The Lallantop

चोट, वेट कैटेगरी, दो रुपये वाले ट्वीट्स और अंजान विनेश फोगाट!

Vinesh Phogat in Paris Olympics 2024: मैच जीता, और सम्मान में जुड़वा दिए वो हाथ, जो कुछ ही वक्त पहले दो रुपये में बिक चुके थे. इनकी आंखों में शर्म तो अब भी नहीं है, लेकिन हाथ जुड़ चुके हैं.

Advertisement
post-main-image
मैच जीतने के बाद विनेश (फोटो- इंडिया टुडे)

विनेश फोगाट. हर भारतीय की ज़ुबान पर यही नाम है. होना भी चाहिए. लड़की ने काम ही ऐसा किया है. चोट, दूसरी वेट कैटेगरी, दो रुपये वाले ट्वीट्स. अपने ही देश में न्याय की इतनी लंबी लड़ाई. पहले ही राउंड में कभी ना हारी रेसलर. सब पीछे छूट गए. आगे निकल गई विनेश.

Advertisement

ओलंपिक्स से पहले बहुत सवाल थे. इन सवालों का सबसे सही जवाब क्या होता? ओलंपिक्स मेडल. लीजिए, आ गया. और मेडल भी वो वाला जो आज तक कोई महिला नहीं ला पाई है. दबदबा जारी रहा तो इसका रंग वो होगा, जो किसी भारतीय रेसलर ने नहीं देखा होगा. रंग, जो उतर चुका है देश की बड़ी आबादी के चेहरे से. वो आबादी जिसने पूरी कोशिश की, विनेश को ख़त्म करने की. क्या कुछ नहीं कहा और सुना गया.

वो सड़कों पर लड़ती रही, घसीटीं जाती रही. सुनवाई वाले कान बहरे हो रखे थे. वो चीखती रही. नक्कारखाने की तूती बनी. लेकिन अड़ी रही. पीछे हटने से साफ़ मना करते हुए. इंतज़ार किया, अपने मौक़े का. मौक़ा आया. लेकिन उससे पहले बहुत कुछ घटा. लेकिन इस घटने का आत्मविश्वास पर फ़र्क़ ना पड़ा. वो बढ़ता रहा. ध्यान लक्ष्य पर अड़ा रहा. तभी तो एक भी मैच ना हारी रेसलर ने जब लीड ले ली. मैच फिसलता रहा. तब भी विनेश ने पैनिक नहीं किया. क्योंकि विनेश के साथ बीते कुछ महीनों में जो भी हुआ, वो उसे बगुला बना चुका था. ध्यान ऐसा, जो टूटे ना.

Advertisement

और इसी ध्यान के साथ जब वो शिकार पर झपटी, तो शिकार को बचने का मौक़ा ना मिला. कुछ समझ पाने से पहले वो ज़मींदोज़ हो चुकी थी. जो किसी से ना हारी, उसे इस हार का यक़ीन कैसे होता. रेफ़रल लिया गया. लेकिन अब क्या होना. घटना तो घट चुकी थी, नाउम्मीदी छंट चुकी थी. नतीजा विनेश के पक्ष में. सबसे बड़ी बाधा टल गई. अब विनेश को कौन रोक सकता था? कोई नहीं. कुछ ही मिनटों बाद एक और जीत. मुक़ाबला थोड़े टक्कर का, लेकिन जीत अपनी. फिर आया सेमी फ़ाइनल. ये जीते तो चांदी पक्की और जग जाती उम्मीद सोने की.

ये भी पढ़ें- विनेश फोगाट सिर्फ फाइनल में नहीं पहुंचीं, वो दबदबा बनाया है जो आजतक नहीं था!

इतनी ज़िल्लत, हाड़ तोड़ मेहनत का फल एकदम सामने. इसे कैसे जाने देती विनेश. हाथ बढ़ाया और झटक लिया. सामने वाली प्लेयर को एक पॉइंट ना लेने किया. पूरा दबदबा. मैच जीता, और सम्मान में जुड़वा दिए वो हाथ, जो कुछ ही वक्त पहले दो रुपये में बिक चुके थे. इनकी आंखों में शर्म तो अब भी नहीं है, लेकिन हाथ जुड़ चुके हैं. और शायद कुछ घंटों में फैल भी जाएं, मेडल की भीख भी तो माँगनी है. लेकिन क्या विनेश को इनकी चिंता है? बिल्कुल नहीं. वो तब भी इनके वजूद से अंजान थीं और आज भी हैं.

Advertisement

तब अंजान होने की वजह कुछ और थी अब कुछ और. उस वक्त विनेश अपनी लड़ाई के चलते इनसे अंजान थीं और अब विनेश की गोल्ड की धुन उन्हें और कुछ जानने नहीं दे रही है.

ये भी पढ़ें- Vinesh Phogat अयोग्य घोषित, Paris Olympics में कोई भी मेडल नहीं मिलेगा!

वीडियो: Vinesh Phogat ने Wrestling Semi-final में एंट्री ली

Advertisement