बेलारूस के इवान लिट्विनोविच (Ivan Litvinovich) ने 03 अगस्त को पेरिस ओलंपिक्स (Paris olympics 2024 ) में गोल्ड मेडल जीत लिया. लेकिन यह मेडल उनके देश के खाते में नहीं गया, यानी आधिकारिक तौर पर देशों की पदक तालिका में ये दिखाई नहीं देगा. मेडल लेते समय न ही उनके देश का झंडा दिखाया गया और न ही राष्ट्रगान बजा. ऐसा क्यों हुआ? सब आपको आगे बातते हैं.
ओलंपिक्स में खिलाड़ी ने गोल्ड जीता, लेकिन न बजा राष्ट्रगान, न फहरा देश का झंडा, भावुक हो क्या बोले?
इवान लिट्विनोविच (Ivan Litvinovich) Paris olympics 2024 में न्यूट्रल प्लेयर के रूप में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बन गए है. उनका यह मेडल उनके देश के खाते में नहीं जुड़ेगा.
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फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से रूस और उसके सहयोगी देश बेलारूस को, हर वर्ल्ड स्पोर्ट से बैन कर दिया गया था. इसलिए रूस और बेलारूस के एथलीट इस ओलंपिक्स में न्यूट्रल बैनर के तहत हिस्सा ले रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक्स समिति (IOC) ने तटस्थ बैनर के तहत और बेहद कड़े शर्तों के तहत इन देशों के एथलीटों को अनुमति दी है. IOC ने इन देश के एथलीटों को इंडीविजुअल न्यूट्रल एथलीट (AIN) के तौर पर भाग लेने का आमंत्रण दिया है. उनके पास कोई राष्ट्रीय ध्वज या राष्ट्र गान नहीं होगा. और उनके मेडल देशों की पदक तालिका में नहीं दिखाए जाएंगे.
पेरिस ओलंपिक्स में भाग लेने की अनुमति पाने वाले इंडीविजुअल न्यूट्रल एथलीटों को दोहरी जांच से गुजरना पड़ा. अंतर्राष्ट्रीय खेल फेडरेशंस और IOC ने इस बात की ह्री झंडी दिखाई कि इन एथलीटों ने यूक्रेन में युद्ध का सक्रिय रूप से समर्थन नहीं किया था. और उनका अपने देश की सेनाओं के साथ कोई संबंध नहीं था. केवल 15 रूसी और 17 बेलारूसी एथलीटों ने न्यूट्रल बैनर के तले पेरिस ओलंपिक्स में हिस्सा लिया.
इन सभी को ओपनिंग सेरेमनी में भाग लेने या अपने राष्ट्रीय ध्वज के बैनर तले प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति नहीं दी गई. यदि एथलीट पोडियम फिनिश करते हैं. यानी मेडल जीत जाते है. फिर भी उनके एचीवमेंट को पदक तालिका में जगह नहीं दी जाएगी.
देश की बात पर इमोशनल हो गए इवान लिट्विनोविच!शनिवार, 03 अगस्त को 23 साल के इवान लिट्विनोविच ने मैन्स जिम्नास्टिक ट्रै्म्पोलिन के फाइनल में न्यूट्ल एथलीट के तौर पर हिस्सा लिया. और अपना खिताब बरकरार रखा. जबकि सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल, चीन के वांग जिसाई और यान लांग्यू के खाते में गए.लिट्विनोविच के मेडल जीतने के बाद बेलारूस के राष्ट्रगान के बजाए IOC द्वारा तय की गई एक सामान्य धुन बजाई गई. जिसमें कोई बोल नहीं थे. और साथ में नीले रंग का (AIN) का ध्वज फहराया जा रहा था.
मैच के बाद पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्रगान की जगह दूसरी धुन बजने के सवाल पर लिट्विनोविच इमोशनल हो गए और बोले,
इसमें कहने को क्या है? यह अलग है. हमारा राष्ट्रगान बेहतर है. और मुझे उम्मीद है कि हम भविष्य में जल्द ही अपने राष्ट्रगान को सुनकर प्रतियोगिताओं में भाग ले सकेंगे.
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लिट्विनोविच से जब इन खेलों में उनकी भागेदारी के बारे में पूछा गया, खासकर अपने देश के प्रति समर्थन के संबंध में जो उन्होंने पहले व्यक्त किया था. तो उन्होंने जवाब देने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा,
मैं इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहता. आप मुझे उकसाने के लिए ये सवाल पूछ रहे हैं. मैं केवल खेल से जुड़े सवालों का जवाब दूंगा.
इससे पहले बेलारूस की वियालेटा बार्डजिलोस्काया ने वीमेंस ट्रैम्पोलिन स्पर्धा में सिल्वर मेडल हासिल किया था. वियालेटा पेरिस ओलंपिक्स में मेडल जीतने वाली पहली न्यूट्रल एथलीट बनी थीं.
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