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बड़ी इंश्योरेंस कंपनी को भनक न लगी, कोई 80 हजार कस्मटर्स को कार की जगह बाइक इंश्योरेंस बेच गया

80,000 Royal Sundaram customers Scam: रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने आरोप लगाया है कि उनकी वेबसाइट का गलत इस्तेमाल करके 80 हजार से ज्यादा कस्टमर्स के साथ स्कैम किया गया. उन्हें गलत पॉलिसी दी गई.

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80,000 Royal Sundaram customers Scam
80 हजार से ज्यादा कस्टमर को गलत पॉलिसी दी गई.
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रितिका
23 जुलाई 2025 (Published: 06:22 PM IST) कॉमेंट्स
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इंश्योरेंस कंपनी के साथ फलां आदमी ने स्कैम किया. एक कंपनी, इंश्योरेंस कंपनी को चूना लगाकर करोड़ों रुपये डकार गई. ऐसी खबरें आए दिन आती रहती हैं. मगर इस बार मामला जरा हटकर है. एक इंश्योरेंस कंपनी के नाम पर स्कैम हुआ है. एक दो लोगों के साथ नहीं बल्कि 80 हजार लोगों के साथ. 80 हजार से ज्यादा लोगों को फर्जी एजेंट्स ने महंगी पॉलिसी बेच दी. इतना ही नहीं. फर्जी पॉलिसी में भी गजब खेल किया. जिस कंपनी के नाम पर ये पॉलिसी दी गई, उन्हें इसकी खबर ही नहीं थी. कंपनी का नाम रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड. 

रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने आरोप लगाया है कि कई एजेंट्स और बिचौलियों ने कथित तौर पर 80 हजार से ज्यादा कस्टमर्स को फर्जी पॉलिसी दी है. इस पूरे मामले पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.  इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने FIR में बताया,

“उनके फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट ने कई बीमा दावों को संदिग्ध पाया था. इसके बाद पता चला कि कंपनी की वेबसाइट का कई अज्ञात इंश्योरेंस एजेंट्स ने गलत इस्तेमाल किया. ग्राहकों को फर्जी पॉलिसी भी बेची."

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कंपनी ने बताया, एजेंट्स ने चार पहिया वाहनों की इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए ग्राहकों से प्रीमियम राशि वसूली. फिर उन्हें दोपहिया वाहनों की बीमा पॉलिसी पकड़ा दी. यानी उनसे एक्स्ट्रा पैसा वसूल कर उन्हें गलत पॉलिसी जारी की गई. यहां तक कि एंजेट्स ने ग्राहकों को फर्जी और जाली पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स भी दिए थे. 80 हजार से ज्यादा पॉलिसी गलत जानकारी जैसे कि ईमेल, मोबाइल नंबर और गाड़ी मॉडल के आधार पर दी जारी की गई.

बता दें कि कंपनी को इन गड़बड़ियों का पता तब चला जब उसके पास अलग-अलग राज्यों से मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल्स की तरफ से इंश्योरेंस क्लेम के कई समन आए. वहीं, कंपनी को 14 ग्राहकों के घरों का दौरा करने पर कई दावे संदिग्ध मिले. हालांकि अभी ये पता नहीं चला है कि फर्जी पॉलिसी जारी करने के लिए एजेंट्स ने कंपनी की वेबसाइट में सेंध लगाई या फिर पूरी नकली वेबसाइट बनाकर कांड किया. जांच जारी है. 

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