facebookwhy congress choose Siddaramaiah as Karnataka CM not DK Shivakumar
The Lallantop

सिद्दारमैया मुख्यमंत्री बनेंगे तो इन्हीं पांच वजहों से

डीके शिवकुमार को क्या मिलेगा?
why congress choose Siddaramaiah as Karnataka CM not DK Shivakumar
कांग्रेस ने कर्नाटक का CM चुन लिया. (फाइल फोटो: PTI)
pic
Invalid Date
Updated: Invalid Date Invalid Date IST
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large

कर्नाटक का अगला सीएम कौन होगा, इसे लेकर कांग्रेस पार्टी में बातचीत का दौर जारी है. बुधवार, 17 मई को कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि सिद्दारमैया का मुख्यमंत्री बनना तय है, लेकिन बाद में रणदीप सुरजेवाला ने ऐसी रिपोर्टों को एक तरह से खारिज करते हुए कहा कि अगले 24 घंटों में कर्नाटक के सीएम का एलान हो जाएगा. यानी शायद आज भी सीएम के नाम की घोषणा नहीं होगी.

हालांकि सीएम होगा दो ही नामों में से कोई एक. सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार. एक पूर्व सीएम हैं तो दूसरे कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख. दोनों ने ही चुनाव जिताने में बड़ी भूमिका अदा की है. जातीय समीकरण और लोकप्रियता के लिहाज से सिद्दारमैया आगे हैं तो प्रदेश पार्टी संगठन को फिर से खड़ा करने और मजबूत बनाकर चुनाव जिताने का सबसे बड़ा श्रेय डीके शिवकुमार को जाता है.

इस रिपोर्ट में बात करेंगे कि अगर सिद्दारमैया को सीएम चुना गया तो उसकी पांच बड़े वजह कौन सी हो सकती हैं. 

कांग्रेस के इस फैसले की वजहें

1. बतौर CM सिद्दारमैया का कार्यकाल- सिद्दारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वो 1978 में डी. देवराज अर्स के बाद पांच साल का कार्यकाल (2013-2018) पूरा करने वाले कर्नाटक के इकलौते सीएम रहे हैं.

2. सिद्दारमैया की लोकप्रियता- एक नेता के तौर पर सिद्दारमैया की लोकप्रियता पूरे कर्नाटक में है. एक तरह से वे कांग्रेस के भीड़ खींचने वाले नेता हैं. वो कर्नाटक के प्रमुख ओबीसी समूह कुरुबा से आते हैं. उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में जातियों का इंद्रधनुषी गठजोड़ तैयार किया है. वहीं डीके शिवकुमार का प्रभाव दक्षिणी कर्नाटक और ज्यादातर वोक्कालिगा समुदाय तक ही सीमित है.

3. विधायकों का सपोर्ट- ज्यादातर विधायक सिद्दारमैया को CM बनाने के समर्थन में हैं. कहा जा रहा है कि सिद्दारमैया को करीब 90 विधायकों का समर्थन है. 

4. शिवकुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के केस- डीके शिवकुमार के खिलाफ आयकर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज हैं. इनमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ED की चार्जशीट और आय से अधिक संपत्ति के मामले में CBI की जांच शामिल है. शिवकुमार को ED ने सितंबर 2019 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार भी किया था और एक महीने बाद वो जमानत पर रिहा हुए थे.

5. सिद्दारमैया का आखिरी चुनाव- सिद्दारमैया ने कहा था कि इस बार उनका आखिरी चुनाव होने जा रहा है. इसके बाद वो चुनावी राजनीति से संन्यास ले लेंगे. वहीं डीके शिवकुमार ने अब तक पार्टी के प्रति दृढ़ता और पूरी वफादारी का परिचय दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि वो पार्टी से बगावत नहीं करेंगे. 

डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया

चुनाव विश्लेषक संदीप शास्त्री ने लल्लनटॉप के शो नेता नगरी में पहले ही सिद्दारमैया के CM चुने जाने का संकेत दिया था. उन्होंने कहा था,

"सिद्दारमैया जी को नज़रअंदाज करना काफी मुश्किल होगा. इसके कई कारण हैं. पहला ये कि सिद्दारमैया मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इस बार कांग्रेस को कर्नाटक में जो जीत मिली है. इसके पीछे सिद्दारमैया का प्रयास था. सिद्दारमैया की कोशिश से ओबीसी, दलित, आदिवासी, मुस्लिम वोट और लिंगायत-वोक्कालिगा से एक वर्ग का वोट काफी हद तक कांग्रेस से जुड़ा है."

संदीप शास्त्री ने डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की बात भी कही थी. उन्होंने कहा था,

"शिवकुमार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष हैं. उन्होंने संगठन के स्तर पर काफी काम किया है. आर्थिक तौर पर काफी काम किया है. लेकिन, इस स्टेज पर शुरुआत में सिद्दारमैया को बनाना पड़ेगा. शिवकुमार शायद उपमुख्यमंत्री बनेंगे."

वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने भी नेता नगरी में डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की बात कही थी.

उनका कहना था,

“राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले डीके शिवकुमार ने अपनी एक यात्रा निकाली थी. डीके शिवकुमार ने अपने गढ़ ओल्ड मैसूरू क्षेत्र में काफी हद तक अच्छा परफॉर्म किया. उनका कहना है कि उन्होंने बहुत त्याग किया, वो जेल गए, इसके बावजूद कांग्रेस नहीं छोड़ी. ऐसा लगता है कि कांग्रेस को उन्हें उपमुख्यमंत्री तो बनाना ही पड़ेगा.”

13 मई को कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद 14 मई को कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक रखी थी. विधायक दल ने सीएम चुनने का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर छोड़ दिया था. 15 मई को सिद्दारमैया कांग्रेस आलाकमान के साथ बैठक के लिए दिल्ली पहुंचे. इसके अगले दिन 16 मई को डीके शिवकुमार ने भी दिल्ली पहुंचकर मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की.


वीडियो: कर्नाटक का अगला सीएम कौन? शिवकुमार vs सिद्धारमैया में कौन मारेगा बाजी?


और भी

कॉमेंट्स
thumbnail