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मिस इंडिया या मिस यूनिवर्स बनने वाली महिलाएं ये बातें ब्यूटी कॉन्टेस्ट में क्यों नहीं कहतीं?

ब्यूटी कॉम्पीटिशंस में तय किए गए खूबसूरती के पैमाने कई लड़कियों पर गलत असर डालते हैं

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सिनी शेट्टी/हरनाज़ संधू

3 जुलाई को खबर आई कि कर्नाटक की सिनी शेट्टी 2022 की मिस इंडिया चुन ली गई हैं. महामारी की वजह से पिछले साल ये कॉन्टेस्ट हो नहीं पाया था. तो 2020 के बाद सीधे 2022 में ये कॉम्पिटीशन हुआ. सिनी को 2020 की विजेता मानसा वाराणसी ने मिस इंडिया का ताज पहनाया. सिनी अब मिस वर्ल्ड कॉम्पिटीशन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.

सिनी ने अकाउंटिंग और फाइनेंस में ग्रेजुएशन किया है. (तस्वीर- इंस्टाग्राम)

अब थोड़ा पीछे चलते हैं. 12 दिसंबर 2021 के दिन भारत की हरनाज़ संधू ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता. हरनाज़ ने मिस यूनिवर्स वाले जोन में भारत का 21 साल का इंतजार खत्म किया था. इससे पहले साल 2000 में लारा दत्ता और 1994 में सुष्मिता सेन मिस यूनिवर्स बनी थीं. पिछले साल हरनाज़ संधू की तरह फाइनल राउंड में उनके जवाब की भी खूब चर्चा हुई. हरनाज़ से पूछा गया था, 'दबावों से निपटने के लिए वो युवा महिलाओं को क्या सलाह देना चाहेंगी'. इस पर हरनाज़ ने कहा था-

"मुझे लगता है कि आज का युवा अपने ऊपर विश्वास करने का ही एक दबाव महसूस कर रहा है, यह जानना बेहद जरूरी है कि आप यूनिक हैं और यही आपको सुंदर बनाता है. दूसरों से खुद की तुलना करना बंद करें और दुनिया में हो रही सबसे महत्वपूर्ण चीजों के बारे में बात करें. यही चीज आपको समझने की जरूरत है.''

मिस यूनिवर्स बनते ही ट्रोलिंग का शिकार हुई थीं हरनाज़

हरनाज़ के कहने का मतलब था कि आपका यूनीक होना ही आपको सुंदर बनाता है. लेकिन क्या इन ब्यूटी कॉम्पीटिशंस में उस यूनीकनेस को जगह दी जाती है? अगर कभी आपने मिस इंडिया या इस तरह का कोई भी ब्यूटी पेजेंट देखा है तो आप पाएंगे कि मंच पर मौजूद ज्यादातर लड़कियों का स्किन टोन, फेस कट, शरीर की बनावट सब लगभग एक जैसे रहते हैं. यहां तक कि उनकी मुस्कान भी. और क्राइटेरिया की बात करें तो वो कुछ ऐसी है-

- प्रतिभागी की हाइट यानी लंबाई 5 फीट  5 इंच से कम नहीं होनी चाहिए.


- इस कॉन्टेस्ट में उम्र की सीमा भी तय की गई है जिसके हिसाब से प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली लड़की की उम्र 18 से 25 साल के बीच होनी चाहिए. अगर कोई लड़की 25 की उम्र क्रॉस कर चुकी है, तो भी 27 की होने तक वो इस कॉम्पिटीशन में हिस्सा ले सकती है. लेकिन उसे सेकंड और थर्ड पोजिशन ही मिलेगी. पहली नहीं.


- प्रतिभागी को शादीशुदा नहीं होना चाहिए और तो और रिलेशनसिप स्टेटस भी सिंगल होना चाहिए.

इस क्राइटेरिया में ये बात कहीं नहीं लिखी कि मिस इंडिया का रंग कैसा हो चेहरे की बनावट कैसी हो.पर फिर भी स्टेज पर सबकुछ आइडेंटिकल दिख रहा होता है. और ऐसा केवल मिस इंडिया के साथ नहीं है. दुनिया के हर देश में होने वाले ब्यूटी पैजेंट में यही होता है. क्योंकि जब हम मिस यूनिवर्स या मिस वर्ल्ड का मंच भी जब देखते हैं तो वहां भी यही नज़र आता है. फर्क बस पैजेंट्स की एथनिसिटी की वजह से दिखने वाले अंतर का होता है.

ब्यूटी कॉन्टेस्ट्स ने खूबसूरती के कथित पैमाने तय कर रखे हैं. क्या आप इमेजिन कर सकते हैं कि शारीरिक मानकों को पूरा ना करने वाली कोई लड़की ऐसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकती है? इसका जवाब है नहीं. क्योंकि एक तो इतने सालों से जो लकीर खींच दी गई है उसके चलते इस खाके में फिट नहीं बैठने वाली कई लड़कियां तो खुद को ही डिसक्वालिफाई कर देती हैं. वहीं, जो हिम्मत करके इन कॉम्पिटीशंस तक जाती हैं उन्हें देखकर ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. और बाहर का रास्ता दिखाने वाला चलन केवल पैजेंट पर खत्म नहीं होता. अगर किसी महिला का पैजेंट जीतने के बाद या कॉम्पिटीशन के बाद वज़न बढ़ जाता है, तो लोग उसे भी ट्रोल करने से पीछे नहीं हटते और मॉडलिंग इंडस्ट्री उन्हें या तो काम देना बंद कर देती है. या फिर प्लस साइज़ मॉडल्स की कैटेगिरी में डाल देती है. प्लस साइज़ मॉडल्स यानी वो मॉडल्स जो ऐसे प्रोडक्ट्स के लिए मॉडलिंग करती हैं जो मोटे लोगों के लिए बनाए जाते हैं. मोटा शब्द सुनकर ऑफेंड न हों, ये एक सामान्य शब्द है, जिसके ऊपर इतने जोक बनाए गए हैं कि लगता है कि ये ऑफेंसिव है, पर ऐसा है नहीं.

मिस यूनिवर्स बनने के कुछ महीनों के बाद ही हरनाज़ संधू एक फैशन कार्यक्रम में रैंप वॉक कर रही थीं. इस दौरान लोगों की नज़र हरनाज़ के बढ़े हुए वजन पर पड़ी जिसके बाद सोशल मीडिया पर हरनाज़ को जमकर ट्रोल किया गया. जिन लोगों ने कुछ दिनों पहले हरनाज़ को कथित आइडियल फिगर में देखा था वो हरनाज़ का बढ़ा हुआ वजन बर्दाश्त नहीं कर पाए. लोगों ने बिना जाने समझे हरनाज़ को उनके वजन को लेकर खूब भला-बुरा कहा. पूरा रायता फैलने के बाद पता चला कि हरनाज़ सिलिएक नाम की एक बीमारी से जूझ रही हैं जिसकी वजह से उनके शरीर का भार घटता-बढ़ता रहता है.

वजन बढ़ने को लेकर हरनाज़ को काफी ट्रोल किया गया था. (तस्वीर- सोशल मीडिया) 

साल 2019 में इस मामले पर एक पूर्व मिस यूनिवर्स ने अपना एक्सपीरियंस शेयर किया था. साल 2014 में कोलंबिया की पॉलिना वेगा मिस यूनिवर्स चुनी गई थीं. पॉलिना ने बताया कि मिस यूनिवर्स बनने के कुछ महीने के बाद उनका वजन एक किलो बढ़ गया था. इस वजह से मॉडलिंग एजेंसी ने कैटवॉक करने वाली मॉडल कंसीडर करना बंद कर दिया और प्लस साइड मॉडल की कैटेगेरी में डाल दिया.

इन सौंदर्य प्रतियोगिताओं ने खूबसूरती के जो पैमाने तय कर दिए हैं वो कई युवा लड़कियों के मन पर गलत असर डालते हैं. लड़कियां कम्प्लेक्स का शिकार होती हैं, उन्हें लगता है कि अगर वो उन मॉडल्स जैसी नहीं दिखती हैं तो वो फिट नहीं हैं, आकर्षक नहीं हैं. जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए. आखिर में बस इतनी सी बात कि आप जैसे भी दिखते हों, पतले हों, मोटे हों, नाटे हों, लंबे हों वो आपकी खासियत है. कोई और कैसा दिखता है, इससे ये तय नहीं होता कि आप कैसे हैं.