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शेयर मार्केट में गिरावट के कारण के साथ ये भी जानें कि इस साल पैसा लगाना है या नहीं

चार महीनों में सेंसेक्स 10 हजार अंंक गिर चुका है. निफ्टी में भी 12.38 प्रतिशत की गिरावट आई है.

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सांकेतिक तस्वीर. (India Today)
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सौरभ
23 जनवरी 2025 (Updated: 23 जनवरी 2025, 05:48 PM IST)
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भारतीय शेयर बाजार में पिछले चार महीनों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. सेंसेक्स, जो 27 सितंबर 2024 को अपने उच्चतम स्तर 85,978.84 पर था, 10,000 अंकों की गिरावट के साथ 11.79 प्रतिशत तक फिसल चुका है. निफ्टी इंडेक्स में भी 12.38 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है. इस गिरावट ने बड़े उद्योगपतियों से लेकर छोटे निवेशकों तक सबको को झकझोर दिया है.

बाज़ार में चल रही इस उठापटक से लार्ज-कैप के शेयरों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक NSE के लार्ज-कैप इंडेक्स में 13.27% की गिरावट आई है. विदेशी निवेशकों ने भारी बिकवाली की, जिससे भारतीय बाजार की हालत और खराब हो गई. मिड-कैप इंडेक्स 12.85% और स्मॉल-कैप इंडेक्स 9.87% तक गिर चुके हैं. IT सेक्टर ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन ऑटोमोबाइल और ऑयल-गैस जैसे कैपिटल इंटेंसिव सेक्टर्स पर गहरा असर पड़ा. भारतीय बाज़ार में लगातार दर्ज की जा रही इस गिरावट पर इंडियन एक्सप्रेस ने एक विस्तृत रिपोर्ट की है जिसमें कारणों पर भी चर्चा की गई है.

शेयर बाजार में गिरावट के कारण

- GDP और आर्थिक स्थिति: भारत की GDP ग्रोथ दूसरी तिमाही में सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4% पर आ गई. बैंकिंग क्रेडिट ग्रोथ, GST कलेक्शन और पोर्ट ट्रैफिक जैसे हाई-फ्रीक्वेंसी संकेतक भी धीमे हो गए हैं.

- महंगाई और डॉलर का दबाव: खाद्य महंगाई के ऊंचे स्तर और बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड यील्ड ने भारतीय रुपये को कमजोर किया है.

- विदेशी बिकवाली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव के बाद डॉलर मजबूत हुआ. अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.7 प्रतिशत तक पहुंचने से विदेशी निवेशक उभरते बाजारों से पैसा निकालने लगे. अक्टूबर 2024 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 94,017 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

- म्यूचुअल फंड और निवेशकों की चिंता: म्यूचुअल फंड निवेशकों को भी भारी नुकसान हुआ है. कई स्कीमों की नेट एसेट वैल्यू (NAV) में तेज गिरावट देखी गई.

क्या आगे और गिरावट होगी?

विशेषज्ञ मानते हैं कि बड़े कैप में गिरावट लगभग थम चुकी है, लेकिन मिड और स्मॉल-कैप में 3-4% की और गिरावट हो सकती है. NSE ऑटो इंडेक्स 19.22% और ऑयल एंड गैस इंडेक्स 17.47% गिरा है. मेटल सेक्टर में भी 15.23% की गिरावट आई है. माना जा रहा है कि 2025 में बाजार से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए BNP पारिबा के कुणाल वोरा कहते हैं कि GDP ग्रोथ और कॉर्पोरेट अर्निंग्स में सुधार की संभावना कम है. 2025 में बाजार में सिंगल डिजिट रिटर्न देखने को मिल सकता है.

वीडियो: खर्चा पानी: डोनाल्ड ट्रंप के आने से भारत को क्या फ़ायदा और क्या नुक़सान हो सकते हैं?

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