प्रोस्टेट पुरुषों के शरीर में पाए जाने वाली एक ग्रंथि है. आपने कई बार प्रोस्टेट शब्द सुना होगा. ज़्यादातर कैंसर के संदर्भ में. पर कैंसर के अलावा प्रोस्टेट से जुड़ी एक समस्या बहुत ज़्यादा आम है. कैंसर से भी ज़्यादा. वो है बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया. ये सुनने में थोड़ा डरावना है, पर इसका मतलब है उम्र के साथ प्रोस्टेट का साइज़ बढ़ना. इसका कैंसर से कोई लेना-देना नहीं है.
उम्र के साथ प्रोस्टेट का साइज बढ़ना पुरुषों के लिए कितनी बड़ी दिक्कत?
बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया यानी प्रोस्टेट का साइज बढ़ जाना. डॉक्टर से जानिए ये क्यों होता है, किन लक्षणों को देखकर ये पता लगाया जा सकता है कि प्रोस्टेट का साइज़ बढ़ गया है, इसके बढ़ने से क्या होता है, साथ ही जानेंगे बचाव और इलाज.

दरअसल प्रोस्टेट का साइज़ बढ़ना, पुरुषों को होने वाली एक बहुत ही आम समस्या है. डॉक्टर से जानिए ये क्यों होता है? किन लक्षणों को देखकर ये पता लगाया जा सकता है कि प्रोस्टेट का साइज़ बढ़ गया है? इसके बढ़ने से क्या होता है? साथ ही जानेंगे बचाव और इलाज.
बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया क्या होता है?जानिए डॉ. अमित सिंह मल्होत्रा से.

(डॉ. अमित सिंह मल्होत्रा, सीनियर कंसल्टेंट, यूरोलॉजी, पीएसआरआई हॉस्पिटल)
प्रोस्टेट पुरुषों का एक सेक्शुअल ग्लैंड है यानी ग्रंथि है. ये वीर्य बनाने का काम करता है. ये साइज़ में अख़रोट के बराबर होता है. ये यूरिनरी ब्लैडर (पेशाब की थैली) और लिंग के बीच में होता है. उम्र के बढ़ने के साथ ही प्रोस्टेट का साइज भी बढ़ता है. इसे बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया कहते हैं. बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया का कैंसर से कोई लेना देना नहीं होता है
कारणइसका मुख्य कारण है उम्र के साथ पुरुषों के हॉर्मोन्स में बदलाव. जेनेटिक वजहों से भी प्रोस्टेट का साइज बढ़ सकता है. अगर पिता को बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया है तो बेटे को ये समस्या होने के चांस बढ़ जाते हैं. जीवनशैली भी इसकी वजह बन सकती है. जैसे जो लोग स्मोकिंग करते हैं या बहुत स्ट्रेस में रहते हैं, उनको ये समस्या जल्दी हो सकती है. इसके अलावा जो लोग डिप्रेशन की दवाई लेते हैं और जिनके शरीर में फैट ज्यादा है, उनके लिए रिस्क बढ़ जाता है
लक्षण60 साल से ज्यादा उम्र के करीब 50% पुरुषों में ये समस्या हो सकती है. 85 साल की उम्र के लगभग 90% पुरुषों में ये समस्या हो सकती है. इसके कई लक्षण हैं. जैसे पेशाब की धार कमजोर होना. पेशाब रुक-रुक के होना. पेशाब करने के लिए ज़ोर लगाना. पेशाब करने में समय लगना और पेशाब की थैली ख़ाली न होना. हर आधे या एक घंटे में पेशाब लगना. रात में बार-बार पेशाब लगना.
50 साल की उम्र के बाद कुछ बातों का ध्यान रखें. जैसे रोज़ाना एक्सरसाइज करें. अपने वजन को कंट्रोल में रखें. अपनी डाइट में सलाद की मात्रा ज़्यादा रखें जिससे आपकी पाचन शक्ति ठीक रहे. इससे आपको कब्ज़ की शिकायत नहीं होगी क्योंकि इस वजह से भी प्रोस्टेट की समस्या होती है. ज़्यादा चाय, कॉफ़ी और बीयर का सेवन न करें. स्मोकिंग न करें. वर्क स्ट्रेस न लें. सोने से पहले बहुत तरल पदार्थ न पिएं. साल में एक बार हेल्थ चेकअप ज़रूर करवाएं.
इलाजइसके लिए दवाई दी जाती है. ये दवाई रात में लेनी होती है. इस दवाई का कोर्स शुगर और ब्लड प्रेशर की दवाई की तरह लंबा होता है. ज़्यादातर लोगों में इसके कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते हैं. कुछ लोगों में दवाई से काम नहीं चलता तो उनकी सर्जरी करनी पड़ती है. कुछ लोगों को प्रोस्टेट की वजह से बार-बार इन्फेक्शन होता है या पेशाब की थैली में पथरी की समस्या होती है. इस कारण किडनी फेलियर हो जाता है. ऐसे लोगों को भी सर्जरी की ज़रूरत पड़ती है.
प्रोस्टेट की सर्जरी बहुत सरल होती है. इसमें कोई भी चीरा नहीं लगाया जाता है. इसको पेशाब की नली के रास्ते से किया जाता है. इससे बढ़ा हुआ प्रोस्टेट निकल दिया जाता है और पेशाब के रस्ते को चौड़ा कर दिया जाता है.
बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया पुरुषों को होने वाली एक ऐसी समस्या है, जिसका इलाज आसानी से किया जा सकता है. परेशान होने की बिलकुल ज़रुरत नहीं है. पर ज़रूरी है समय पर इलाज होना. इसलिए लक्षण दिखने पर डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं.