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डॉक्टर तो चीटे की टांग वाली हैंडराइटिंग लिखना बंद नहीं करने वाले, तो गूगल ही इलाज ले आया है!

अब गूगल बताएगा कि डॉक्टर ने पर्चे में कौन सी दवा लिखी है.

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गूगल कुछ जाबड़ लेकर आया है. (image-pexels)

डॉक्टर्स के हाथ से लिखे पर्चे को लेकर जितने मजाक बनते हैं, उतनी ही चिंताएं भी जाहिर होती हैं. मजाक इस बात का कि उनके लिखे को सिर्फ करीब की मेडिकल शॉप वाला पढ़ सकता है या वो खुद. चिंता इस बात कि इस वजह से कई लोग गलत दवाइयां ले लेते हैं. अगर आपको लग रहा है कि हम डॉक्टर्स के प्रिस्क्रिप्शन पर कोई ज्ञान देने वाले हैं, तो आप गलत पकड़े हैं. उसका खयाल डॉक्टर्स और उनसे जुड़े संस्थान रखें तो बेहतर. हम तो डॉक्टर के पर्चे और गूगल (Google AI For medical prescriptions) के बीच जुगलबंदी की बात करने वाले हैं.

क्या हुआ जोर का झटका जोर से लगा? हमें भी लगा, जब कल यानी 19 दिसंबर को हुए गूगल फॉर इंडिया (Google For India) इवेंट में इसके बारे में बताया गया. गूगल लाया है नया फीचर, जो डॉक्टर्स के पर्चे की उलझन सुलझाएगा. कल हुआ टेक दिग्गज का भारत के लिए भारत में होने वाला सालाना इवेंट. गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के CEO सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) और IT एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव इस दौरान स्टेज पर मौजूद रहे. आप पूरी रिपोर्ट यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं.

तमाम आने वाले फीचर्स के बीच हमारा ध्यान गया मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन की कठिन पहेली को सुलझाने वाले फीचर पर. गूगल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ऐसा मॉडल बना रहा है, जो हाथ से लिखे पर्चे को पढ़ने में हेल्प करेगा. वैसे ये कोई नई बात नहीं है क्योंकि गूगल लेंस इस तरीके के कई और काम कर सकता है. यहां तक की गणित के कठिन फार्मूले भी सुलझा सकता है. लेकिन डॉक्टर के पर्चे का कोड पहली बार डीकोड होगा.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गूगल का ब्लू आइड बॉय है, तो आने वाले वक्त में इससे जुड़े कमाल फीचर देखने को मिलते रहेंगे. अभी के लिए सही दवा लीजिए और टाइम पर खाकर अपना खयाल रखिए.   

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