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पेट्रोल-डीजल को लेकर एक भयानक खबर आई है!

OPEC ने किया है कच्चे तेल का प्रोडक्शन घटाने का फैसला. अब जब भारत में तेल ही कम आएगा, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों का क्या होगा?

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crude oil
सांकेतिक तस्वीर. (फाइल फोटो)
6 सितंबर 2022 (Updated: 6 सितंबर 2022, 22:56 IST)
Updated: 6 सितंबर 2022 22:56 IST
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तेल निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) और रूस (Russia) समेत सहयोगी देशों ने कच्चे तेल (Crude Oil) का उत्पादन घटाने का फैसला किया है. बीते 5 सितंबर को लिए गए इस फैसले के मुताबिक तेल उत्पादक देश अक्टूबर महीने के लिये कच्चे तेल के उत्पादन में एक लाख बैरल रोजाना की कटौती करेंगे. इससे पहले, पिछले महीने सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री ने कहा था कि ओपेक और सहयोगी देश तेल उत्पादन में कभी भी कटौती कर सकते हैं.  

ओपेक के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में इसका असर दुनियाभर के बाजारों में देखने को मिलेगा. उत्पादन घटने से कच्चे तेल की कीमत बढ़ेगी. इसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिल सकता है. अगर कच्चे तेल की कीमत आगे तेजी से बढ़ती है तो भारत में भी पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है.

इधर इस घोषणा के बाद तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिला था. पांच सितंबर को अमेरिकी कच्चा तेल 3.3 फीसदी उछलकर 89.79 डॉलर प्रति बैरल जबकि अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 3.7 फीसदी बढ़कर 96.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था. हालांकि, अगले दिन ब्रेंट क्रूड आयल 0.3 फीसदी या 33 सेंट्स फिसलकर 95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.
मार्केट एनालिस्ट का कहना है कि ओपेक की तरफ से कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की मात्रा काफी कम है. इस वजह से क्रूड में आज नरमी दिख रही है. ब्रेंट अभी भी 95 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे है.  

OPEC जल्दी कर सकता है बैठक

ओपेक का कहना है क्रूड उत्पादन में कटौती का फैसला वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका के बीच तेल के दाम में आ रही नरमी को देखते हुए किया गया है. वहीं, कोलंबिया विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति विशेषज्ञ जेसन बोर्डोफ ने ट्विटर पर लिखा, 

“प्रतिदिन तेल की मात्रा में कटौती काफी कम हो सकती है लेकिन आज की कटौती से मैसेज साफ है. ओपेक और उसके सहयोगी देशों को लगता है कि कच्चे तेल के दाम काफी नीचे आ गये हैं. 

ओपेक ने ये भी कहा है कि वो बाजार की जरूरत के अनुसार उत्पादन को समायोजित करने के लिए पांच अक्टूबर को होने वाली बैठक समय से पहले कर सकता है. उधर, रूस के तेल कीमतों में लगाम की कोशिश जारी है. रूस से सप्लाई रुकने से गैस के भाव 30 फीसदी बढ़े हैं. रूसी क्रूड की कीमत पर कैप लगाने के लिए जी-7 देशों के प्रस्ताव पर भारत ने कोई साफ जवाब नहीं दिया है. भारत जी-7 देशों के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. नैतिकता के आधार पर रूस का भारत विरोध नहीं करेगा. 

वीडियो: तेल रिफाइनरियों में सूखे की हालत, भारत ने रूस से मस्त फायदा लिया

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