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नहीं रहीं मैरी रॉय, जिन्होंने औरतों को संपत्ति में बराबर का हक दिलाया था

मैरी रॉय लेखिका अरुंधति रॉय की मां थीं. उनके बुकर अवॉर्ड जीतने वाले उपन्यास 'गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स' में अम्मू का किरदार मैरी से ही प्रेरित था.

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ह्यूमन राइट्स ऐक्टिविस्ट और शिक्षाविद मैरी रॉय (Mary Roy) का  1 सितंबर को निधन हो गया. वो 89 साल की थीं और प्रसिद्ध अंग्रेज़ी लेखिका अरुंधति रॉय की मां थीं. अरुंधति ने अपनी बुकर-विनिंग किताब 'द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स' में उनको मुख्य किरदार के रूप में रखा है. नाम दिया, 'अम्मू'. एक ख़ुद्दार, विद्रोही, तलाकशुदा मां. 

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मैरी को 'द मैरी रॉय केस' के लिए सबसे ज़्यादा जाना जाता है. एक माइलस्टोन क़ानूनी लड़ाई, जिसने केरल में सीरियाई ईसाई महिलाओं को अपने परिवार, अपने समाज में बराबर हक़ दिलवाया. आज उसी केस के बारे में बताएंगे, लेकिन पहले जान लीजिए मैरी के बारे में. अम्मू के बारे में. देखिए वीडियो. 
 

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