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पोस्ट ऑफिस की FD या PPF? क्या है आपके लिए ज्यादा फायदेमंद, ये पढ़कर फैसला करें तो बेहतर

फिक्स्ड डिपॉजिट बढ़िया रहेगा या PPF, इसका फैसला मुख्यतः दो चीजों पर निर्भर करता है. आप कितने समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और उस निवेश का मकसद क्या है.

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Lock in period for PPF is 15 years, while customers can withdraw partial money after 5 years.
पीपीएफ में जमा पर लॉक इन पीरियड 15 साल का है. 5 साल बाद ग्राहक आंशिक पैसे निकाल सकते हैं. (तस्वीर साभारः Businesstoday & Freepik)
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उपासना
5 जुलाई 2023 (Updated: 26 अगस्त 2023, 04:12 PM IST) कॉमेंट्स
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निवेशकों के मन में अक्सर ये सवाल उठता रहता है कि पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट करना ज्यादा सही रहेगा या पब्लिक प्रोविडेंट फंड(PPF) में. अगर आप भी इसी पेच में फंसे हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है. यह लेख आपकी सभी शंकाओं को दूर कर देगा. 

FD या PPF कौन सा विकल्प बेहतर होगा इसका फैसला मुख्यतः दो चीजों पर निर्भर करेगा. आप कितने समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और निवेश का मकसद क्या है. दोनों ही जगहों पर फिक्स्ड रिटर्न मिलता है. दोनों में ही लॉक इन पीरियड होता है. लॉक-इन पीरियड का मतलब होता है कि उस समय के लिए निवेश को बेचा या तोड़ा नहीं जा सकता है.

फिलहाल PPF में 7.1 फीसदी का रिटर्न मिल रहा है. इस स्कीम में निवेश करके आपको तीन तरह से टैक्स में छूट मिलती है. यानी निवेश की मूल रकम, उस पर मिलने वाला ब्याज और पैसे निकालने पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. FD की बात करें तो पोस्ट ऑफिस अलग-अलग अवधि की FD पर बढ़िया ब्याज दे रहे हैं. एक साल की FD पर 6.8 फीसदी, दो से तीन साल तक की FD पर 7 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. वहीं 5 साल या उससे ज्यादा की अवधि पर 7.5 पर्सेंट का ब्याज मिल रहा है.

- 1 वर्षीय पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट पर 6.9% ब्याज है.

- 2 वर्षीय पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट पर 7% ब्याज है.

- 3 वर्षीय पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट पर 7% ब्याज है. 

- 5 वर्षीय पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट पर 7.5% ब्याज है.

पैसाबाजार के को-फाउंडर और सीईओ नवीन कुकरेजा ने बिजनेस टुडे से कहा, 

"अगर दोनों स्कीमों की तुलना करें तो पोस्ट ऑफिस में 5 साल वाले FD पर 7.5 फीसदी का रिटर्न मिल रहा है. जबकि PPF पर 7.1 पर्सेंट का ही रिटर्न मिल रहा है. लॉक-इन पीरियड भी 15 साल है. इसके अलावा PPF पर ब्याज हर साल तय किया जाता है.”

हां, अगर पोस्ट ऑफिस की तीन साल वाली स्कीम से तुलना कर रहे हैं तो PPF ज्यादा बढ़िया ऑप्शन रहता है. लेकिन इस स्थिति में दोनों स्कीम के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं. जैसे छोटी अवधि वाले FD में इतना तो पक्का रहता है कि तीन साल के बाद पैसा हाथ में आ जाएगा. लेकिन FD से मिले पैसों पर टैक्स देना होगा जबकि PPF पर नहीं लगता.

न्यूनतम और अधिकतम कितना जमा

पोस्ट ऑफिस के FD में ग्राहक 200 रुपये की न्यूनतम रकम के साथ जमा शुरू कर सकते हैं. अधिकतम रकम की कोई सीमा नहीं तय है. PPF खाता खुलवाने के लिए कम से कम 500 रुपये जमा कराने होंगे. इसमें निवेश की सालाना सीमा तय है. एक साल में अधिकतम डेढ़ लाख रुपये ही जमा कर सकते हैं. कुकरेजा कहते हैं, 

“पोस्ट ऑफिस FD को जब चाहें तब तुड़वा सकते हैं. लेकिन PPF में 5 साल से पहले पैसे नहीं निकाल सकते. इसके अलावा अगर PPF के पैसे पर लोन उठाना चाहते हैं तो उसके लिए कुछ अतिरिक्त शर्तों का पालन करना होगा.”

टैक्स का हिसाब-किताब

PPF के तहत जमा होने वाली डेढ़ लाख तक की रकम, उस पर मिलने वाला ब्याज और प्रॉफिट टैक्स छूट के दायरे में आते हैं. वहीं FD में 5 साल वाले टर्म डिपॉजिट पर आयकर कानून के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है. लेकिन इस पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आता है. कुल मिलाकर अगर आप कम समय के लिए पैसे जमा करना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस FD में जमा कर सकते हैं. अगर निवेश को ज्यादा समय तक के लिए रख सकते हैं तो PPF बेहतर होगा. इसके अलावा PPF जमा पर मिलने वाले ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. इसलिए PPF में आपका पैसा ज्यादा बढ़ सकता है.

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