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महिला, युवा, गरीब...,नीतीश कुमार के ये '21 दांव' चुनाव में जीत दिला पाएंगे?

चुनावी साल में बिहार के मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने नई योजनाओं की झड़ी सी लगा दी है. इसमें महिलाओं और युवाओं को सीधे लाभ पहुंचाने वाली कई योजनाएं शामिल हैं. वहीं उन्होंने पत्रकारों, कलाकारों और दिव्यांग अभ्यर्थियों को मदद पहुंचाने वाले एलान भी किए हैं.

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नीतीश कुमार ने चुनावी साल में योजनाओं की बौछार कर दी है. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
19 सितंबर 2025 (Updated: 19 सितंबर 2025, 11:03 PM IST)
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बिहार (Bihar assembly election) में चुनाव होने वाले हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बीजेपी के साथ मिलकर चुनावी तलवार में धार तेज़ कर रहे हैं.  चुनावी साल शुरू होने के साथ नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, पेंशन, उद्यमिता और कई तरह की फ्रीबीज़ देने वाली योजनाओं की घोषणाएं इस बात की मुनादी कर रही हैं. इन योजनाओं की जद में बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाएं, किसान, मजदूर, कलाकार और पत्रकार सब आ गए हैं. इनमें से अधिकतर योजनाओं में लोगों के खाते में सीधे पैसे पहुंचने वाले हैं. यही वजह है कि विपक्ष नीतीश कुमार पर चुनावी साल में पैसे देकर वोट खरीदने का आरोप लगा रहा है.

महिलाओं के लिए कई तोहफे

कहा जाता है कि भारतीय राजनीति में नीतीश कुमार ने पहली बार महिलाओं को एक स्वतंत्र वोट बैंक के तौर पर देखा. उन्होंने महिलाओं के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. जिनमें पंचायत और नगर निकाय में 50 फीसदी आरक्षण और सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी आरक्षण देना अहम निर्णय हैं. इस बार भी ऐसे दावे किे जा रहे हैं कि बिहार में महिलाएं नीतीश कुमार की कोर वोटर बन सकती हैं. उनको अपने साथ जोड़े रखने के लिए नीतीश कुमार ने इस बार भी कई एलान किए हैं.

आंगनबाड़ी सेविकाओं का वेतन बढ़ाया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 8 सितंबर को आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका का मानदेय बढ़ाने का एलान किया. आंगनबाड़ी सेविका का वेतन पहले 7 हजार रुपए था. उसे बढ़ा कर 9 हजार रुपए कर दिया गया. वहीं आंगनबाड़ी सहायिका का मानदेय 4 हजार रुपये से बढ़ाकर 4500 रुपये कर दिया गया.

आशा और ममता कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी

बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में आशा और ममता कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 30 जुलाई को नीतीश कुमार ने इनको हर महीने मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की. आशा कार्यकर्ताओं को अब 1 हजार की जगह 3 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि मिलेगी. ममता कार्यकर्ताओं को पहले एक प्रसव(डिलीवरी) कराने पर 300 रुपए मिलता था. अब ये राशि बढ़ा कर 600 रुपए कर दी गई है.

35 फीसदी आरक्षण का फायदा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट ने 8 जुलाई को महिला आरक्षण से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया. बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य की सरकारी नौकरी में अब सिर्फ बिहार (Bihar) की महिलाओं को ही 35 फीसदी आरक्षण मिलेगा. इस फैसले के मुताबिक अब बिहार की सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी आरक्षण का लाभ लेने के लिए महिला अभ्यर्थी का बिहार का मूल निवासी होना अनिवार्य होगा. बता दें कि पहले बिहार के बाहर की महिला अभ्यर्थियों को भी 35 फीसदी आरक्षण मिलता था.

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महिलाओं को सस्ता लोन

बिहार सरकार ने साल 2006 में वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेकर जीविका परियोजना की शुरुआत की थी. इस परियोजना के तहत छोटे छोटे स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाओं को सस्ते ब्याज दर पर लोन मुहैया कराया जाता है. अब तक लगभग 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदीयां स्वयं सहायता समूहों से जुड़ कर लाभ प्राप्त कर चुकी हैं.

21 जून को नीतीश कुमार ने एलान किया कि अब जीविका दीदीयों को पहले से सस्ते दर पर बैंक से लोन दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि जीविका स्वयं सहायता समूहों को 3 लाख रुपए से ज्यादा के लोन पर 10 की जगह अब 7 प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा.

रोजगार के लिए महिलाओं को 10 हजार की मदद

नीतीश सरकार ने महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' की शुरुआत की है. इसके तहत सरकार एक परिवार के एक महिला को अपनी पसंद के रोजगार के लिए 10 हजार रुपए की राशि पहली किस्त के तौर पर देगी. महिलाओं द्वारा रोजगार शुरू करने के 6 महीने बाद उसका आकलन करते हुए जरूरत के अनुसार 2 लाख रुपए तक की अतिरिक्त सहायता दी जा सकेगी.

युवाओं के लिए भी योजनाओं की बारिश

नीतीश कुमार ने चुनावी साल में युवाओं को भी साधने की पुरजोर कोशिश की है. इसके लिए उन्होंने बेरोजगारी भत्ता देने, रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए युवा बोर्ड का गठन करने और उनमें उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नई नीति बनाने जैसे कदम उठाए हैं.

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बेरोजगारी भत्ता का दायरा बढ़ाया

मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के माध्यम से बिहार सरकार 2 अक्तूबर 2016 से इंटर पास युवाओं को आर्थिक सहायता देती है. इस योजना के तहत राज्य के 20 से 25 साल के युवक-युवतियों को, जो कम से कम इंटरमीडिएट (12वीं) पास हों और आगे पढ़ाई ना कर रहे हों. बिहार सरकार 1 हजार प्रति माह की आर्थिक सहायता देती है. यह भत्ता अधिकतम 2 साल (24 महीने) तक मिलता है. 

18 सितंबर को नीतीश कुमार कैबिनेट ने इस योजना के तहत अब बेरोजगार ग्रेजुएट युवाओं को भी शामिल करने का एलान किया है. बिहार सरकार ऐसे ग्रेजुएट युवक और युवती, जिनकी उम्र 20 से 25 साल के बीच है और जिन्होंने पढ़ाई छोड़ दी है पर नौकरी के लिए प्रयास कर रहे हैं, उनको भी 2 साल तक हर महीने 1 हजार रुपये की मदद करेगी.

स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लोन को ब्याज मुक्त कर दिया

बिहार सरकार 12वीं पास छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए ‘बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड’ योजना के तहत अधिकतम चार लाख का लोन देती है. इसके लिए सामान्य आवेदकों को 4 प्रतिशत ब्याज दर वहीं महिला, दिव्यांग और ट्रांसजेंडर आवेदकों को 1 प्रतिशत का ब्याज चुकाना होता था. लेकिन 16 सितंबर को नीतीश कुमार ने घोषणा किया कि अब इस योजना के तहत दिए जाने वाले लोन पर कोई ब्याज नहीं लगेगा.

पहले 2 लाख रुपए तक के लोन को 60 मासिक किस्तों (5 साल) में लौटाने का प्रावधान था. इसे बढ़ाकर अब अधिकतम 84 मासिक किस्त यानी 7 साल कर दिया गया है. वहीं 4 लाख तक के लोन को चुकाने की मियाद 84 किस्त (7 साल) थी. इसे बढ़ाकर अधिकतम 120 मासिक किस्त यानी 10 साल कर दिया गया है.

बिहार में शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल लागू

नीतीश सरकार ने 4 अगस्त को राज्य में होने वाले शिक्षक भर्ती परीक्षा में डोमिसाइल नीति लागू करने की घोषणा कर दी है. ये नीति शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE-4) से ही प्रभावी होगी. इसका उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना और बिहार के बाहर के उम्मीदवारों की नियुक्ति को सीमित करना है. डोमिसाइल नीति के अनुसार, केवल बिहार के निवासियों को ही शिक्षक भर्ती में आवेदन करने का अधिकार होगा. इसके लिए उम्मीदवारों को बिहार का मूल निवास प्रमाण पत्र दिखाना होगा. ये नीति TRE-4 से शुरू होकर भविष्य की भर्तियों पर भी लागू होगी.

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इंटर्नशिप के लिए 4 से 6 हजार रुपए मिलेंगे

बिहार सरकार ने सात निश्चय -2 के तहत मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत राज्य के युवाओं को साल 2025-26 से 2030-31 तक विभिन्न संस्थाओं में इंटर्नशिप कराई जाएगी. इस दौरान उनको 4 हजार से लेकर 6 हजार रुपये की मासिक आर्थिक सहायता भी दी जाएगी. स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग से जुड़े इंटर्नशिप के लिए चार हजार, IIT और डिप्लोमा पास युवाओं को 5 हजार और स्नातक या स्नातकोत्तर पास इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को मासिक 6 हजार रुपए की मदद दी जाएगी.

5 साल में 1 करोड़ नौकरी और रोजगार का वादा

बिहार सरकार ने आने वाले 5 सालों (2025 से 2030 तक) में 1 करोड़ नई नौकरियों और रोजगार देने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी, जिसकी अध्यक्षता विकास आयुक्त करेंगे. यह समिति देखेगी कि रोजगार बढ़ाने के लिए और क्या-क्या किया जा सकता है और सरकार को सलाह देगी.

उद्योग के लिए बिहार सरकार मुफ्त में जमीन देगी

नीतीश सरकार ने बिहार में उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नए औद्योगिक पैकेज 2025 के तहत मुफ्त में जमीन देगी. 100 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली और 1000 से अधिक डायरेक्ट रोजगार देने वाली औद्योगिक इकाइयों को 10 एकड़ तक मुफ्त जमीन आवंटित की जाएगी. वहीं 1 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश करने वाली इकाइयों को 25 करोड़ तक जमीन दी जाएगी.

महिलाओं, वृद्धों और दिव्यांगों की पेंशन राशि बढ़ाई 

नीतीश कुमार ने बिहार में सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि में ढाई गुना से भी ज्यादा की बढ़ोतरी की है. बिहार सरकार ने बुजुर्गों, विधवा और दिव्यांग लाभार्थियों को हर महीने मिलने वाली पेंशन राशि को 400 से बढ़ाकर 1100 रुपए कर दिया है. सभी लाभार्थियों को जुलाई 2025 से बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी. सरकार का दावा है कि इस योजना से 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लाभार्थियों को फायदा पहुंचेगा. 

125 यूनिट बिजली फ्री मिलेगी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 17 जुलाई को घोषणा की कि अब बिहार के लोगों को 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त में मिलेगी. अपने एक्स पोस्ट पर उन्होंने बताया कि बिहार सरकार शुरुआत से ही सस्ती दर पर सभी को बिजली उपलब्ध करवा रही है. अब सरकार ने तय किया है कि 1 अगस्त, 2025 से राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा.

‘मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना’ को मंजूरी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 3 जुलाई को एलान किया कि बिहार के वरिष्ठ और आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों को मासिक पेंशन देने के लिए कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना’ को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत रोजगार के संकट से जूझ रहे राज्य के उत्कृष्ट कलाकारों को हर महीने 3 हजार रुपये की पेंशन राशि दी जाएगी.

पत्रकारों का पेंशन बढ़कर 15 हजार हुआ

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों की पेंशन बढ़ाने की घोषणा की है. ‘बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना’ के तहत अब पत्रकारों को 6 हजार की जगह 15 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलेगी. मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से इसे लागू करने के निर्देश भी दिए हैं. सीएम नीतीश कुमार ने ये घोषणा भी की कि जिन पत्रकारों की मृत्यु हो चुकी है. उनके आश्रित पति या पत्नी को भी जीवन भर 10 हजार रुपए प्रति माह पेंशन दी जाएगी. पहले यह राशि केवल 3 हजार रुपए थी.

‘गुरु-शिष्य परंपरा योजना’ भी मंजूर की गई

बिहार कैबिनेट ने विलुप्त हो रही लोक कलाओं को बचाने के लिए ‘मुख्यमंत्री गुरु-शिष्य परंपरा योजना’ को भी मंजूरी दी है. इस योजना के तहत गुरु को 15 हजार, संगीतकार को 7500 और शिष्य को 3 हजार की आर्थिक मदद हर महीने दी जाएगी. सरकार ने लोक गाथा, लोक नाट्य, लोक नृत्य, लोक संगीत, वाद्य यंत्र, शास्त्रीय कला और चित्रकला जैसी विधाओं को संरक्षित करने के लिए परंपरागत तरीके से ट्रेनिंग दी जाएगी.

पीटी परीक्षा की फीस 100 रुपए

स्वतंत्रता दिवस के दिन नीतीश कुमार ने सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं को राहत देने की घोषणा की. उन्होंने एलान किया कि अब राज्य स्तरीय सरकारी नौकरी की प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में केवल 100 रुपए शुल्क देना होगा. वहीं मुख्य परीक्षा (मेन्स) के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं दिया जाएगा. बिहार सरकार की ओर से दावा किया गया कि इस फैसले से दस लाख युवाओं को फायदा पहुंचेगा.

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दीदी की रसोई: 20 रुपए में मिलेगी थाली

बिहार सरकार की ओर से सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय, अस्पतालों और सरकारी संस्थानों में 'दीदी की रसोई' से 40 रुपए प्रति थाली भोजन उपलब्ध कराया जाता है. बिहार सरकार ने चुनावी साल में इसका रेट कम कर दिया है. अब 40 रुपए की थाली को 20 रुपए में देने का फैसला लिया गया है. ये रसोई जीविका दीदियों की मदद से चलाई जा रही है.

नई बस खरीदने के लिए 20 लाख

राज्य सरकार ने फैसला किया है कि अगर कोई निजी बस ऑपरेटर एक राज्य से दूसरे राज्य में चलाने के लिए नई एसी बस खरीदेगा तो सरकार उसे हर बस पर 20 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि देगी. 150 बसों के लिए कुल 30 करोड़ रुपए दिए जांगे. साथ ही योजना को सही तरीके से चलाने के लिए 60 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च करने की मंजूरी भी दी गई है.

दिव्यांगज सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना

बिहार सरकार ने चुनावी साल में एक नई योजना शुरू की है. इसका नाम दिव्यांगज सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना है. इसका लाभ सभी दिव्यांग अभ्यर्थियों को मिलेगा जिन्होंने BPSC या UPSC की प्रारंभिक (PT) परीक्षा पास कर ली है. और उन्हें राज्य की किसी दूसरी सिविल सेवा तैयारी योजना से कोई आर्थिक मदद नहीं मिल रही है. BPSC या UPSC की प्रारंभिक (PT) परीक्षा पास करने वाले ऐसे दिव्यांग अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा (मेन्स) की तैयारी के लिए 50 हजार रुपए और इंटरव्यू की तैयारी के लिए 1 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी.

पंचायतों में मैरिज हॉल

नीतीश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब पिरवारों की बेटियों के विवाह कार्यक्रम में सुविधा के लिए करीब 8 हजार से ज्यादा पंचायतों में विवाह भवन का निर्माण कराने का फैसला किया है. इसका नाम विवाह मंडप योजना दिया गया है. इसके लिए सरकार ने 40 अरब 26 करोड़ 50 लाख रुपए की स्वीकृति दी है. इन विवाह भवनों का संचालन जीविका दीदियों की तरफ से किया जाएगा. 

वीडियो: राजधानी: नीतीश ने बीजेपी को सीट शेयरिंग में फंसाया!

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