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बच्चों ने बिजनेस में इंट्रेस्ट नहीं दिखाया तो पापा ने 6625 करोड़ की कंपनी बेच दी

VIP Industries ने 32 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का एलान किया है. पूरी डील की वैल्यू 3,200 करोड़ रुपये है. कंपनी के चेयरमैन Dilip Piramal ने हिस्सेदारी बेचने की पीछे की कई वजहें बताई हैं.

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VIP Industries Sell 32% Stake, MD Dilip Piramal Reveals Why He Took This Decision
32 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का लिया है फैसला. (फोटो- इंडिया टुडे)
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रिदम कुमार
16 जुलाई 2025 (Published: 11:17 AM IST) कॉमेंट्स
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VIP Industries Ltd. का शेयर 14 जुलाई के रोज अचानक 4 प्रतिशत गिर गया. शेयर मार्केट कि दुनिया में इसे बड़ी गिरावट का माना जाता है. इस घटनाक्रम को कंपनी के चेयरमैन दिलीप पीरामल (Dilip Piramal MD VIP Industries) के एक फैसले के साथ जोड़कर देखा जाने लगा. उन्होंने बीते दिनों कंपनी ने अपनी 32 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का एलान किया था. पीरामल का कहना है कि युवा पीढ़ी कंपनी मैनेजमेंट में दिलचस्पी नहीं ले रही है. इसकी वजह से उन्हें यह फैसला लेना पड़ रहा है.

इस वजह से बेची हिस्सेदारी

कंपनी के चेयरमैन दिलीप पीरामल ने CNBC को दिए इंटरव्यू में हिस्सेदारी बेचने की पीछे की वजह बताई है. उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों में कंपनी ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया है. उनकी आने वाली पीढ़ी भी इस बिज़नेस में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रही है. बता दें कि पीरामल की दो बेटियां हैं. राधिका और अपर्णा. मुख्यतौर पर इन्हीं दो वजह से उन्होंने हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है.

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कंपनी 13 जुलाई को किया था एलान.

पीरामल ने हिस्सेदारी बेचने की अन्य वजहों का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि कुछ सालों से मैनेजमेंट में दिक्कत आ रही थी. प्रोफेशनल मैनेजमेंट होने के बावजूद वह असरदार साबित नहीं हो सका. 1984 से कंपनी में प्रोफेशनल मैनेजिंग डायरेक्टर रहा है. लेकिन अब वह असर नहीं दिखा पा रहे थे. इसलिए मालिकाना हक और मैनेजमेंट दोनों में बदलाव जरूरी था. उन्होंने कहा कि VIP Industries हमेशा लीडर रहा है. लेकिन अब वक्त बदल गया है. कंपनी को नीचे की तरफ खींचने वाली ताकतें काम कर रही हैं. हिस्सेदारी बेचने का फैसला सोची-समझी रणनीति के तहत लिया गया है. 

कंपनी का इतिहास

VIP Industries कंपनी की शुरुआत साल 1968 में हुई थी. भारत में कंपनी का तगड़ा प्रजेंस है. कंपनी भारत समेत कई देशों में सूटकेस, लगेज, बैकपैक और हैंडबैग बनाती है. कंपनी के प्रॉडक्ट्स दुनिया के करीब 45 से ज्यादा देशों में उपलब्ध हैं. मार्केट कैप भी 6625 करोड़ रुपये है. वहीं, दिलीप पीरामल की नेटवर्थ करीब 4,000 करोड़ रुपये बताई जाती है.

एक समय था जब कंपनी के प्रॉडक्ट्स की भयंकर डिमांड हुआ करती थी. लगेज प्रॉडक्ट्स की दुनिया में खरीदारों की जुबान पर सिर्फ VIP का नाम हुआ करता था. लेकिन हाल के कुछ सालों में कंपनी में निवेश करने वाले घाटे में हैं. पिछले 2 साल से कंपनी के शेयर लगातार गिर रहे हैं. 2022 में कंपनी के एक शेयर की कीमत 774 रुपये थी. तब से अब तक यह 477 रुपये प्रति शेयर आ गई है. 

किसने खरीदी हिस्सेदारी

कंपनी के चेयरमैन दिलीप पीरामल और फैमिली ने फर्म में 32 प्रतिशत की हिस्सेदारी बेचने के लिए एक ग्रुप के साथ एग्रीमेंट किया है. कंपनी की हिस्सेदारी खरीदने वाले ग्रुप में मल्टीपल्स प्राइवेट इक्विटी फंड IV, संविभाग सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, मिथुन सचेती और सिद्धार्थ सचेती शामिल हैं. इन्होंने VIP Industries की 32% हिस्सेदारी 1,763 करोड़ रुपये में खरीदी है. ये शेयर 388 प्रति शेयर की दर से खरीदे गए, जो कि उस दिन के शेयर मार्केट के भाव से 15% सस्ते थे.

इसके साथ ही वे कंपनी में एडिशनल 26% तक हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक अनिवार्य ओपन ऑफर भी लाएंगे. इस हिसाब से 32% हिस्सेदारी के लिए कुल 1,763 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. वहीं ओपन ऑफर के तहत इन्हें 3.7 करोड़ एडिशनल शेयरों की खरीदारी के लिए 1,437 करोड़ रुपये और खर्च होंगे. इस तरह कुल 58% हिस्सेदारी के लिए डील की कुल वैल्यू 3,200 करोड़ रुपये हो जाएगी.

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