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RPSC RAS 2021 मेंस परीक्षा सिलेबस में बदलाव से क्यों खफा हैं अभ्यर्थी?

20,000 अभ्यर्थियों के भविष्य का है सवाल.

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प्रदर्शन करते छात्र(source-special arrangement)
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गौरव
16 फ़रवरी 2022 (Updated: 16 फ़रवरी 2022, 04:27 PM IST) कॉमेंट्स
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राजस्थान में पिछले कुछ सालों से भर्ती परीक्षाओं को लेकर एक नया ट्रेंड सामने आया है. किसी भी परीक्षा के आयोजन से पहले कोई न कोई विवाद जरूर होता है. इन लिस्ट में एक नया नाम जुड़ा है वो है RPSC RAS Mains Exam 2021
का. क्या है मामला? राजस्थान में RAS यानी राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी RPSC RAS Mains 2021
परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं. गहलोत सरकार तक अपनी मांग को पहुंचाने के लिए पिछले कुछ दिनों से सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं और साथ में सोशल मीडिया पर हैशटैग #RAS_स्थगित_करो को भी ट्रेंड करा रहे हैं.
 
हाल ही में राजस्थान में REET और पटवारी जैसी परीक्षाएं विवादों का हिस्सा बनी थीं. इस बार RAS की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों ने परीक्षा को स्थगित करने को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. RPSC RAS RECRUITMENT 2021 राजस्थान पब्लिक सर्विसेज कमीशन (RPSC) ने RAS 2021 परीक्षा के लिए जुलाई 2021 के महीने में विज्ञप्ति जारी की थी. कुल 988 रिक्त पदों के लिए जारी किए गए नोटिफिकेशन की प्री-परीक्षा का आयोजन 27 अक्टूबर 2021 को किया गया.
RPSC RAS 2021 का नोटिफिकेशन
RPSC RAS 2021 का नोटिफिकेशन

आयोग ने प्रीलिम्स परीक्षा का रिजल्ट 17 नवंबर 2021 को जारी किया जिसमें करीब 20 हजार अभ्यर्थी मेंस परीक्षा के लिए सफल हुए. फिर आयोग ने 23 नवंबर 2021 के दिन मेंस परीक्षा की तारीख का ऐलान किया. परीक्षा 25-26 फरवरी 2022 निर्धारित की गई. इस तरह सफल अभ्यर्थियों को मेंस परीक्षा की तैयारी करने के लिए कुल 93 दिनों का समय मिला. मेंस परीक्षा से पहले सिलेबस बदला गया प्रीलिम्स के रिजल्ट की घोषणा के 6 दिन बाद राजस्थान लोक सेवा आयोग ने एक बहुत बड़ा निर्णय लेते हुए मेंस परीक्षा के सिलेबस में बदलाव कर दिया. मेंस परीक्षा से तीन महीने पहले सिलेबस चेंज करने का निर्णय उम्मीदवारों के लिए गले की फांस बन गया है. छात्रों का कहना है कि आयोग के इस फैसले के कारण उन्हें मेंस की तैयारी करने और नए सिलेबस को समझ पाने का पर्याप्त समय नही मिला. परीक्षा की तैयारी कर रहे नागौर जिले के अभिषेक ने बताया,
आयोग ने परीक्षा के सिलेबस में जो बदलाव किया था उसके लिए हमारे पास कम समय था और नए पैटर्न को समझने व उसकी तैयारी करने का हमें पर्याप्त समय नही मिला.
UPSC
जैसी संस्थान भी परीक्षा के पैटर्न में बदलाव के बाद 10 महीने का समय देती है और फिर परीक्षा का आयोजन कराती है, 93 दिनों में हम कैसे तैयारी सुनिश्चित कर सकते हैं कोई हमें ये बताये.
आयोग ने RAS मेंस 2021 के सिलेबस का 50% से ज्यादा हिस्सा बदलने का फैसला किया था. यहां तक इकोनॉमी औऱ मैनेजमेंट जैसे टेक्निकल विषयों का सिलेबस भी लगभग पूरी तरह बदल दिया गया था. RAS की तैयारी कर रहे जयपुर के राजेश बताते हैं,
जिस प्रकार आयोग ने सिलेबस में बदलाव करने का फैसला किया वो समझ नही आया, यहां तक कि
UPSC
जैसे आयोग भी मेंस की परीक्षा का सिलेबस नोटिफिकेशन जारी करने के साथ ही जारी कर देती है. इससे अभ्यर्थियों की तैयारी पर बहुत बुरा असर पड़ा है, और खासकर हिन्दी माध्यम से तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों पर.
जिन विषयों के सिलेबस में बदलाव किए गए उनके लिए कोई निर्धारित स्टडी मैटीरियल भी नहीं उपलब्ध थे और Machine Learning, AI, Quantum Computing , Robotics जैसे नए टेक्निकल शब्दों को समझना अभ्यर्थियों के लिए आसान काम नही था. परीक्षा की तैयारी कर रही जयश्री ने बताया,
सिलेबस में जो बदलाव किए गये उससे हमें कोई दिक्कत नही थी, पर जब हमने तैयारी शुरू की तब समझ आया कि ये बदलाव कितने बड़े हैं. विज्ञान जैसे विषय में जो सिलेबस जारी किया गया उसको पूर्ण रूप से तैयार करने के लिए हमारे पास उपयोगी किताबें तक नहीं थीं
और ना ही किसी कोचिंग के कोई नोट्स उपलब्ध थे. इन भारी-भरकम शब्दों को समझना और परीक्षा में जाकर लिखना कोई आसान काम नही है.
 
ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले अभ्यर्थियों के लिए तैयारी कर पाना और कठिन था. जैसलमेर के एक अभ्यर्थी सुमेर ने बताया कि वो ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद से ही तैयारी में जुट गये थे. वो अपने दोस्तों के जरिए जयपुर से स्टडी मैटीरियल मंगवाते थे और फिर खुद नोट्स बना कर तैयारी करते थे. उन्होनें बताया कि सिलेबस में बदलाव होने के बाद उनके पास नए सिलेबस की तैयारी करने का कोई साधन नही था, और इतनी जल्दी नोट्स बनाना भी संभव नही था. ओमिक्रॉन का भी खतरा साल की शुरुआत में कोरोना के नए वेरिएट ओमिक्रॉन के खतरे को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सारे संस्थानों को फिर से बंद करने के निर्देश दे दिए थे. इस कारण से अभ्यर्थियों की तैयारी में भी बाधायें आईं और बदले पैटर्न के हिसाब से उनकी तैयारी पूर्ण रूप से नही हो पाई. अभिषेक बताते हैं,
एक तो नए पैटर्न को कम समय में समझने का दबाव और दूसरी ओर ओमिक्रॉन का खतरा. मेरे कई साथी उस वक्त कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे जिस कारण उनकी तैयारी प्रभावित हुई थी. कई राज्यों के आयोगों ने पहले ही परीक्षाएं 2-3 महीने के लिए स्थगित कर दी थी, और वायरस का खतरा सबको समान रूप से है.
आयोग का क्या कहना है उम्मीदवारों ने अपनी मांग रखने के लिए आयोग के सामने धरना भी दिया. कई विधायकों व नेताओं के पास जाकर ज्ञापन भी सोंपे. अभ्यर्थियों का एक समूह आयोग के अध्यक्ष से भी जाकर मिला. हालांकि, जब लल्लनटॉप ने आयोग से संपर्क किया तो उनके एक प्रतिनिधि ने कहा,
ऐसी कोई डिमांड हमारे समक्ष नही रखी गई है. अगर कोई बात सामने आती है तो हम जरूर उसपर विचार करेंगे.


ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे प्रशांत ने लिखी है.



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