन ने कांग्रेस नेता अहीर एभा करसन करमूर को 38 हजार 382 वोटों से हराया था. साल 2007 के चुनाव में भी बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. उस वक्त जीत का अंतर सिर्फ 798 वोटों का था.

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