एपी श्रीवास्तव. सोशल वर्कर हैं. 15 साल से कुष्ठ रोग के मरीज़ों के लिए काम कर रहे हैं. इस बीमारी को आप कोढ़ या लेप्रसी के नाम से भी जानते हैं. उन्हें ईमेल पर हमें परेशान कर देने वाली कहानियां बताईं. 11 साल का विशु. उसे कुष्ठ रोग है. इसलिए न उसका किसी स्कूल में एडमिशन हो पता है. न ही उसका बचपन दूसरे बच्चों जैसा है.55 साल के मिलिंद को उनके परिवार ने छोड़ दिया है, क्योंकि उन्हें कुष्ठ रोग है. मिलिंद शेल्टर होम में रहते हैं. एपी श्रीवास्तव चाहते हैं कि हम अपने शो के ज़रिए लोगों तक कुष्ठ रोग के बारे सही जानकारी पहुंचाएं. क्योंकि आज भी लोगों में कुष्ठ रोग को लेकर बहुत सारी ग़लतफ़हमियां हैं. शायद लोगों ये भी नहीं पता है कि अब इसका इलाज मुमकिन है.
देश में कुष्ठ रोग को खत्म करने के लिए एक बहुत बड़ा प्रोग्राम चल रहा है. जिसका नाम है National Leprosy Eradication Program. पर इसके बावजूद यहां हर साल कुष्ठ रोग के एक लाख 30 हज़ार तक केसेज़ रिपोर्ट किए जाते हैं. तो आज कुष्ठ रोग के बारे में कुछ ज़रूरी बातें समझ लेते हैं.
क्या और क्यों होता है कुष्ठ रोग?
ये हमें बताया डॉक्टर प्रांजल जोशी ने. एमडी, डर्मेटोलॉजिस्ट, वार्सिटी स्किन एंड वेलनेस क्लिनिक, दिल्ली.

-कुष्ठ रोग एक संक्रामक बीमारी है जो Mycobacterium Leprae नाम के जीवाणु से होती है. ये छींकने या खांसने के वक्त निकलने वाली छींटों में मौजूद जीवाणु से फैलता है. हालांकि, इसमें एक व्यक्ति से दूसरे को संक्रमण होने की संभावना बहुत कम होती है. इसकी तुलना में सर्दी-ज़ुकाम ज्यादा तेज़ी से फैलता है. जब कोई स्वस्थ व्यक्ति बीमार व्यक्ति के संपर्क में लंबे समय तक रहता है, तब ही कुष्ठ रोग फैलता है.
- कुपोषित व्यक्तियों के इस बीमारी से संक्रमित होने की संभावना ज्यादा होती है.

-शरीर के वो हिस्से जिनका तापमान बाकी हिस्सों से कम रहता है जैसे हमारी स्किन, नसें, आंखें, कान और नाक. इन हिस्सों में बीमारी का प्रभाव ज़्यादा देखा जाता है
-इस बीमारी में नज़र कमज़ोर हो जाती है
-हाथ और पैर सुन्न पड़ जाते हैं
-इस कारण मरीजों के हाथों और पैरों में चोट लगती रहती है, जिसपर घाव होते रहते हैं. क्योंकि ये हिस्से सुन्न रहते हैं इसलिए मरीज़ों को पता ही नहीं चलता. इन घाव पर इन्फेक्शन हो जाता है. जिस कारण लंबे समय तक ये ठीक नहीं होते और बढ़ते चले जाते हैं
-हाथों और पैरों की वो मांसपेशियां जो इन नसों से जुड़ी हुई हैं उनमें भी विकृति आ जाती है. इस कारण से हाथ और पैरों में अकड़न आ जाती है
कुष्ठ रोग होने के पीछे क्या कारण है, वो आपने डॉक्टर साहब से समझ लिया. अब सबसे ज़रूरी बात. कुष्ठ रोग को लेकर फैली कुछ आम ग़लतफ़हमियां जो हमें दूर करनी हैं. और साथ ही, इसका इलाज क्या है.
मिथक
-कई लोग ऐसा मानते हैं कि कुष्ठ रोग एक अभिशाप है. ऐसा बिलकुल भी नहीं है. ये एक बीमारी है. इलाज के बाद कुष्ठ रोग का मरीज़ पूरी तरह ठीक हो जाता है.
-लोगों को लगता है ये बहुत ही संक्रामक बीमारी है. ऐसा बिलकुल भी नहीं है. ये बीमारी इतनी आसानी से नहीं फैलती है. फैलने में काफी लंबा समय लगता है
-कई लोगों को लगता है कि कुष्ठ रोगी के साथ बैठने, खाना खाने या हाथ मिलाने से कुष्ठ रोग फैल जाता है. ऐसा बिलकुल नहीं है
-कुष्ठ रोग छूने से नहीं फैलता
-ये फैलता है छींटों से जो नाक से निकलते हैं. अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको होने की संभावना बहुत कम है
-ऐसा माना जाता है कि कुष्ठ रोगी की उंगलियां पिघल जाएंगी. पिघल कर गिर जाएंगी. ऐसा नहीं है. घाव हाथ और पैर कमज़ोर होने के कारण पड़ते हैं. स्किन सुन्न पड़ जाती है. घाव की केयर न हो पाने की वजह से वो भरते नहीं

-अगर सही समय पर इन घावों का इलाज करें तो ये ठीक हो सकते हैं
-कई लोगों को लगता है कि अगर किसी को कुष्ठ रोग हो गया है तो उसे जीवनभर अपने घरवालों से अलग रहना पड़ेगा. ऐसा करने की ज़रूरत नहीं है
-एक बार अगर इलाज शुरू हो जाता है तो संक्रमण होने की संभावना एकदम न के बराबर हो जाती है
इलाज
-कुष्ठ रोग का काफ़ी समय से इलाज मौजूद है, सरकार की तरफ से मुफ़्त में मुहैया करवाया जाता है
-इसका इलाज 6 महीने से लेकर 1 साल तक चलता है
-खाने की कुछ दवाइयां ही इसका इलाज है, जिनका कोर्स पूरा करना होता है.
- दोबारा संक्रमण होने की भी कोई संभावना नहीं है
-अगर हाथ और पैरों में उत्पन्न हुई विकृति की बात करें तो उसका भी आधुनिक सर्जरी के द्वारा इलाज मुमकिन है
-जिन कामों को करने के लिए फाइन कंट्रोल चाहिए वो भी किया जा सकता है
अगर आपको कुष्ठ रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो आज ही कुष्ठ रोग विशेषज्ञ के पास जाएं
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