साल 1934 की 21 दिसंबर को पैदा हुए हनीफ क्रिकेट के पहले लिटिल मास्टर कहे जाते थे. सुनील गावस्कर और सचिन तेंडुलकर से भी पहले उन्हें लिटिल मास्टर बुलाया जाता था. और इस लिटिल मास्टर ने अपने बल्ले से पाकिस्तान को कई बार बचाया. ऐसे ही एक क़िस्सा है साल 1957 से.
पाकिस्तान की टीम वेस्ट इंडीज़ के दौरे पर थी. टीम को पांच टेस्ट मैच की सीरीज़ खेलनी थी. और पहला मुकाबला ब्रिजटाउन में खेला जा रहा था. इस मैच में वेस्ट इंडीज़ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. वेस्ट इंडीज़ ने नौ विकेट के नुकसान 579 रन बनाकर अपनी पारी घोषित कर दी. # अड़ गए हनीफ अब, इस पहाड़ जैसे लक्ष्य के सामने पाकिस्तान की टीम 106 रन पर ही सिमट गई. इसके बाद वेस्ट इंडीज़ ने पाकिस्तान को फॉलो-ऑन के लिए बुला लिया. पाकिस्तान की पहली पारी देख वेस्ट इंडीज़ के प्लेयर्स अपनी जीत पक्की समझ कर बैठे थे. और ऐसा ही कुछ हाल उनके फ़ैन्स का भी था.
ये वो दौर था जब टेस्ट क्रिकेट ही खेला जाता था. ऐसे में इसकी दीवानगी अलग ही लेवल पर थी. लोग स्टेडियम में सीटों के साथ जमीन से लेकर आसमान तक भर जाते थे. और ऐसे ही लोगों में शामिल एक लोकल फ़ैन पेड़ पर चढ़कर इस मैच का लुत्फ उठा रहा था. और फिर पाकिस्तान के लिए हनीफ मोहम्मद फिर से ओपनिंग करने आए. हनीफ आए और टिक गए. इस बार उन्होंने टेस्ट इतिहास की आज तक की सबसे धीमी पारी खेली.

बल्लेबाजी करते हुए हनीफ मोहम्मद.
उनकी ये पारी इतनी स्लो थी, कि पेड़ पर चढ़कर मैच देख रहा वो फैन वहीं सो गया. और सोते-सोते पेड़ से नीचे गिर गया. इसके बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया और वहां जाकर पता चला कि उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया है. और मजे की बात ये है कि पैर तुड़वाने के बाद जब इनको होश आया तो इनका पहला सवाल था,
‘हनीफ आउट हो गए या अभी भी बल्लेबाजी कर रहे है?’डॉक्टर ने जवाब दिया,
‘हां, वो बल्लेबाजी कर रहे है. सौभाग्य से, आप फिर से स्टेडियम तक नहीं चल पाएंगे और उन्हें बल्लेबाजी करते हुए देखने की परीक्षा से बचे हैं.’अब इस किस्से को कुछ लोग सच मानते है और कुछ झूठ, लेकिन हनीफ मोहम्मद की 970 मिनट में 337 रन की ये पारी टेस्ट क्रिकेट की सबसे लम्बी पारी है. मैच पर वापस लौटें तो दूसरी पारी में आठ विकेट के नुकसान पर 657 रन बनाकर पाकिस्तान ने अपनी पारी घोषित की.जिसके बाद वेस्ट इंडीज़ बल्लेबाजी करने आया. और ये मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ. वहीं सीरीज को वेस्ट इंडीज़ ने 3-1 से अपने नाम किया.