कैंसर. ये लफ्ज़ सुनकर ही रूह कांप जाती है. अक्सर सुनने में आता है कि किसी को ब्लड कैंसर हो गया, गले का कैंसर हो गया, हड्डियों का कैंसर हो गया, ब्रेस्ट कैंसर हो गया. लेकिन एक कैंसर ऐसा है जो सिर्फ पुरुषों को होता है और जिसके बारे में बहुत कम बात होती है. इसका नाम है प्रोस्टेट कैंसर. ICMR के मुताबिक, ये हिंदुस्तान में हर एक लाख में से नौ लोगों को होता है. ये यूएस और यूरोप के देशों के मुकाबले कम है. लेकिन एशिया और अफ्रीका के देशों की तुलना में बहुत ज्यादा.
लेकिन ये प्रोस्टेट कैंसर क्या होता है? क्यों होता है और इसके लक्षण क्या हैं? ये सब जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर जगदीश शिंदे से. वो आदित्य बिड़ला मेमोरियल अस्पताल पुणे में कैंसर स्पेशलिस्ट हैं.

क्या होता है प्रोस्टेट कैंसर?
पुरुषों में यूरिनल ब्लैडर के नीचे के हिस्से में एक ग्लैंड होता है. इसे प्रोस्टेट ग्लैंड कहते हैं. ये नींबू के आकार का होता है. ये पुरुषों के मेल जेनिटल सिस्टम का हिस्सा है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है इस ग्लैंड का साइज़ भी बढ़ता जाता है. लेकिन साइज़ अगर सामान्य से ज्यादा बढ़ने लगे तब सतर्क हो जाना ज़रूरी होता है. प्रोस्टेट ग्लैंड के बढ़ने के पीछे दो प्रमुख वजहें हैंः
-पहला है Benign prostatic Hypertrophy: नॉन कैंसरस कंडीशन है. इसमें सर्जरी या दवाओं की मदद से प्रोस्टेट ग्लैंड को बढ़ने से रोका जा सकता है.
-दूसरा है प्रोस्टेट कैंसरः इसमें प्रोस्टेट ग्लैंड में कैंसरस सेल्स बनते हैं और फिर वो दूसरे हिस्सों में फैल जाते हैं.

उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट कैंसर होने के चांस भी बढ़ जाते हैं. ज्यादातर लोगों को 50 की उम्र के बाद प्रोस्टेट कैंसर होता है. प्रोस्टेट कैंसर होने की एवरेज उम्र 65 साल है. 40 से कम उम्र के पुरुषों को आमतौर पर प्रोस्टेट कैंसर नहीं होता है.
लक्षण:
-यूरीन में रुकावट होना
-बार-बार यूरीन लगना
-पेशेंट को हड्डियों में दर्द, बैक पेन या फिर कमर में दर्द हो सकता है
-इनमें से कोई भी लक्षण प्रोस्टेट कैंसर का स्पेसिफिक लक्षण नहीं है. ये लक्षण कई दूसरी बीमारियों में भी पाए जाते हैं

तो फिर प्रोस्टेट कैंसर का पता कैसे चलता है?
स्क्रीनिंग से. स्क्रीनिंग मतलब वो टेस्ट जो कैंसर को जल्दी डिटेक्ट करने के लिए किया जाता है. इसके लिए एक ब्लड टेस्ट किया जाता है. टेस्ट का नाम है PSA. प्रोस्टेट स्पेसिफ़िक एंटीजन (Prostate Specific Antigen). अगर PSA की वैल्यू बढ़ गई है तो मतलब प्रोस्टेट कैंसर होने का चांस है. 50 साल के बाद पुरुषों को PSA का टेस्ट करवाना बहुत ज़रूरी है.
ख़तरनाक बात ये है कि प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ी जानकारी लोगों में कम है. इसलिए इसके लक्षणों पर आपको खासा ध्यान देना चाहिए? अब बात करते हैं इलाज के बारे में. ये बताया हमें डॉक्टर प्रतीक तिवारी ने. कैंसर स्पेशलिस्ट हैं. भोपाल में.
इलाज:
प्रोस्टेट कैंसर को दो स्टेज में बांटा जाता हैः
-अर्ली स्टेजः इस स्टेज में प्रोस्टेट कैंसर को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. इसको तीन तरह से ठीक किया जा सकता है. सर्जरी, रेडिएशन, या एंड्रोजन डिप्राईवेशन थैरेपी. सर्जरी और रेडिएशन तो ठीक है, पर एंड्रोजन डिप्राईवेशन थैरेपी क्या है? एंड्रोजन डिप्राईवेशन थेरेपी में टेस्टेस्टेरॉन नामक हॉर्मोन को कम करके प्रोस्टेट कैंसर को कंट्रोल किया जा सकता है

-एडवांस्ड स्टेजः इसमें बीमारी क्यूरेबल नहीं रहती है. इसको कंट्रोल करके हम लाइफ को बढ़ा सकते हैं. इससे होने वाले लक्षणों को कम किया जा सकता है और एक बेहतर क्वॉलिटी ऑफ़ लाइफ दी जा सकती है.एडवांस्ड स्टेज को भी रेडिएशन, कीमोथेरेपी या एंड्रोजन डिप्राईवेशन थैरेपी से कंट्रोल करते हैं
उम्मीद है प्रोस्टेट कैंसर के बारे में सही जानकारी आपके और दूसरों के ज़रूर काम आएगी.
वीडियो