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डुप्लिकेट सिम वाले सायबर क्राइम का शिकार कहीं आप भी तो नहीं!

आपकी सिम का डुप्लिकेट बनाकर ऐसे-ऐसे कांड को अंजाम दिया जाता है कि आप यकीन नहीं करेंगे

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सिम Swapping, सिम Hijack क्राइम का एक तरीका है (image-pexels)

कुछ बड़ा, बहुत बड़ा अचीव करने के चक्कर में हम और आप कई बार छोटी-छोटी बातें नजरअंदाज कर जाते हैं. वैसे ये आपको बॉलीवुड की किसी फिलम का डायलॉग लग सकता है लेकिन असल जिंदगी में भी ऐसा होता है. एक छोटा सा उदाहरण ले लेते हैं. जैसे अपनी मंजिल पर पहुचने के लिए ओवर स्पीड करना या सिग्नल तोड़ना. कौन देख रहा, किसको फरक पड़ रहा लेकिन ये वही छोटी बात है. खैर हम वापस आते हैं सिम swapping पर. swapping मतलब अदला-बदली. सिम की ये अदला बदली आज भी बेधड़क जारी है और अनगिनत फर्जीवाड़े हो रहे. हम पहले समझते हैं कि ये होता कैसे है.

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आपको लगेगा की सायबर ठगों को आखिर सिम की जरूरत क्यों है. बहुत आसान सा जवाब है. Two-factor authentication को बायपास करने के लिए और ओटीपी के लिए. अब ये तो जग जाहीर है कि Two-factor authentication कितना जरूरी है. कई सारे ऐप्स जिसे फ़ेसबुक ने तो मैनडेटरी कर दिया है. हम भी आपसे कहेंगे कि सारे ऐप्स पर इसको इनेबल कीजिए. ये तो हुई जरूरत अब आते हैं ये होता कैसे है.

अपराधियों को इसके लिए चाहिए आपकी कुछ निजी जानकारी जैसे आपका नाम, आईडी प्रूफ, फोन नंबर. अब आप कहोगे ये डेटा कहां से मिलेगा. हम कहेंगे आपसे. अप खुद देते हैं. जैस किसी भी वेबसाइट पर बिना कुछ देखे विजिट करना, कैमरा एक्सेस देना. आपकी निजी जानकारी चोरी होती है ये एक कड़वा सच है. इसलिए आपको लगता है कि आपकी लापरवाही की वजह से आपका डेटा सेफ है तो आप मुगालते में हैं.ये अपराधी तो डेटा चोर हैं इसलिए कहीं ना कहीं से इनको आपकी जानकारी मिल ही जाएगी. आपकी जानकारी चोरी होने का सबसे ताजा उदाहरण लोन ऐप्स हैं.

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एक बार आपकी जानकारी हाथ लगी और फिर डुप्लिकेट सिम मिलना कोई मुश्किल नहीं. ऑनलाइन ई सिम का जुगाड़ या फिर सीधे स्टोर से. आप कहोगे कि सीधे स्टोर से कैसे. तो जनाब जरा सड़क से नीचे उतरकर देखिए. कई ऐसे स्टोर मिलेंगे जहां बैठे लोगों की लापरवाही के हजार किस्से बहुत आम हैं. सिम मिल गई मतलब खेल का टाइम आ गया और आपको उससे बचना है. ये कैसे होगा

आपके मन में एक सवाल आएगा की सिर्फ ओटीपी से क्या होगा. तो एक बात समझ लीजिए. सिम में आपके तमाम डिटेल मौजूद होते हैं क्योंकि सारा लेन-देन वहीं से होता है. सिम का पूरा नाम ही Subscriber Identity Module है. इसलिए एक तेज तर्रार सायबर अपराधी के लिए ये बहुत आसान है. तो हमारे पास एक ही रास्ता है. समय रहते चौकन्ना हुआ जाए.

# जब भी नई सिम किसी स्मार्टफोन में इन्सर्ट होगी तो आपकी सिम से नेटवर्क उड़ जाएगा. ये सबसे बड़ा अलर्ट है. बुरी से बुरी कंडीशन में भी सिम में नेटवर्क भले एक डंडी रहे, बना रहता है. अगर ऐसा नहीं है और आपके मोबाइल में नेटवर्क नहीं आ रहा तो खतरे की घंटी है. अपने नेटवर्क ऑपरेटर्स से बात कीजिए. अपने सारे अकाउंट को ब्लॉक करवाइए. ये कैसे होता है वो हमने आपको पिछले हफ्ते ही बताया है. आप घंटों वाईफाई में बैठे हैं और सारा communication चालू है, उधर कांड हो जाएगा.

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# एसएमएस आना बंद होना भी एक बड़ा संकेत है.

# आपके सोशल मीडिया पर एक भी unusual एक्टिविटी दिखे, जैसे कोई पोस्ट जिससे आपका लेना देना नहीं. फॉलोवर्स घटने बढ़ने लगें।

# दुर्घटना से देर भली. ये तो स्पीड के लिए इस्तेमाल होता है लेकिन इसको थोड़ा मोडिफ़ाई करते हैं और हम कहेंगे दुर्घटना से जल्दी भली. तुकबंदी से बाहर निकलें तो बेसिक कभी मत भूलिए जैसे सिर्फ वो वेबसाइट विजिट करें जो http, https से स्टार्ट हों. वेबसाइट के बाएं कोने में अगर ताला नहीं जिसको padlock कहते तो उस वेबसाइट में चाबी नहीं लगाना है. ओपन नहीं करना है.

सबसे जरूरी हमेशा सावधान रहिए क्योंकि अपराधी तो मानेंगे नहीं.

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