एग्जाम में धांधली करके अमरीका गए, पकड़े गए, जज ने अंग्रेजी में सवाल पूछा तो ये हुआ!
गुजरात में हुआ IELTS एग्जाम में घोटाला!

हमारे देश में आये दिन कोई ने कोई एग्जाम होता रहता है. इन एग्जाम्स में धांधली-चीटिंग या पेपर आउट होना भी कोई नई बात नहीं है. लेकिन गुजरात से एक नया मामला समाने आया है. ये IELTS एग्जाम से जुड़ा हुआ है. IELTS एग्जाम में धांधली कर हाई स्कोर पाकर कई स्टूडेंट्स कनाडा पहुंच गये. कनाडा से ये स्टूडेंट्स अमेरिका में घुसने का प्रयास कर ही रहे थे कि उसी दौरान उन्हें वहां पुलिस ने पकड़ लिया.
इस मामले की जांच कर रही गुजरात पुलिस की टीम ने महीने भर की जांच के बाद 45 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है. इसके अलावा पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया है, जिसमें से एक स्टूडेंट सूरत का है. पुलिस के मुताबिक ये लोग मेहसना जिले में एक IELTS एग्जाम से जुड़ा रैकेट चलाते हैं.
क्या है IELTS एग्जाम?IELTS एक इंटरनेशनल लेवल का टेस्ट होता है. इसको इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम बोलते हैं. ये टेस्ट उन लोगों को देना होता जो इंग्लिश स्पीकर नहीं होते हैं. यानी वो लोग जिनकी पहली भाषा इंग्लिश नहीं होती. इस टेस्ट के द्वारा ये लोग दूसरे देशों में एडमिशन ले सकते हैं या नौकरी करने जा सकते हैं. ये देश हैं ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका व अन्य. एक तरह से ये टेस्ट देना जरूरी होता है अगर आप इन देशों में पढ़ाई या नौकरी करना चाहते हैं.
IELTS टेस्ट में स्कोरिंग "बैंड" के हिसाब से की जाती है. ये बैंड 0 से लेकर 9 तक होते हैं. माने अगर आप बैंड 0 में स्कोर करते हैं तो आपने टेस्ट नहीं दिया है. वहीं अगर आप बैंड 9 में स्कोर करते हैं तो इसका मतलब ये हैं कि आपकी इंग्लिश लैंग्वेज में कमांड बहुत अच्छी है. ज्यादातर देशों में 6 से 7 बैंड के ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है. माने अगर आपका IELTS स्कोर छठे और सातवें बैंड या उससे ऊपर होता है तो आप इन देशों में जाने के लिये एलिजिबल होते हैं.
गुजरात में IELTS में क्या खेल हुआ?गुजरात में पुलिस ने ऐसे ही एक रैकेट का खुलासा किया है, जो स्टूडेंट्स का स्कोर छठे-सातवें बैंड या उससे ऊपर लाने में मदद करता है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में पुलिस ने एक कोचिंग मालिक, एक कंपनी के सीईओ और लगभग 12 स्टूडेंट्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. मामले की जांच कर रहे मेहसाणा पुलिस SOG के इंस्पेक्टर भावेश राठौड़ ने इंडियन एक्सप्रेस से बताया,
“रैकेट के मास्टरमाइंड अमित चौधरी ने 21 स्टूडेंट्स से 10 लाख से 20 लाख रुपये लिये थे. अमित ने स्टूडेंट्स की छठे-सातवें बैंड में स्कोर लाने में मदद की थी. इसके लिये अमित ने अहमदाबाद की एक कंपनी Planet EDU की मदद भी ली थी.”
पुलिस ने कोचिंग संचालक गोकुल मेनन, Planet EDU के सीईओ संजीव सेहगल, एग्जामिनेशन मैनेजर राजेश ताहिलियानी और मेनन के साथी फरनांडेज सावंत के साथ-साथ कुछ टेस्ट सुपरवाइजरों के खिलाफ FIR दर्ज की है. इसके अलावा FIR में 21 स्टूडेंट्स के नाम भी हैं जिन्होंने अमित चौधरी को रुपये दिये थे. SOG इंस्पेक्टर भावेश राठौड़ ने बताया,
कैसे हुआ मामले का खुलासा?“हमने गोकुल मेनन और उसके साथी फरनांडेज सावंत को गिरफ्तार कर लिया है. चौधरी और बाकी लोगों ने एग्जाम में स्कोर के लिये स्टूडेंट्स से 10 से 20 लाख रुपये लिये थे. कुल मिलाकर 21 स्टूडेंट्स की मदद की गई थी जो कि एलिजिबल नहीं थे.”
दरअसल इस साल मार्च के महीने में गुजरात के रहने वाले 6 स्टूडेंट्स एक नाव में सवार होकर कनाडा से अमेरिका में घुसने की तैयारी में थे. इन 6 में से चार स्टूडेंट गुजरात के मेहसाणा जिले के थे. अमेरिका में कनाडा बॉर्डर के पास सेंट रेजिस नदी में उनकी नाव डूबने के दौरान उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक SOG इंस्पेक्टर भावेश राठौड़ ने बताया,
“इन स्टूडेंट्स को जब अमेरिका में कोर्ट के सामने पेश किया गया तो जज ने इंग्लिश में सवाल किये. ये स्टूडेंट्स इन सवालों का जवाब नहीं दे पाये. कोर्ट ये जानकर चकित था कि कैसे इन स्टूडेंट्स ने IELTS एग्जाम पास किया है. इंग्लिश में सवालों का जवाब न दे पाने के बाद कोर्ट ने स्टूडेंट्स की मदद के लिये हिंदी ट्रांसलेटर बुलाये.”
मामला सामने आने के बाद मुंबई में अमेरिकी कॉनसुलेट जनरल की क्राइम इंवेस्टिगेशन यूनिट ने गुजरात की मेहसाना पुलिस को एक मेल भेजा. क्राइम यूनिट ने मेहसना पुलिस से इस मामले की जांच करने को कहा था. अमेरिकी कंस्यूलेट जनरल ने मेहसना पुलिस से ये पता लगाने को भी बोला कि कैसे इन स्टूडेंट्स का स्कोर इतना ज्यादा आया और कौन सी एजेंसी इसके लिये जिम्मेदार हैं?
मामले की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक चौधरी ने प्रॉक्सी स्टूडेंट्स का जुगाड़ कर रखा था. ये स्टूडेंट्स इंग्लिश बोलने और लिखने में अच्छे थे. इन्हीं प्रॉक्सी स्टूडेंट्स ने इन कैंडिडेट्स की जगह रिटेन एग्जाम दिया था. प्रॉक्सी स्टूडेंट्स वो स्टूडेंट्स होते हैं जो किसी और की जगह एग्जाम देते हैं. रिटेन एग्जाम में टेस्ट सुपरवाइजर ने भी इन स्टूडेंट्स की मदद की थी. टेस्ट के लिये जो राईटिंग एग्जामिनर थे वो टेस्टिंग एजेंसी Planet EDU द्वारा नियुक्त किये गये थे.
पुलिस की जांच में ये भी सामने आया कि इंग्लिश स्पीकिंग टेस्ट में भी गड़बड़ी की गई थी. स्पीकिंग टेस्ट एग्जामिनर रेनू सूरी ने भी असल स्टूडेंट्स की जगह प्रॉक्सी कैंडिडेट से एग्जाम कराया था. पुलिस के मुताबिक ये एग्जाम साल 2021 के सितंबर महीने में गुजरात के नवसारी में आयोजित किया गया था. पुलिस ने ये भी बताया कि एक स्टूडेंट सावन पटेल के अलावा मेहसना जिले के तीन स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन भी पास नहीं हैं. सावन पटेल ने BA पास किया हुआ है.
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