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व्यापम घोटाला: CBI कोर्ट ने दलाल समेत 5 दोषियों को 7 साल की सजा सुनाई, फोटो ने खोल दी थी पोल

दोषियों में दो कैंडिडेट और दो सॉल्वर भी शामिल हैं. कॉलेज की जांच समिति ने पाया था कि इन दोनों कैंडिडेट्स की फोटो उनके रिजल्ट शीट पर लगी फोटो से मैच नहीं कर रही थी.

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Vyapam Scam CBI
(फोटो: पीटीआई)
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धीरज मिश्रा
1 अगस्त 2022 (Updated: 1 अगस्त 2022, 09:01 PM IST)
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सीबीआई की एक विशेष अदालत ने व्यापम घोटाले में पांच लोगों को सात साल की सजा सुनाई है. इंडिया टुडे के तनसीम हैदर की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई के विशेष जज ने सत्यपाल कुस्तवार (कैंडिडेट), शैलेंद्र कुमार (सॉल्वर), रवींद्र दुलावत (कैंडिडेट), आशीष उत्तम (सॉल्वर) और संजय दुलावत (बिचौलिया) को दोषी करार देते हुए ये सजा दी है.

मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (MPPEB) राज्य में अलग-अलग हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित कराता है. इसका हिंदी में फुल फॉर्म है व्यावसायिक परीक्षा मंडल, यानी 'व्यापम'. साल 2009 में इस बोर्ड की प्री मेडिकल परीक्षा (PMT) में फर्जीवाड़े होने का पता चला था. इसीलिए इसे ‘व्यापम घोटाला’ के नाम से जाना जाता है. पहले राज्य की पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर 2015 को अपने एक फैसले में इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था. इसके बाद एजेंसी ने 14 दिसंबर 2015 को केस दर्ज किया था.

5 नवंबर 2009 को इंदौर के संयोगितागंज में दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि सत्यपाल कुस्तवार और रवींद्र दुलावत ने फर्जी तरीके से साल 2009 में PMT की परीक्षा पास की थी. इन दोनों कैंडिडेट को इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) मेडिकल कॉलेज में काउंसलिंग दी गई थी. इसके बाद एमजीएम कॉलेज की एडमिशन प्रक्रिया में भी वे शामिल हो गए थे. लेकिन इसी बीच उन्हें पकड़ लिया गया.

फोटो से पकड़े गए आरोपी

कॉलेज की जांच समिति ने पाया था कि इन दोनों कैंडिडेट्स की फोटो उनके रिजल्ट शीट पर लगी फोटो से मैच नहीं कर रही थी. इसके बाद कॉलेज के डीन की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. पुलिस जांच के दौरान तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें एक बिचौलिया भी शामिल था. इस मामले में राज्य की पुलिस ने भी एक चार्जशीट दायर की हुई है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक विशेष सरकारी वकील रंजन शर्मा ने संवाददाताओं को बताया, 

'70 गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायालय ने पांचों को दोषी करार दिया है. साल 2009 की PMT परीक्षा में शैलेंद्र कुमार और आशीष उत्तम ने सत्यपाल कुस्तवार और रवींद्र दुलावत के लिए पेपर लिखा था. कुमार और उत्तम उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. संजय दुलावत एक दलाल था, जिसने PMT परीक्षार्थियों के लिए सॉल्वर की व्यवस्था की थी.'

एक लंबी जांच के बाद सीबीआई ने कैंडिडेट रवींद्र दुलावत और सत्यपाल कुस्तवार को लेकर दो अलग-अलग चार्जशीट दायर की थी. हालांकि बाद में इंदौर स्थित स्पेशल कोर्ट ने दोनों चार्जशीट को एक कर दिया. बाद में इसी आधार पर ट्रायल चलाया गया.

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