साल 2006 से 2009 के बीच की बात है. टीवी पर एक सीरियल आता था- 'कसम से'. तीन बहनों की कहानी थी- बानी, पिया और रानो. लेकिन इस सीरियल की चौथी फीमेल कैरेक्टर मुझे सबसे ज्यादा अट्रैक्ट करती थी. जिज्ञासा वालिया. नेगेटिव कैरेक्टर. इसे निभाया था अश्विनी कालसेकर ने. और उन्होंने इस कैरेक्टर में ऐसी जान भरी कि आज भी टीवी की टॉप विलेन्स में जिज्ञासा की गिनती होती है.
अश्विनी कालसेकर: एक एयरलाइन में काम करने वाली लड़की कैसे मशहूर विलेन बन गई?
वो एक्ट्रेस जो बेबाकी से अपनी बात रखती है.


अश्विनी कालसेकर का आज बड्डे है. तो हमने सोचा कि क्यों न उनके बारे में थोड़ा जान लिया जाए.

अश्विनी का 'जिज्ञासा लुक' भी काफी फेमस हुआ था. (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट)
कौन हैं अश्विनी कालसेकर?
टीवी की दुनिया का बड़ा नाम हैं. इंडस्ट्री में करीब 25 बरस से एक्टिव हैं. कई फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं. वैसे तो अश्विनी ने पॉज़िटिव और कॉमिक रोल भी किए लेकिन नेगेटिव और ग्रे कैरेक्टर्स के लिए उन्हें ज्यादा याद रखा जाता है. इसी मुद्दे पर 2015 में TOI को दिए एक इंटरव्यू में अश्विनी ने कहा था,
"दिक्कत ये है कि किसी को याद नहीं रहता कि मैंने टीवी सीरियल्स में पॉज़िटिव रोल्स भी किए हैं. 'कसम से' में जिज्ञासा का रोल करने के पहले मैंने कभी निगेटिव रोल नहीं किया था. CID में भी मेरा कैरेक्टर पॉज़िटिव ही था. मैं ऐसा कोई रोल नहीं कर रही थी, जो एक वैम्प की तरह भौंह चढ़ाए और मन ही मन सोचे 'दया ने दरवाज़ा क्यों तोड़ा?' 'ये ACP प्रद्युमन अपने आप को समझता क्या है?'"
खैर, निगेटिव रोल्स के लिए फेमस अश्विनी असल में कैसी हैं? किस तरह से एक्टिंग की दुनिया में आईं, ये जानने के लिए शुरू से शुरुआत करते हैं.

अपने पति मुरली शर्मा के साथ अश्विनी. (फोटो- इंस्टाग्राम)
कैसे ली टीवी की दुनिया में एंट्री?
22 जनवरी, 1970 के दिन मुंबई के एक परिवार में अश्विनी का जन्म हुआ. स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई के बाद एक एयरलाइन्स में वो जॉब करने लगीं. कैबिन क्रू की मेंबर थीं. उसी दौरान उन्हें पहला सीरियल ऑफर हुआ था. और इसका क्रेडिट अश्विनी अपनी आवाज़ को देती हैं. 2015 में ETC को दिए एक इंटरव्यू में अश्विनी ने बताया,
"मेरी आवाज़ थोड़ी भारी है. नॉर्मल औरतों की तरह नहीं है. मैं जब कैबिन क्रू में थी, तब शुक्रवार को मेरा वीकली ऑफ होता था. एक ऑडिशन चल रहा था. मैं अपने एक दोस्त के साथ उसमें गई. वहां कबीर भाटिया नाम के एक लड़के ने मुझसे कहा कि क्या आप एक्टिंग करेंगी? और इस तरह से मुझे मेरा पहला शो 'शांति' मिला."
शांति सीरियल 90 के दशक के शुरुआती बरसों में डीडी नेशनल में आता था. लीड रोल में मंदिरा बेदी थीं. सीरियल में रोल मिलने के बाद अश्विनी हर शुक्रवार को शूट पर जाती थीं. साथ ही वो एयरलाइन्स वाली नौकरी भी कंटिन्यू कर रही थीं. खैर, बाद में उन्होंने वो नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से ऐक्टिंग में इन्वॉल्व हो गईं. खास बात ये है कि अश्विनी ने कभी ऐक्टिंग की प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ली. अश्विनी टीवी सीरियल्स को ही अपनी एक्टिंग की ट्रेनिंग कहती हैं. बाद में CID सीरियल का भी हिस्सा बनीं. बड़ा ब्रेक मिला 'कसम से' सीरियल से ही. जिज्ञासा के किरदार में ऐसी जान डाली कि कई अवॉर्ड्स भी अपने नाम कर लिए. 'जिज्ञासा लुक' भी बहुतई फेमस हुआ था. बड़ी सी नोज़ पिन और बड़ी बिंदी, डार्क काजल, ये सब जिज्ञासा का सिग्नेचर स्टाइल था. इस स्टाइल के बारे में जुलाई 2007 में दिए एक इंटरव्यू में अश्विनी ने कहा था,
"जब मुझे जिज्ञासा का कैरेक्टर ऑफर हुआ था, तब मैं 'के स्ट्रीट पाली हिल्स' सीरियल में काम कर रही थी. मैं नए रोल के लिए अलग तरह का लुक चाहती थी. असल ज़िंदगी में भी मैं बड़ी बिंदियां लगाती हूं. 'खुदा गवाह' फिल्म में श्रीदेवी ने जिस तरह की नोज़ पिन पहनी थीं, वो मुझे अच्छी लगीं. मैंने भी वही पहनना शुरू कर दिया. और इस तरह से ये लुक तैयार हुआ."

फिल्म 'लक्ष्मी' में अश्विनी.
खैर, इस किरदार की पॉपुलैरिटी के बाद अश्विनी ने कई और सीरियल्स में अहम रोल किए. एकता कपूर के प्रोडक्शन में बने 'जोधा अकबर' सीरियल में भी 'माहम अंगा' का रोल किया, ये भी काफी सख्त रोल था, लोगों ने इसे भी पसंद किया. अश्विनी को लगातार काम करना पसंद है. वो कहती हैं,
"मैं वर्कोहॉलिक हूं. काम करते रहना मुझे पसंद है. छुट्टी तीन या चार दिन की अच्छी लगती है, लेकिन जैसे ही पांचवां दिन होता है, लगता है कि शूटिंग पर जाना चाहिए."
काम पसंद आया, तो आगे काम मिला
अश्विनी टीवी सीरियल्स के साथ-साथ फिल्मों में भी एक्टिव हैं.'गोलमाल' सीरीज़ की फिल्मों में कॉमेडी रोल किए हैं. मुन्नी का किरदार भी काफी फेमस हुआ था. हॉरर फिल्मों में भी काम किया है. हाल ही में आई फिल्म 'लक्ष्मी' में भी हमने अश्विनी को देखा था. हालांकि वो खुद को मूल रूप से टीवी इंडस्ट्री का ही बताती हैं. वो कहती हैं,
"मैं टीवी इंडस्ट्री से हूं. यहां अब मैंने वो मुकाम हासिल कर लिया है, जहां मुझे काम मांगने की ज़रूरत नहीं होती. लेकिन फिल्मों में मैंने जितना भी काम किया है वो ज़्यादातर उन्हीं के साथ किया है, जो दोस्त रह चुके हैं. मेरा कोई मैनेजर नहीं है, कोई एजेंसी नहीं है, न तो मैंने अप्रोच किया और न उन्होंने किया. मुझे हमेशा यही लगता है कि वो मेरे जैसे लोगों को क्यों हायर करेंगे. ज़ाहिर है वो स्टार्स के पास जाएंगे. मेरे पास जो भी काम आया, वो मेरे वेल विशर्स या वो लोग जो मेरे काम को पसंद करते हैं, उनके जरिए आया."

फिल्म 'गोलमाल रिटर्न्स' में.
अश्विनी अपने किरदारों की तरह ही अपनी बात बेबाकी से रखती हैं. फिल्म इंडस्ट्री को लेकर 2015 के एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वो अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही हैं. लेकिन कोशिश करने के लिए उन्हें रस्ता तो दिखे. अश्विनी ने कहा था,
"हम लोग स्टार्स नहीं हैं. हम लोग अपने टैलेंट, अपने प्रोफेशनलिज़्म की वजह से यहां इंडस्ट्री में आए और अभी तक टिके हुए हैं. हम सेल्फ मेड लोग हैं. हर कोई श्री राम राघवन नहीं होता, हर कोई रोहित शेट्टी नहीं होता. उनको (यानी राघवन और रोहित शेट्टी को) मुझे अप्रोच करना जितना आसान लगता है, वैसा बाकियों को नहीं लगता. न मुझे लगता है कि हमारे लिए उनके दरवाज़े खुले होते हैं."
यहां अश्विनी ने किसी बड़े डायरेक्टर या प्रड्यूसर का नाम लिए बिना ही काफी अहम बात कही थी. वो राघवन और रोहित शेट्टी की फिल्मों में काम कर चुकी हैं, और दोनों की तारीफ भी करती हैं. ये भी कहती हैं कि दोनों का जब भी फोन आता है, वो पहले ही फिल्म करने के लिए हां बोल देती हैं. राम गोपाल वर्मा और एकता कपूर का भी अपने करियर में बड़ा योगदान मानती हैं. 50 बरस की अश्विनी अब वेब सीरीज़ भी कर रही हैं. ज़ी-5 की हुतात्मा सीरीज़ में उन्होंने काम किया है. मराठी सीरियल्स में भी काम करती हैं. वो अपने एक्टिंग सफर को लेकर कहती हैं,
'मैं अपनी पुरानी गलतियों से सीखती हूं. मैंने अपनी ज़िंदगी में जो कुछ भी किया, किसी भी बात पर मुझे कोई पछतावा नहीं होता. मैंने जो किया अपनी सोच से किया, उस वक्त जो लगा वो किया."














.webp)


.webp)




