The Lallantop
Advertisement

पार्ट टाइम PhD: काम के साथ कर सकेंगे PhD की पढ़ाई, UGC कर रहा तैयारी

UGC चेयरमैन ने कहा, IIT के सिस्टम में PhD बहुत कॉमन है और पहले से होती आई है.

Advertisement
सोर्स(आज तक)
सोर्स(आज तक)
pic
प्रशांत सिंह
5 जुलाई 2022 (Updated: 5 जुलाई 2022, 08:25 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

 पार्ट टाइम PhD. अगर आप कहीं काम कर रहे हैं लेकिन साथ में PhD भी करना चाहते हैं तो ये आने वाले दिनों में संभव हो सकता है. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन यानी UGC पार्ट टाइम PhD की संभावनाओं पर काम कर रहा है. इससे वर्किंग प्रोफेशनल्स के पास भी PhD करने का विकल्प होगा. UGC के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने इसके संकेत दिए. 4 जुलाई को प्रो. जगदीश कुमार ने कहा कि जब इस तरह के प्रोग्राम दुनिया की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में ऑफर हो सकता है तो फिर भारतीय संस्थानों में क्यों नहीं? उन्होंने कहा, 

पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम को यूनिवर्सिटी का एक फैकल्टी मेम्बर सुपरवाइज करता है. पीएचडी करने वाले छात्र सुपरवाइजर की मदद से अपने सब्जेक्ट पर काम करते हैं. लेकिन ज्यादातर वो अपने से ही स्वतंत्रतापूर्वक इस पर काम करेंगे. ऐसे पीएचडी प्रोग्राम दुनिया के कुछ बेस्ट यूनिवर्सिटीज मे मौजूद हैं तो भारत की यूनिवर्सिटीज में क्यों नही किया जा सकता है?

इससे पहले मार्च में UGC ने एक ड्राफ्ट तैयार किया था. इस ड्राफ्ट को UGC (मिनिमम स्टैंडर्ड्स एंड प्रोसिजर ऑफ पीएचडी) रेग्यूलेशन, 2022 कहा गया था. पार्ट टाइम PhD प्रोग्राम को भी इसी ड्राफ्ट में शामिल करने पर विचार चल रहा है. प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार, जो कि खुद IIT मद्रास से पढ़े हैं और IIT दिल्ली के डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में फैकल्टी रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि IIT के सिस्टम में पार्ट टाइम PhD बहुत कॉमन है और पहले से होती आई है. उन्होंने बताया,

पार्ट टाइम पीएचडी करने वाले छात्रों को पहले या दूसरे सेमेस्टर में कोर्स वर्क से जुड़ी जरूरतों को पूरा करना होगा. अगर छात्र उसी शहर में रहता है जहां यूनिवर्सिटी स्थित है तो वह लेक्चर पूरा करके अपने काम पर वापस जा सकता है. ऐसे पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम उन वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए बहुत उपयोगी होते हैं जो अपने काम से ज्यादा दिन की छुट्टी नही ले सकते हैं. 

यहां बता दे कि पार्ट टाइम PhD और रेगुलर PhD के लिए एलिजिबिलिटी के पैमाने एक जैसे ही होंगे. लेकिन पार्ट टाइम PhD करने वाले कैंडिडेट्स को अपने संस्थान (जहां वो काम कर रहे हैं वहां) से एक NOC देनी होगी. इसमें ये बताना होगा कि वो पार्ट टाइम PhD प्रोग्राम में दाखिला ले रहे हैं.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement