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पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग और तेज दर्द बिल्कुल ना करें इग्नोर, इनफर्टिलिटी का खतरा हो सकता है

एडिनोमायोसिस के गंभीर मामलों में ऑपरेशन ही एकमात्र ऑप्शन बचता है.

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पीरियड्स के बाद भी पेट दर्द कर रहा है तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं (सांकेतिक फोटो)

लल्लनटॉप की एक 38 साल की व्यूअर ने हमें सेहत पर मेल किया. उन्होंने बताया है कि उन्हें लंबे समय से पीरियड्स के दौरान काफी हैवी ब्लीडिंग हो रही है. साथ ही पीरियड्स चले जाने के बाद भी पेट के निचले हिस्से में काफी दर्द भी है. जिस वजह से वो दिनभर परेशान रहती हैं. हाल ही डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उन्हें एडिनोमायोसिस (Adenomyosis) नाम की कंडीशन है. और उनका यूटरस निकालना पड़ेगा. एडिनोमायोसिस महिलाओं में होने वाली एक ऐसी कंडीशन है, जिसकी वजह से उन्हें इनफर्टिलिटी की समस्या भी हो सकती है. डॉक्टर से समझते हैं कि एडिनोमायोसिस क्या है और इसका इलाज मुमकिन है या नहीं?  

'एडिनोमायोसिस' क्या है?

ये हमें बताया डॉक्टर सात्विक डे ने. 

( डॉक्टर सात्विक डे, गायनेकोलॉजिस्ट और इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट )

एडिनोमायोसिस में गर्भाशय (Uterus) का आकार बढ़ जाता है. गर्भाशय की सबसे अंदर वाली परत को एंडोमेट्रियम (Endometrium) कहते हैं. हर महीने माहवारी के दौरान एंडोमेट्रियम ब्लीडिंग के रूप में बाहर निकल जाती है. और हर महीने हॉर्मोन्स के प्रभाव से ये फिर से बनती है. लेकिन एडिनोमायोसिस के दौरान एंडोमेट्रियम के टिशू गर्भाशय के मसल के अंदर इकट्ठे होने लगते हैं. इस वजह से हर महीने पीरियड्स के दौरान ये टिशू ब्लीडिंग के साथ बाहर नहीं निकल पाते. इससे गर्भाशय का आकार बढ़ने लगता है.

किस उम्र में एडिनोमायोसिस के मामले ज्यादा पाए जाते हैं?

एडिनोमायोसिस के मामले 40 से 50 साल की महिलाओं में ज्यादा देखे जाते हैं. लेकिन आजकल 30 से 40 साल की महिलाओं में भी एडिनोमायोसिस देखा जा रहा है

लक्षण

एडिनोमायोसिस में पीरियड्स के दौरान ज्यादा खून बह जाता है या कई दिनों तक खून बह सकता है. पीरियड्स के दौरान पेट में दर्द या पीरियड्स नहीं होंने पर पेट के निचले हिस्से में दर्द होता  है. सेक्स के दौरान दर्द होता है. कुछ मरीजों में इनफर्टिलिटी की दिक्कत भी हो सकती है.

इलाज

एडिनोमायोसिस का इलाज कई तरह से किया जाता है. दवाइयों और सर्जरी दोनों के जरिए इलाज किया जाता है. एडिनोमायोसिस के मरीजों को पहले जो दवाई दी जाती थी वो कम असरदार थी. अब एक नई दवाई डायनोजेस्ट (Dienogest) आई है. ये एडिनोमायोसिस में काफी असरदार है. साथ ही मिरेना (Mirena) नाम से एक कॉपर टी का भी इस्तेमाल किया जाता है. ये कॉपर टी प्रोजेस्ट्रॉन (Progestogen) हॉर्मोन रिलीज करती है. इस कॉपर टी को गर्भाशय में लगाया जाता है. 

लेकिन कुछ मरीजों को दवाइयों और कॉपर टी से राहत नहीं मिलती, ब्लीडिंग और दर्द खत्म नहीं होता. ऐसे मामलों में सर्जरी ही एक ऑप्शन बचता है. यानी ऑपरेशन के जरिए गर्भाशय को निकाला जाना. ये ऑपरेशन दूरबीन यानी लेप्रोस्कोपी (Laparoscopy) और ओपन सर्जरी दोनों तरीकों से किया जाता है.

यानी एडिनोमायोसिस का इलाज कुछ कंडीशंस में संभव है. इसलिए समस्या होने पर डॉक्टर से जांच ज़रूर करवाएं. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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