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सिरिषा बंदलाः NASA में नहीं मिली थी एंट्री, अब स्पेस जाकर बचपन का सपना पूरा किया

वर्जिन गैलेक्टिक के Unity 22 से स्पेस की सैर करके आने वाली सिरिषा स्पेस जाने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला हैं.

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Sirisha Bandla भारतीय मूल की तीसरी महिला हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष यात्रा की. (फोटो: ट्विटर)
अंतरिक्ष यात्रा करने वाली भारतीय मूल की महिलाओं की लिस्ट में अब एक और नाम जुड़ गया है. कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बाद अब सिरिषा बंदला अंतरिक्ष यात्रा कर आई हैं. उन्होंने यह यात्रा कारोबारी रिचर्ड ब्रैन्सन के साथ की. रिचर्ड ब्रैन्सन वर्जिन ग्रुप के फाउंडर हैं. रिचर्ड अपने साथ सिरिषा के अलावा चार और लोगों को अंतरिक्ष यात्रा पर ले गए थे. अमेरिका के न्यू मेक्सिको से शुरू की गई यह यात्रा कमर्शियल स्पेस जर्नी के क्षेत्र में रिसर्च के उद्देश्य से की गई. जिस स्पेसप्लेन से यह यात्रा की गई, उसे VSS यूनिटी नाम दिया गया. इस स्पेसप्लेन में सवार होने से पहले सिरिषा बंदला ने ट्वीट किया,
"यूनिटी 22 के क्रू और उस कंपनी, जिसका उद्देश्य सभी के लिए अंतरिक्ष यात्रा को आसान करना है, का हिस्सा बनकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है."
बचपन का सपना पूरा हुआ भारतीय मूल की सिरिषा का जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में हुआ था. उनके दादा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सिरिषा बचपन से ही आसमान में उड़ने की चाहत रखती थीं. वो उनसे हमेशा चांद और सितारों की बातें करतीं.
चार साल की उम्र में सिरिषा भारत से अमेरिका चली गईं. टेक्सस के ह्यूस्टन में उनकी परवरिश हुई. शुरुआती पढ़ाई के दौरान ही उनका रुझान अंतरिक्ष की तरफ बढ़ता गया. बाद में उन्होंने साल 2011 में परड्यू यूनिवर्सिटी से एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स में बैचलर्स डिग्री हासिल की. आगे साल 2015 में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से मास्टर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई पूरी की.
Unity 22 के क्रू सदस्य. Sirisha Bandla दाईं तरफ पीछे वाली सीट पर बैठी हैं. (फोटो: ट्विटर)
Unity 22 के क्रू सदस्य. Sirisha Bandla दाईं तरफ पीछे वाली सीट पर बैठी हैं. (फोटो: ट्विटर)

सिरिषा जानी मानी स्पेस एजेंसी नासा का हिस्सा बनना चाहती थीं. लेकिन आंखों में दिक्कत की वजह से उनका यह सपना पूरा नहीं हुआ. हालांकि, परड्यू यूनिवर्सिटी में उनके एक प्रोफेसर ने उन्हें कमर्शियल स्पेस फ्लाइट्स के बारे में बताया. जिसके बाद उन्होंने इस क्षेत्र में करियर तलाशा. साल 2015 में उन्होंने वर्जिन गैलैक्टिक कंपनी ज्वाइन की. यहां वो गवर्नमेंट अफेयर्स की वाइस प्रेजिडेंट हैं. और अब उन्हें अंतरिक्ष यात्रा करने का मौका मिला. वीएसएस यूनिटी में सिरिषा एक रिसर्चर के तौर पर सवार हुईं. भारत से बना हुआ है जुड़ाव बचपन से ही अमेरिका में रहने के बाद भी सिरिषा का भारत से जुड़ाव बना हुआ है. डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, सिरिषा हर साल भारत आती हैं. इस साल वे दिसंबर में भारत आने वाली हैं. पिछले साल नवंबर में आई थीं. भारत में उनका बचपन गुंटूर के तेनाली में बीता. अपनी नानी के यहां. सिरिषा के माता-पिता अमेरिकी सरकार के लिए काम करते हैं. फिलहाल उनकी पोस्टिंग भारत में है.
वर्जिन गैलेक्टिक में अपना करियर शुरू करने से पहले सिरिषा वाशिंगटन डीसी में बेस्ड कमर्शियल स्पेसफ्लाइट फेडरेशन में एसोसिएट डायरेक्टर थीं. उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक सिरिषा ने यहां 2012 से लेकर 2015 तक काम किया. उससे पहले वे L-3 कम्युनिकेशन इंट्रीग्रेटेड सिस्टम में बतौर मेकानिकल इंजीनयर जुड़ी रहीं.
इस उपलब्धि के बाद 34 साल की सिरिषा को हर तरफ से बधाई मिल रही है. दूसरी तरफ इस पूरी यात्रा को कमर्शियल स्पेस जर्नी की क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. सिरिषा फिलहाल फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर अपनी रिसर्च कर रही हैं.