Assam Election Result: बीजेपी छोड़ निर्दलीय लड़ने वाले दिलीप पॉल का सिलचर में बुरा हाल हो गया
पिछले साल कांग्रेस कैंडिडेट को पटक दिया था, इस बार हाल खराब है.
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असम विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी ने दिलीप कुमार पॉल टिकट नहीं दिया तो उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
सीट का नाम: सिलचर (Silchar) (कछार जिला)
असम के कछार जिले की सिलचर सीट सबसे महत्वपूर्ण कही जा सकती है. यहां की हार-जीत का असम में हार-जीत पर प्रभाव देखने को मिलता है. ये असम के 126 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. यहां एक मई को चुनाव हुआ था. और ये मुकाबला इस बार दिलचस्प रहा. इस बार यहां भारतीय जनता पार्टी ने दीपायन चक्रबर्ती (Deepayan Chakraborty) को उतारा है. जिनका मुकाबला कांग्रेस कैंडिडेट तमल बानिक (Tamal Banik) से है. तमल बानिक को अब तक 11047 वोट मिले हैं. जबकि दीपायन चक्रबर्ती को 15039 वोट ही मिले हैं. वहीं निर्दलीय उम्मीदवार दिलीप कुमार पॉल (Dilip Paul) को 1821 वोट मिले हैं.
कौन आगे?
दीपायन चक्रबर्ती (BJP)
कितने वोट मिले: 15039
कौन पीछे?
तमल बानिक (कांग्रेस)
कितने वोट मिलेः 11047
ये इंटरेस्टिंग है कि इस सीट पर दिलीप कुमार पॉल इस बार निर्दलीय उम्मीदवार की तरह लड़ रहे हैं. असम विधानसभा चुनाव में जब इन्हें बीजेपी ने टिकट नहीं मिला तो दिलीप ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उनके साथ शिलादित्य देव ने भी इस्तीफा दिया. इसी के बाद बीजेपी ने ये टिकट दीपायन को दे दिया.
पिछले चुनाव के नतीजे:
– साल 2016 में 15 उम्मीदवारों ने सिलचर से नामांकन भरा था. जहां बीजेपी ने अपना परचम लहराया था. पिछले साल बीजेपी की तरफ से दिलीप कुमार पॉल उम्मीदवार थे. जिन्होंने कांग्रेस के बिथिका देव को 39,920 वोटों की मार्जिन से हराया था.
– 2011 के इलेक्शन में यहां सुष्मिता देव की जीत हुई थी. जो क्रांगेस की उम्मीदवार थीं. उनके सामने थे बीजेपी के राजदीप रॉय. सुष्मिता को 56,377 वोट मिले थे. जबकि राजदीप को 42,366. सिलचर सीट पर हमेशा ही उलट-फेर होता रहा है. इस बार का मुकाबला भी दिलचस्प रहा.
सीट ट्रिविया
# अब तक यहां 16 चुनाव हुए हैं, जिनमें से 6 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. वहीं बीजेपी ने 5 बार जीत हासिल की है.
# सिलचर सीट सबसे अहम मानी जाती है. सिलचर की सीट पर हार-जीत को असम की हार-जीत से जोड़ा जा सकता है. सिलचर दक्षिण असम में है. ये कछार जिले का मुख्यालय है.
# अमस के कछार जिले में स्थित एक प्रमुख शहर है जिसे राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर कहा जाता है.
# यह जगह पूर्वोत्तर के शेष क्षेत्रों की अपेक्षा बहुत शांत है, इसीलिए भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने इस शहर को 'शांति का द्वीप' नाम दिया था.