ऑडियो सोशल मीडिया ऐप क्लब हाउस. एक बार फिर इसकी एक ऑडियो क्लिप लीक हुई है. जिसमें मुस्लिम महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बातें कही जा रही हैं. उनके प्राइवेट पार्ट्स पर बात हो रही है, उनका रेप करने की बातें हो रही हैं.
क्या है वायरल ऑडियो में
17 जनवरी की रात @Jaiminism नाम के हैंडल से ट्वीट किया गया. ट्वीट में 'ट्रिगर वॉर्निंग' देते हुए clubhouse के एक ग्रुप चैट का स्क्रीन रिकॉर्ड भेजा गया. ग्रुप चैट का टॉपिक था 'मुस्लिम लड़कियां हिंदू लड़कियों से ज्यादा खूबसूरत होती हैं | गर्ल्स ओपिनियन.'
इसमें एक शख्स कहता है कि आखिर में उसके जैसे RSS भक्त सारी मुस्लिम लड़कियों की 'घर वापसी' करवाएंगे. एक और शख्स कहता है कि उसने सुना है कि मुस्लिम महिलाओं से सेक्स करने से सारे पाप धुल जाते हैं. एक शख्स ने कहा कि उसने सुना है कि मुस्लिम महिलाओं से सेक्स करना सात मंदिर बनाने जैसा होता है, इसमें ऐड करते हुए एक दूसरा शख्स कहता है कि इसमें बाबरी मस्जिद तोड़ने जितना पुण्य मिलता है. (एग्जैक्ट शब्द बेहद आपत्तिजनक हैं, इस वजह से हम उनका इस्तेमाल यहां नहीं कर सकते हैं.)
ClubHouse के वायरल ग्रुप चैट में शामिल लोग.
इस ऑडियो में महिलाओं के जननांगों और उनके रंग पर भी लोग टिप्पणी कर रहे हैं. वो बता रहे हैं कि दोनों कैसे अलग होते हैं.
इसी ऑडियो में एक शख्स कह रहा है कि उसके पिता ब्राह्मण हैं और उसकी मां मुस्लिम है. वो कह रहा है कि उसे अपनी मां के जननांगों पर क्रश हो गया है, वो पूछ रहा है कि इसके लिए वो अपनी मां को कैसे मनाए? इस पर लोग उसे अपने पिता को मार देने तक का सुझाव दे रहे हैं. वो शख्स ये तक कह रहा है कि ऐसा करने पर उसका नाम धार्मिक किताबों में दर्ज हो जाएगा.
दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस को भेजा नोटिस
इस मामले में संज्ञान लेते हुए दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली साइबर क्राइम सेल को नोटिस जारी किया है. मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ भद्दी टिप्पणी करने वाले लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की. 18 जनवरी की शाम दिल्ली पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज किया. मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है. पुलिस ने IPC के सेक्शन 153 ए (अलग-अलग समूहों के बीच धर्म के आधार पर नफरत फैलाने की कोशिश), 295 A (किसी की धार्मिक भावना को आहत करने के लिए जाबूझकर उसके धर्म का अपमान करना), और 354 A (यौन शोषण) के तहत केस दर्ज किया है. इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने क्लबहाउस से भी इस संबंध में जानकारी मांगी है.
सुल्ली डील्स, बुल्ली बाई और अब ये
मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने के लिए हिंदू अतिवादी लंबे वक्त से अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. जुलाई, 2021 में सुल्ली डील्स ऐप सामने आया था. इस ऐप में मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें उनके सोशल मीडिया अकाउंट से चुराकर इस्तेमाल की गईं और उनकी बोली लगाई गई थी. ये ऐप गिटहब ओपन सोर्स पर बनाया गया था, महिलाओं ने रिपोर्ट दर्ज कराई, कई लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई तब जाकर इस ऐप को बैन किया गया. कुछ नेताओं ने ये मामला बार-बार उठाया लेकिन इस मामले में लंबे वक्त तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई. इस साल की शुरुआत में सुल्ली डील्स के जैसा ही एक और ऐप सामने आया इसका नाम था बुल्ली बाई. इसे भी गिटहब पर बनाया गया था. द वायर की पत्रकार इस्मत आरा ने पहली जनवरी को इस बारे में ट्वीट किया. बताया कि उनकी तस्वीरों का गलत इस्तेमाल करके इस ऐप पर उनकी बोली लगाई जा रही है.
एक ही ओपन सोर्स में बने होने के अलावा दोनों ही ऐप में कई समानताएं थीं. दोनों में मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाई जा रही थी, उनके लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा था, उनकी तस्वीरों का गलत तरीके के इस्तेमाल हो रहा था और दोनों में ही ऐसी महिलाओं को टारगेट किया जा रहा था जो सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखती हैं.
बाएं से दाएं. Sulli Deals मामले में गिरफ्तार किया गया ओंकारेश्वर ठाकुर और Bulli Bai मामले में गिरफ्तार किया गया नीरज बिश्नोई. पुलिस के मुताबिक, दोनों ने खुद को ट्रेड समूह का सदस्य बताया है. (फोटो: ट्विटर)
जब बुल्ली बाई ऐप सामने आया तब सरकार, पुलिस और सिस्टम पर सवाल उठने शुरू हुए. कि अगर सुल्ली बाई केस में कार्रवाई की गई होती, लोगों की गिरफ्तारी हुई होती तो आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का मन नहीं बढ़ता और बुल्ली बाई जैसा ऐप दोबारा सामने नहीं आता. 4 जनवरी को मुंबई पुलिस ने जानकारी दी कि बुल्ली बाई ऐप मामले में दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई है. बताया कि बुल्ली बाई ऐप के पीछे मास्टरमाइंड एक महिला है जिसे उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया है, वहीं दूसरे आरोपी की पहचान विशाल कुमार के तौर पर हुई, जो इंजीनियरिंग का स्टूडेंट है. इसके बाद 9 जनवरी को पुलिस ने मध्य प्रदेश के इंदौर से ओमकारेश्वर ठाकुर नाम के शख्स को सुल्ली डील्स ऐप के मामले में गिरफ्तार किया.
इसके अलावा मई, 2021 में ईद के दिन लिबरल डॉग नाम के यूट्यूब चैनल से पाकिस्तानी और भारतीय मुस्लिम महिलाओं की वर्चुअल नीलामी की गई थी. यह यूट्यूब चैनल रितेश झा नाम के एक व्यक्ति ने बनाया था. वर्चुअल नीलामी के दौरान मुस्लिम महिलाओं के ऊपर भद्दे और अश्लील कमेंट भी किए गए. उनकी रेटिंग की गई. लिबरल डॉग की लाइव वर्चुअल नीलामी के एक दिन बाद ट्विटर पर भी मुस्लिम महिलाओं की इसी तरह की वर्चुअल नीलामी की गई.
क्लब हाउस की बात करें तो ये पहली बार नहीं है जब किसी ग्रुप चैट में महिलाओं को निशाना बनाया गया हो. इससे पहले नवंबर, 2021 में क्लबहाउस की एक चैट लीक हुई थी जिसमें कुछ लोग महिलाओं की बोली लगा रहे थे, उनसे रेप की बात कर रहे थे और महिलाओं के शरीर पर भद्दी टिप्पणियां कर रहे थे. जून, 2021 में क्लब हाउस का एक और चैट वायरल हुआ था जिसमें एक शख्स दावा कर रहा था कि वो सेक्स के लिए हॉट संघियों को खोजता है. पेपर बैग सेक्स
की बात कही गई थी.
ऐसे ऐप्स और बातों के पीछे मानसिकता क्या है?
इसमें संप्रदाय या विचारधारा विशेष के प्रति नफरत दिखता है. लेकिन उस नफरत को मैनिफेस्ट करने के लिए शिकार किसी महिला को बनाया जाता है. उनके खिलाफ भद्दी बातें कही जाती हैं, उनके शरीर-उनके जननांगों को लेकर अश्लील बातें कही जाती हैं. और जब भी इस तरह का कोई एक मामला सामने आता है तो अपने खेमे को 'सही' बताने के लिए एक खेमा कहता है कि वो बी तो हमारी औरतों के खिलाफ अश्लील बातें लिखते-बोलते हैं तो हम क्यों नहीं. लेकिन दोनों ही खेमे अल्टिमेटली औरत को ही निशाना बना रहे होते हैं. मानो औरत का शरीर कोई कोई किला हो, जिसे फतह कर लिया तो विजय निश्चित है. क्लब हाउस की ताज़ा चैट में कुछ इसी तरह की बातें हो रही हैं. फैक्ट ये है कि गणित में माइनस-माइनस मिलने पर प्लस होता है, असल जिन्दगी में दो गलत मिलकर सही नहीं हो सकते. फैक्ट ये है कि किसी भी महिला के बारे में, चाहे वो किसी भी धर्म की हो, आप अश्लील बातें नहीं कर सकते हैं, न ही उसकी अनुमति के बिना उसकी पर्सनल डिटेल्स आप कहीं शेयर कर सकते हैं. अगर ऐसा करते हैं तो यौन शोषण की धाराओं और IT एक्ट के तहत अपराधी हैं.