MP: मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे को कांग्रेस ने दिया सांसदी का टिकट
पूर्व सीएम के बेटे अजय सिंह भी मैदान में, एक लोकगायक को भी टिकट.
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नकुल नाथ, अजय सिंह और प्रहलाद टिपानिया

लिस्ट देखिए.
आइए जानते हैं कुछ प्रमुख सीटों से लड़ रहे उम्मीदवारों के बारे में-
छिंदवाड़ा- इस सीट से कमलनाथ 9 बार सांसद रह चुके हैं. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ दी. अब यह सीट उनके बेटे नकुलनाथ को दी गई है.
देवास- इस सीट से कांग्रेस ने 65 साल के प्रह्लाद टिपानिया को टिकट दिया है. प्रह्लाद लोकगायक हैं. मालवी स्टाइल में कबीर के भजन गाने के लिए जाने जाते हैं. लोकगीत गाने के लिए ब्रिटेन, अमेरिका, पाकिस्तान सहित कई देश जाते रहे हैं. लोकगीत के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए इन्हें पद्मश्री पुरस्कार भी दिया गया है. देवास सुरक्षित सीट है.

लोक गायक प्रह्लाद टिपानिया
सीधी- यह मध्यप्रदेश की अहम लोकसभा सीट में से है. यहां से अजय सिंह राहुल को टिकट दिया गया है. अजय पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे और एमपी में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. विधानसभा चुनावों में उनको पार्टी की परंपरागत सीट चुरहट पर बीजेपी ने हरा दिया था. अजय को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की बात की जा रही थी, लेकिन अब वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.
खंडवा- यहां से एमपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव को टिकट दिया गया है. 2014 चुनाव में अरुण को बीजेपी के नंदकुमार चौहान ने हराया था. हालांकि पार्टी ने फिर उन पर दांव लगाया है.
रीवा- इस सीट से सिद्धार्थ तिवारी को टिकट दिया गया है. सिद्धार्थ, विधायक और सांसद रहे सुंदरलाल तिवारी के बेटे हैं जिनकी मौत इसी साल मार्च में हो गई है. सुंदरलाल मध्यप्रदेश में सफ़ेद बाघ के नाम से जाने-पहचाने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के बेटे हैं. श्रीनिवास की गिनती विंध्य के बड़े नेताओं में होती थी. श्रीनिवास विंध्य प्रदेश को मध्य प्रदेश से अलग करने की मांग उठाते रहते थे.
जबलपुर- विवेक तन्खा का एमपी की इस बड़ी सीट से नंबर लगा है. वे मौजूदा वक्त में राज्यसभा सांसद हैं. विवेक, मध्य प्रदेश के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल रहे हैं. विवेक 2014 में भी जबलपुर सीट से ही चुनाव लड़े थे, लेकिन दो लाख से अधिक वोटों से बीजेपी के राकेश सिंह से चुनाव हार गए थे.

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा
दमोह- यहां से प्रताप सिंह लोधी को टिकट दिया गया है. प्रताप 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भी जबेरा सीट से लड़े थे मगर हार गए थे. 2013 में इसी सीट से प्रताप सिंह विधायक चुने गए थे. पार्टी ने उन्हें एक और मौका दिया है. मगर उनके सामने प्रहलाद पटेल जैसा बीजेपा का बड़ा नेता मैदान में होगा.
मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29 सीटों पर 4 चरणों में चुनाव होने हैं.
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