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पति ICU में था, साइबर ठगों ने पत्नी को फोन कर क्रेडिट कार्ड से 5 लाख गायब कर दिए

मुंबई की रहने वाली एक महिला को क्रेडिट कार्ड के फर्जीवाड़े के चलते एक ऐसी सिचुएशन फेस करनी पड़ी जिसमें उनकी पति की जान खतरे में पड़ गई.

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साइबर अपराधियों ने पति के क्रेडिट कार्ड से पत्नी को ठग लिया. (तस्वीरें- Unsplash.com)

क्रेडिट कार्ड से ठगी, डेबिट कार्ड फर्जीवाड़ा, बैंक फ्रॉड के कई मामले आपने देखे-सुने होंगे. लेकिन ऐसी ठगी में किसी की जान चली जाए या जान पर बन आए, ऐसा कम जानने में आया है. मुंबई में एक केस हुआ है. यहां एक महिला को ऐसी सिचुएशन में साइबर ठगी का शिकार बनाया गया, जब उसका पति अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा था.

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मामला मुंबई के पवई इलाके से जुड़ा है. यहां की एक 57 साल की महिला के साथ कथित तौर पर लगभग 5 लाख रुपये का फ्रॉड हुआ. क्रेडिट कार्ड उनके पति का था, जो गंभीर बीमारी के चलते अस्पताल के ICU में भर्ती थे. ये ऐसा वक्त था जब महिला को पैसों की सख्त जरूरत थी. लेकिन उसी समय उनके साथ ठगी की गई. साइबर अपराधियों ने उनके क्रेडिट कार्ड से 5 लाख रुपये निकाल लिए.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक घटना एक महीना पहले की है. महिला की शिकायत पर मुंबई की विक्रोली थाने की पुलिस ने मामला दर्ज किया है. FIR के मुताबिक महिला के पति को लंबी बीमारी के चलते 30 दिसंबर, 2023 को विक्रोली इलाके के गोदरेज मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था. वो आईसीयू में थे. उसी दरमियान उनके फोन पर क्रेडिट कार्ड कंपनी के नाम पर एक फोन आया, जिसे उनकी पत्नी ने रिसीव किया. फोन करने वाले ने महिला से कहा,

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“आपके पति के क्रेडिट कार्ड पर कल से रोज 50 हजार रुपये फीस लगेगी. अगर इससे बचना है तो इसके लिए अभी ऑनलाइन रिक्वेस्ट देनी होगी.”

FIR के मुताबिक अपने आप को बैंक का प्रतिनिधि बताने वाले ने महिला को ऐसा ही कहा. महिला उसकी बातों में आ गई और लिंक पर क्लिक करके सारे डिटेल भर दिए. नतीजा, कुछ ही देर में तीन एसएमएस और क्रेडिट कार्ड से 4.88 लाख साफ हो गए. महिला ने तुरंत कस्टमर केयर को फोन किया और उधर से आश्वत किया गया कि ऐसा कोई लेनदेन नहीं हुआ है. 

महिला ने इस बात को पुख्ता करने के लिए जब दो दिन बाद फिर से कस्टमर केयर को फोन घुमाया तो इस बार कहा गया कि ये लेनदेन तो 30 तारीख को हुआ है. ठगे जाने के बाद महिला ने केस दर्ज करवा दिया है. पुलिस IPC और आईटी एक्ट में जांच कर रही है.

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ठगी के मामलों को बताते हुए हमारा उद्देश्य हमेशा आपको सतर्क करना है. ध्यान रखें कि क्रेडिट कार्ड से जुड़े किसी भी मामले में लिंक का जिक्र हो तो सावधान हो जाएं. बैंक कोई लिंक नहीं मांगता. रही बात किसी भी किस्म की फीस की तो, उसके लिए बैंक एसएमएस से लेकर ईमेल का सहारा लेता है. फीस लगेगी, कम लगेगी या ज्यादा, इसका प्रोसेस कभी भी लिंक से नहीं होता.

लिंक हमेशा सिंक (Sink) की तरफ ले जाता है. 

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