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ओल्ड टैक्स रिजीम में मिलने वाली सारी छूट खत्म हो जाएंगी? इस सरकारी रिपोर्ट ने धड़कनें बढ़ा दी हैं

Budget 2025: SBI की रिपोर्ट में नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने और सेक्शन 80D के तहत मेडिकल बीमा की छूट को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने की सिफारिश की गई है.

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Old Tax Regime exemptions remove union budget 2025 SBI Research possibilities
1 फरवरी, 2025 को आम बजट का एलान होगा. (फ़ोटो - PTI)
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हरीश
26 जनवरी 2025 (Published: 10:50 AM IST) कॉमेंट्स
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को बजट (Union Budget 2025) पेश करेंगी. इससे पहले, पुराने टैक्स रिजीम और नए टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इस बीच, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) की नई रिसर्च रिपोर्ट सामने आई है. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार पुराने टैक्स रिजीम के तहत सभी छूटों को ख़त्म कर सकती है और उन्हें नए टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में बदल सकती है.

SBI की रिपोर्ट में नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने और सेक्शन 80D के तहत मेडिकल बीमा की छूट को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने की सिफारिश की गई है. इसके अलावा, 10-15 लाख रुपये की आय सीमा के लिए टैक्स दर को घटाकर 15% करने और सभी बैंक डिपॉज़िट्स पर एक समान 15% टैक्स दर लागू करने का प्रस्ताव रखा है.

SBI के ग्रुप मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष ने रिपोर्ट में कहा,

हमारा अनुमान है कि भारत सरकार नए टैक्स रिजीम के अंतर्गत सभी को शामिल करके, डिस्पोज़ेबल इनकम में बढ़ोतरी के ज़रिए बेहतर टैक्स व्यवस्था लागू कर सकती है और कंजम्पशन को बढ़ावा दे सकती है. 

संभव है कि इससे सरकार के टैक्स रेवेन्यू टैक्स रेवेन्यू में थोड़ी कमी आ सकती है.

SBI Research में ये बदलाव सुझाए गए

SBI की रिपोर्ट में आगामी बजट में सरकार के लिए विचार करने के लिए कई टैक्स-रिलीफ करने वाले उपाय सुझाए गए हैं-

- नए टैक्स रिजीम के तहत सभी छूटों को एक में कर दिया जाए. साथ ही, NPS सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जाए और मेडिकल बीमा की छूट को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जाएगा.

- 15 लाख रुपये से ज़्यादा की आय के लिए उच्चतम टैक्स की दर को 30% पर बनाए रखें. लेकिन 10-15 लाख रुपये की आय के लिए दर को 20% से घटाकर 15% करें.

- सभी मैच्यौरिटी पीरियड में बैंक डिपॉज़िट पर एक समान 15% टैक्स लागू करें. इस इनकम को अन्य अर्निंग में जोड़ा जाना चाहिए और हाईएक्ट इनकम ब्रैकेट से अलग किया जाना चाहिए.

- सेविंग अकाउंट में जमा राशि पर टैक्स की सीमा बढ़ाकर 20,000 रुपये की जाए.

ये भी सुझाव दिया गया है कि इस प्रस्ताव के परिणामस्वरूप 50,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू लॉस हो सकता है, जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 0.14% के बराबर है.

Old Tax Regime को लेकर कयास

हालांकि, सरकार की तरफ़ से पुराने टैक्स रिजीम को ख़त्म करने के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. लेकिन इसके भविष्य को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं. 2020 के यूनियन बजट में नया टैक्स रिजीम पेश किया गया था. ये रिजीम पिछले (पुराने टैक्स रिजीम) के तहत उपलब्ध छूट और कटौती के बिना, कम टैक्स रेट देता है. अपनी सरलता के कारण इसकी लोकप्रियता बढ़ी है.

लेकिन इसके बावजूद, कई टैक्सपेयर अभी भी पुराने सिस्टम को पसंद करते हैं. क्योंकि इसमें सेक्शन 80C और 80D के तहत अलग-अलग तरह की कटौतियां और छूट मिलती हैं.

वीडियो: खर्चा पानी: बजट में प्राइवेट कर्मचारियों की पेंशन पर क्या ऐलान होगा?

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