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1 अगस्त से UPI में तीन बड़े बदलाव, बार-बार बैलेंस चेक करने वालों को टेंशन होगी

1 अगस्त 2025 से UPI में कई बड़े बदलाव (New UPI Rules from 1 August) होने वाले हैं. बैलेंस चेक करने की लिमिट अर्ध शतक तक सीमित हो जाएगी तो पेमेंट अटकने का पता भी 90 सेकेंड से पहले नहीं चलेगा.

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1 अगस्त से UPI में तीन बदलाव होंगे

हर महीने में 30 या 31 तारीख आती है. फिर नया महीना स्टार्ट हो जाता है. इस महीने भी यही होगा. 31 जुलाई में महज दो दिन बाकी हैं. इसके बाद 1 अगस्त आएगा. मगर ये वाला 1 अगस्त थोड़ा अलग होने वाला है क्योंकि इस वाले 1 अगस्त 2025 से UPI में कई बड़े बदलाव (New UPI Rules from 1 August) होने वाले हैं. हालांकि इनके बारे में पहले बात हो चुकी है मगर एक बार फिर जान लीजिए. क्या हुआ, कोई स्टोरी का मीटर नहीं बिठा रहे. अगर ऐसा कुछ आपके मन में आ रहा तो जनाब ये UPI है. यहां सब फटाफाटी होता है.

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बैलेंस चेक पर 'चेक'

1 अगस्त 2025 से यूजर्स अब एक दिन में किसी एक UPI ऐप से सिर्फ 50 बार ही बैलेंस चेक कर पाएंगे. जो आप दो ऐप इस्तेमाल करते हैं तो दोनों में अलग-अलग 50 बार ऐसा कर सकते हैं. इससे ज्यादा बार आप बैलेंस की जानकारी चाहिए तो फिर आपको अपने बैंक ऐप का रुख करना होगा. NPCI का कहना है कि UPI सिस्टम पर बहुत ज्यादा लोड पड़ रहा है, खासकर पीक आवर्स (सुबह 10 से दोपहर 1 बजे और शाम 5 से रात 9:30 बजे के बीच में). बार-बार बैलेंस चेक करना या ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करने से सिस्टम स्लो हो जाता है. अगर आपको लगता है कि कौन ही इतनी बार बैलेंस चेक करता है तो जनाब छोटे दुकानदार मसलन चाय और सब्जी विक्रेता को ऐसा करना पड़ता है.

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ऑटोपे पेमेंट्स होगा हाफ मैनुअल

ऑटोपे मैनडेट्स की लिमिट और प्रोसेस में कोई बदलाव नहीं आएगा. माने आप कितनी भी सर्विसेस को ऐसा करने के लिए अपने अकाउंट का एक्सेस दे सकते हैं मगर इसके पेमेंट में अब बदलाव होगा. अब पीक आवर्स यानी सुबह 10 से दोपहर 1 और शाम 5 से रात 9:30 के बीच में आपके अकाउंट से पैसा नहीं कटेगा. ये पेमेंट्स सिर्फ नॉन-पीक ऑवर्स में ही प्रोसेस होंगे. मतलब ऑटो-पे ट्रांजैक्शंस, जैसे नेटफ्लिक्स सब्सक्रिप्शन, ऐप सब्सक्रिप्शन या EMI का पैसा पीक आवर्स में नहीं कटेगा.

ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक की लिमिट

अगर कोई पेमेंट अटक जाता है तो आप उसका स्टेटस सिर्फ 3 बार चेक कर सकते हैं, वो भी हर बार 90 सेकेंड के अंतराल के बाद. UPI से लेनदेन करते समय पेमेंट का अटक जाना कोई नई बात नहीं है. आगे से ऐसा होने पर बार-बार स्टेटस चेक करने की API कॉल्स बंद हो जाएंगी. यूजर्स को तुरंत पता नहीं चलेगा कि पेमेंट सक्सेस हुआ या नहीं. 90 सेकेंड तो लगेंगे.

तीनों बदलावों का मकसद UPI सिस्टम पर पड़ रहे दवाब को कम करना है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल अप्रैल और मार्च के महीने में UPI डाउन होने से करोड़ों यूजर्स को परेशानी हुई थी. 

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