हेपेटाइटिस. ये एक कंडीशन है. जिसका असर आपके लिवर पर पड़ता है. आपने हेपेटाइटिस का नाम बहुत बार सुना होगा जैसे हेपेटाइटिस ए, बी, सी वगैरह, वगैरह. पर ये होता क्या है, ये मालूम है आपको? नेशनल सेंटर फ़ॉर डिजीज़ कंट्रोल के मुताबिक, हिन्दुस्तान में चार करोड़ से ज़्यादा लोग हेपेटाइटिस बी से ग्रसित हैं. ये इतना आम है. पर इसको लेकर लोगों में बहुत ही कम जानकारी है. और इस बात पर हमारा ध्यान दिलाया लंकेश ने. बहादुरगढ़ के रहने वाले हैं. 32 साल के हैं. इन्हें हेपेटाइटिस बी है. वो चाहते हैं हम हेपेटाइटिस के बारे में सही जानकारी लोगों तक पहुंचाएं. इससे काफ़ी लोगों को मदद मिलेगी. तो चलिए. सबसे पहले जानते हैं हेपेटाइटिस क्या होता है और उसके होने के क्या कारण हैं? क्या होता है हेपेटाइटिस? ये हमें बताया डॉक्टर हर्षल ने.

डॉक्टर हर्षल छोटकर, जेनरल सर्एजन, सएमबीटी मेडिकल कॉलेज, नासिक
हेपेटाइटिस का सरल अर्थ है लिवर पर आई हुई सूजन. वैसे तो हेपेटाइटिस के मुख्य प्रकार वायरल हेपेटाइटिस को ही समझा जाता है. पर ये कई अन्य कारणों से भी होता है. जैसे ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस. इसमें हमारी ही बॉडी का इम्यून सिस्टम, हमारे ही लिवर की कोशिकाओं पर अटैक कर देता है. जिस कारण हेपेटाइटिस होता है. शराब के सेवन से भी हेपेटाइटिस होता है. टॉक्सिन्स या औषधियों के सेवन से होने वाला हेपेटाइटिस. वायरल हेपेटाइटिस के मुख्य पांच प्रकार हैंः हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई.
-हेपेटाइटिस ए वायरस से होने वाली बीमारी है. ये दूषित खाना खाने से होता है. साथ थ ही बिना हाथ धोए खाना खाने से हेपेटाइटिस ए होने की संभावना बढ़ जाती है. ये ज़्यादातर यंग एज में होता है. पर अडल्ट और बुजुर्गों में भी हो सकता है.

-हेपेटाइटिस बी, सी, और डी एक साथ समझते हैं. हेपेटाइटिस बी और डी गंभीर रूप अपना सकते हैं. इनके चलते लिवर का कैंसर भी हो सकता है. अगर बीमारी ज़्यादा समय तक चले तो. ये ज़्यादातर दूषित खून या दूषित बॉडी के फ्लूइड (जैसे थूक, बलग़म या पेशाब) के संपर्क में आने से होता है. हेपेटाइटिस बी, सी, और डी के प्रेग्नेंट औरत से बच्चे को होने की संभावना बढ़ जाती है. हेल्थ केयर वर्कर्स जो इन दूषित बॉडी फ्लूइड के संपर्क में आते हैं, उनमें भी हेपेटाइटिस बी, सी, और डी होने की संभावना बढ़ जाती है
कारण आपने जान लिए. अब बात करते हैं इसके लक्षण और इलाज की. हेपेटाइटिस ए के लक्षण और इलाज -बुखार, सिर दर्द, पेट दर्द, जी मचलना, उल्टी होना, जॉन्डिस, हेपेटाइटिस ए के लिए मार्केट में वैक्सीन उपलब्ध हैं.

-हाथ धोकर ही खाना खाएं. हेपेटाइटिस ए का इलाज सिम्प्टमेटिक होता है. यानी हर लक्षण के हिसाब से उसे ठीक करने के लिए अलग-अलग दवाई दी जाती है. हेपेटाइटिस ए की तरह ही होता है हेपेटाइटिस ई. इसके लक्षण और इलाज हेपेटाइटिस ए जैसे ही होते हैं हेपेटाइटिस बी, सी और डी के लक्षण और इलाज पेट दर्द, पीले रंग का पेशाब होना, बुखार आना, जोड़ों में दर्द, भूख कम लगना, जी मचलना, कमज़ोरी होना, जॉन्डिस, अगर ये बीमारियां लंबे समय तक चलें तो लिवर फेलियर भी हो सकता है, जिसकी वजह से लिवर सिरोसिस या असाईटिस हो सकता है.

-लिवर फेलियर के कारण खून की उल्टियां होती हैं, ये हेपेटाइटिस का सीरियस फॉर्म है.
-हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन मार्केट में उपलब्ध हैं, ये वैक्सीन हेपेटाइटिस बी और डी से बचने में मदद करती है
-हेपेटाइटिस सी के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है
-ये समझना ज़रूरी है कि किसी भी दूषित सुई से टैटू या पियरसिंग (कान या नाक छिदवाना) न करवाएं
-नाई के पास जाते समय सावधानी बरतें कि नया ब्लेड इस्तेमाल किया गया हो
-किसी और का इस्तेमाल किया गया ब्लेड दोबारा इस्तेमाल न किया जाए
-इनके इलाज में एंटी वायरल दवाइयां दी जाती हैं
-ये दवाइयां हेपेटाइटिस बी और डी के इलाज में काफ़ी मदद करती हैं
-हेपेटाइटिस सी के लिए सटीक उपचार अभी उपलब्ध नहीं है
जब हेपेटाइटिस ख़तरनाक रूप ले लेता है तो लिवर फेलियर हो सकता है और कैंसर हो सकता है. ऐसे पेशेंट में लिवर ट्रांसप्लांट एक मात्र उपाय है.
इसलिए, अगर आप इस तरह के लक्षणों से अगर लगातार जूझ रहे हैं तो अपना लिवर फंक्शन टेस्ट ज़रूर करवाएं. इससे आप समय रहते गंभीर बीमारी से बच सकते हैं.
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