भारतीय महिला टीम नॉकआउट में पहुंचने वाली तीनों टीम से ग्रुप स्टेज का अपना मुकाबला हारी. कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) 8 में से 7वां टॉस सेमीफाइनल में हार गईं. बैटिंग करना चाहती थीं, लेकिन बॉलिंग करना पड़ा. फील्डिंग बहुत साधारण रही. कैच ड्रॉप हुए और 339 रनों के पहाड़ जैसा टारगेट मिल गया. सामने भी वो टीम थी, जो न सिर्फ 7 बार की चैंपियन है, बल्कि वीमेंस वनडे वर्ल्ड कप में पिछले 15 मुकाबले से अजेय थी. कुल मिलाकर पूरा एंटी क्लाइमैक्स सीन था.
'मानसिक रूप से बहुत मुश्किल...', जेमिमा रोड्रिग्स ने मैच के बाद जो कहा, वो सुन इमोशनल हो जाएंगे
भारतीय महिला टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से रौंदकर वीमेंस वर्ल्ड के फाइनल में जगह बना ली है. इस जीत की स्टार हैं Jemimah Rodrigues, जिन्होंने अंत तक लड़ते हुए नाबाद 127 रन बनाए और 9 गेंद पहले मैच खत्म कर दिया. अब फाइनल में भारतीय टीम का सामना साउथ अफ्रीका से 2 नवंबर को होगा.


क्रिकेट के किसी भी जानकार से आप पहली इनिंग के बाद पूछते तो यही बताते कि ऑस्ट्रेलिया आसानी से ये मैच जीत जाएगी. रिकॉर्ड भी तो यही बताते हैं. कभी किसी वर्ल्ड कप नॉकआउट में वीमेंस छोड़िए, मेंस क्रिकेट में भी इससे पहले 300 से ज्यादा का टारगेट चेज नहीं किया गया था. खुद भारतीय महिला टीम ने इससे पहले, जो सबसे बड़ा टारगेट चेज किया था वो था 265 रन.
सामने तब भी ऑस्ट्रेलिया ही थी. अब भी ऑस्ट्रेलिया ही थी. लेकिन, 265 और 339 के बीच 74 रनों का फासला होता है. इन सारे रिकॉर्ड्स और इतिहास को भुलाकर भारतीय टीम जब चेज करने उतरी तो सामने सिर्फ वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दिखाई दी. अब टीम इंडिया इस ट्रॉफी से महज एक जीत दूर है, लेकिन इस ऐतिहासिक जीत ने उनके आत्मविश्वास को एक नई ऊंचाई दे दी होगी.
भारतीय टीम की इस जीत की दो सूत्रधार रहीं. पहली नंबर 3 बैटर जेमिमा रोड्रिग्स और दूसरी कप्तान हरमनप्रीत कौर. न्यूजीलैंड के खिलाफ करो या मरो मैच में भी जेमिमा नंबर 3 ही बैटिंग करने आई थीं. लेकिन, उस मैच और इस मैच की परिस्थिति में जमीन-आसमान का अंतर था. सबसे कमाल की बात तो ये है कि जेमिमा ने इस वर्ल्ड कप का जब पहला मैच खेला था तब वो खाता भी नहीं खोल सकी थीं. बीच में उन्हें ड्रॉप भी कर दिया गया. लेकिन, जब दोबारा उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ मौका मिला तब से जेमिमा ने अपना खेल ही बदल दिया. जेमिमा को इस इनिंग में 4 जीवनदान भी मिले, लेकिन थकान और इमोशनल ब्रेकडाउन के बावजूद वो डटी रहीं और अंत में टीम इंडिया के इस सुनहरे अध्याय में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों से हमेशा के लिए दर्ज करा लिया.
जेमिमा ने मैैच के बाद क्या-क्या बताया?मैच के बाद जेमिमा इतनी भावुक हो गईं कि वो फूट-फूटकर रो पड़ीं. वो इतनी इमोशनल थीं कि जब उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड लेने के लिए मंच पर बुलाया गया तब भी अपने इमोशंस को कंट्रोल नहीं कर सकीं. जेमिमा ने इस दौरान बताया,
आज यह मेरे 50 या 100 रन की बात नहीं थी, आज बस भारत को जिताना था. मुझे पता था कि मुझे कुछ मौक़े मिले, लेकिन मुझे लगा कि भगवान ने सब कुछ लिखा हुआ था. मैं मानती हूं कि अगर आप सही इरादे से सही काम करते हैं, तो वो हमेशा आशीर्वाद देते हैं. मुझे लगता है जो कुछ भी हुआ, वह सब इसी पल के लिए सेटअप था. यह महीना बहुत कठिन था; यह सब एक सपना जैसा लगता है और अब तक विश्वास नहीं हो रहा.
रोड्रिग्स ने नंबर 3 पर दूसरे ओवर में बैटिंग शुरू की और अंत तक नाबाद रहीं. उन्होंने 134 गेंदों में नाबाद 127 रन बनाए और भारत ने नौ बॉल्स रहते 5 विकेट से जीत दर्ज की. रोड्रिग्स ने आगे बताया कि उन्हें बहुत पता नहीं था कि वह नंबर तीन पर बैटिंग करने उतरेंगी. उन्होंने आगे कहा,
मुझे लगा था कि मैं नंबर पांच पर जाऊंगी. मैं नहा रही थी और तभी टीम मीटिंग चल रही थी. मैंने कहा बता देना. मैच शुरू होने से पांच मिनट पहले मुझे बताया गया कि मैं नंबर तीन पर जाऊंगी. लेकिन, मैंने अपने बारे में नहीं सोचा. यह मेरे लिए ख़ुद को साबित करने का मौक़ा नहीं था, बल्कि भारत को जीत दिलाने का था क्योंकि हम कई बार अहम मौक़ों पर हार चुके हैं. मैंने सोचा कि मुझे आख़िर तक डटे रहना है और टीम को जीत दिलानी है.
उन्होंने आगे कहा,
पिछली बार 2022 वर्ल्ड कप में मुझे बाहर कर दिया गया था. इस बार मैंने सोचा कि बस कोशिश करूंगी. लेकिन, चीज़ें लगातार बिगड़ती चली गईं और मेरे हाथ में कुछ नहीं था. सौभाग्य से मेरे आसपास कुछ अद्भुत लोग थे, जिन्होंने मुझ पर विश्वास रखा. मैं इस पूरे दौरे में लगभग हर दिन रोई हूं. मानसिक रूप से बहुत मुश्किल दौर था, काफ़ी चिंता रहती थी. टीम से बाहर होना भी एक और झटका था. मैं बस मैदान पर उपस्थित रहना चाहती थी. बाक़ी सब भगवान ने संभाल लिया.
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खुद से बात करने को लेकर जेमिमा क्या बोलीं?रोड्रिग्स मैच के दौरान पूरी पारी में ख़ुद से बातें करती नज़र आईं. इसे लेकर उन्होंने कहा,
शुरुआत में मैं खुद से बातें कर रही थी, लेकिन आख़िर में जब थक गई, एनर्जी खत्म हो गई, तब मैं बाइबल की एक पंक्ति दोहरा रही थी. 'बस स्थिर रहो, भगवान तुम्हारे लिए लड़ेंगे' और वही हुआ, उन्होंने मेरे लिए लड़ाई लड़ी.
भारतीय टीम ने पावरप्ले में ही दोनों ओपनर्स के विकेट गंवा दिए थे. लेकिन, रोड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत ने तीसरे विकेट के लिए रिकॉर्ड 167 रन की पार्टनरशिप की. इसे लेकर उन्होंने बताया,
जब हैरी दी (हरमनप्रीत) आईं, हमने बस यही कहा कि एक लंबी पार्टनरशिप चाहिए. रन अपने आप आएंगे. बाद में जब दीप्ति आईं तो उन्होंने मुझे लगातार बातों से मोटिवेट किया. ऋचा आईं तो उन्होंने माहौल हल्का रखा. मैं बहुत धन्य हूं कि जब मैं ख़ुद नहीं संभल पाती, तो मेरे साथी मुझे आगे बढ़ाते हैं. मैं इसका श्रेय अकेले नहीं ले सकती.
वहीं, जीत के लम्हे पर जेमिमा ने कहा,
यह काफी मुश्किल था. लेकिन, मैंने कोशिश की कि आख़िरी गेंद तक शांत रहूं. जैसे ही स्क्रीन पर देखा 'भारत पांच विकेट से जीता', मैं ख़ुद को रोक नहीं पाई. नवी मुंबई मेरे लिए हमेशा ख़ास रहा है और इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता था. मैं हर उस दर्शक को धन्यवाद देना चाहती हूं जिसने हमें तब भी चियर किया, जब हम मुश्किल में थे.
टीम इंडिया को अब 2 नवंबर को साउथ अफ्रीका के खिलाफ इसी मैदान पर फाइनल खेलना है. साउथ अफ्रीका पहली बार फाइनल में पहुंचा है. लेकिन, एक बात दूसरे सेमीफाइनल से तय हो गया कि इस बार वीमेंस वर्ल्ड कप में एक नया चैंपियन देखने को मिलेगा. अब तक हुए 12 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने 7, इंग्लैंड ने 4 और न्यूजीलैंड ने एक बार बाजी मारी है. भारतीय टीम दो बार पहले भी फाइनल में पहुंची है, लेकिन दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है.
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